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20 मार्च 2021

मुंबई में बर्मा की अरहर, उड़द और तंजानिया का चना नरम, मसूर तेज

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा आयातित अरहर, उड़द का कोटा जारी करने से दालों की कीमतों पर दबाव देखा गया। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शनिवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा लाईन की अरहर और उड़द के साथ ही तंजानिया के चना की कीमतों में गिरावट आई, जबकि मध्य प्रदेश में खराब मौसम के कारण कनाडा और आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतें तेज हो गई।

मिलों की मांग से बर्मा की लेमन अरहर की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 4 लाख टन अरहर का आयात कोटा जारी कर दिया है। साथ ही डीजीएफटी ने वित्त वर्ष 2021-22 में मोजाम्बिक से दो लाख टन अरहर के आयात की अधिसूचना जारी कर दी है। अरहर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी कमजोर रही, जिस कारण मिलों की मांग भी सीमित ही रही। मार्च क्लोजिंग का असर भी व्यापार पर पड़ रहा है।

बर्मा उड़द एफएक्यू दोनों नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,150 रुपये और 7,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए उड़द के 1.5 लाख टन के आयात कोटे की की अंतिम तिथि को 31 मार्च, 2021 से बढ़ाकर 30 अप्रैल 2021 कर दिया है।

आने वाले दिनों में बर्मा से चेन्नई उड़द की आवक होने की संभावना है। बर्मा के यंगून से करीब 600 केंटनर (14,400 टन) उड़द लेकर चेन्नई के लिए 15 मार्च को डायरेक्ट वैसल रवाना हुआ। बर्मा के स्थानीय व्यापारी के अनुसार, दूसरा सीधा जहाज 25 मार्च को चेन्नई के लिए रवाना होने की उम्मीद है, इसमें 500-600 कंटेनरों लोड करने की उम्मीद है और तीसरे सीधे जहाज के 15 से 20 अप्रैल के बीच रवाना होने की उम्मीद है।

तंजानिया लाईन के चना की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 4,650-4,675 रुपये प्रति रह गए। मिलर्स पुराने आयातित चना के बजाए घरेलू मंडियों में आ रही नई फसल की खरीद को प्राथमिकता दे रहे हैं।

मध्य प्रदेश मौसम खराब होने के कारण दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की क्रिमसन किस्म की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है तथा घरेलू मंडियों में मसूर की नई आवक मौसम साफ रहा तो बढ़ेगी। वैसे भी घरेलू बाजार में मौजूदा भाव में स्टॉकिस्ट मसूर की खरीद नहीं कर रहे हैं।

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