30 जनवरी 2013
कॉयर उत्पादों के निर्यात में 30 फीसदी की उछाल
पिछले वित्त वर्ष के दौरान नारियल के रेशे (जटाएं) और उससे बने उत्पादों के निर्यात में मात्रा के लिहाज से 28 फीसदी जबकि कीमत के लिहाज से 30 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस अवधि में 4,10,854 टन नारियल के रेशे और उससे बने उत्पादों का निर्यात हुआ और इसकी कुल कीमत 1052.62 करोड़ रुपये थी जबकि वित्त वर्ष 2010-11 में 3,21,016 टन का निर्यात हुआ था और इसकी कीमत 807.07 करोड़ रुपये रही थी।
कॉयर बोर्ड के चेयरमैन जी. बालाचंद्रन ने कहा, ' एमएसऐंडएमई मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2011-12 में 850 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखा था, लेकिन कुल कामयाबी 124 फीसदी रही।'
बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में उन्होंने कहा कि यूरोप के पारंपरिक बाजारों में आर्थिक संकट के बावजूद पिछले वित्त वर्ष में खास तौर से अफ्रीका व लैटिन अमेरिका पर ध्यान केंद्रित करने से बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिली। साल 2011-12 के दौरान 8 देशों को पहली बार निर्यात किया गया और इन देशों में मुख्य रूप से अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देश शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कॉयर उत्पादों के लिए चीन उभरता हुआ बाजार है क्योंकि पिछले वित्त वर्ष में वहां 200 करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात हुआ।
इस वित्त वर्ष में भी बोर्ड नए बाजारों पर ध्यान केंद्रित करेगा। बोर्ड इस वर्ष नैचुरल फाइबर प्रॉडक्ट्स पर आयोजित 24 अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में हिस्सा लेगा, जिनमें से 12 पूर्वी यूरोप, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल यूरो जोन में निर्यात न हो पाने से झटका लगा था, ऐसे में बोर्ड नए बाजारों की तलाश जोर-शोर से कर रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बोर्ड ने 1000 करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य रखा है और बोर्ड को भरोसा है कि इसे हासिल कर लिया जाएगा। दुनिया के करीब 80 देशों में भारत कॉयर उत्पादों का निर्यात करता है। (BS Hindi)
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