28 जनवरी 2013
दिसंबर में घटी रबर की खपत
टायर उद्योग की मांग और उत्पादन में कमी से प्राकृतिक रबर की खपत में दिसंबर महीने में एक साल पहले की तुलना में गिरावट आई है। दिसंबर, 2011 के मुकाबले यह कमी 1.3 फीसदी रही और रबर की खपत 84,795 टन से घटकर 78,000 टन रह गई। दूसरी ओर प्राकृतिक रबर का उत्पादन 3 फीसदी बढ़कर 1,06,800 टन से 1,10,000 टन हो गया।
हालांकि इस दौरान आयात में भी कमी दर्ज की गई। इसका प्रमुख कारण स्थानीय बाजारों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय बाजारों की कीमतों में बढ़ोतरी रही। नवंबर, 2012 के आखिरी हफ्ते के बाद से बाजार में गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है। वैश्विक कीमतों की तुलना में इस दौरान स्थानीय बाजारों में 20-25 रुपये प्रति किग्रा की गिरावट दर्ज की गई। भारतीय बाजारों में मांग की कमी के चलते भी टायर बनाने वाली दिग्गज कंपनियों को आयात में कटौती करनी पड़ी। चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक मानक मलेयिशाई रबर (एसएमआर-20) वैश्विक बाजार में सस्ते दाम में उपलब्ध होने से आयात में तेजी रही। दिसंबर में आयात करीब 35 फीसदी कम हुआ और 21,146 टन से घटकर 13,611 टन रह गया। आयात में गिरावट से संकेत मिलते हैं कि वर्ष 2012-13 के दौरान सालाना आयात 2,00,000 टन से कम ही रहेगा। पहले के अनुमानों के मुताबिक आयात के 2,50,000 टन का आंकड़ा पार करने की उम्मीद थी। 2011-12 के दौरान देश में कुल 2,05,050 टन का आयात किया गया जो अब तक का सर्वाधिक है। लेकिन अप्रैल-दिसंबर के दौरान कुल आयात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 1,37,031 टन के मुकाबले 1,68,686 टन रहा। कुल उत्पादन में भी 1.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज गई। पिछले वर्ष के 6,81,900 टन की तुलना में कुल उत्पादन 6,93,200 टन रहा। अप्रैल-दिसंबर के दौरान कुल खपत में भी 3.2 फीसदी की तेजी रही। इस दौरान कुल खपत पिछले साल के 7,19,215 से बढ़कर 7,42,330 टन हो गई।
कुछ दिनों पहले रबर बोर्ड ने कुल उत्पादन 9,30,000 टन होने और कुल खपत 10,06,000 टन रहने का अनुमान लगाया था, जिसमें 76,000 टन रबर की कमी की बात कही गई थी। (BS Hindi)
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