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15 मार्च 2021

जौ का उत्पादन अनुमान कम, जौ की तेजी, मंदी कोरोना की स्थिर पर ​करेगी निर्भर

नई दिल्ली। राजस्थान की उत्पादक मंडियों में नए जौ की आवक शुरू हो गई तथा होली के बाद मौसम साफ रहा तो दैनिक आवकों में बढ़ोतरी होगी, जिससे मौजूदा कीमतों में 50 से 100 रुपये का मंदा तो आ सकता है, लेकिन बड़ी गिरावट की उम्मीद कम है क्योंकि उत्पादन अनुमान कम है।

राजस्थान की बूंदी मंडी में नए जौ की आवक 500 बोरियों की हुई तथा नया जौ 1,440 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर बिका। व्यापारियों के अनुसार आगे नई फसल की आवक बढ़ेगी, लेकिन उत्तर भारत के राज्यों में फिर 17 से 18 मार्च को मौसम खराब होने का डर है। अत: आगे मौसम की स्थिति कैसी रहती है, इस पर भी तेजी मंदी निर्भर करेगी। व्यापारियों के अनुसार हाल ही में जौ के निर्यात सौदे हुए हैं, इसलिए ज्यादा मंदा आने की उम्मीद नहीं है।

चालू रबी में जौ की बुआई 12 फीसदी घटकर 6.86 लाख हेक्टेयर में हुई जबकि पिछले रबी में इसकी बुआई 7.79 लाख हेक्टेयर में हुई थी। कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार जौ का उत्पादन 2020-21 में 19.9 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 17.2 लाख टन का हुआ था। हालांकि जानकारों के अनुसार चालू सीजन में बुआई में आई कमी से उत्पादन सरकारी अनुमान से कम रहेगा। पिछले साल नई फसल की आवक के समय लोकडाउन होने से जौ की कीमतें घटकर 1,100 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे आ गई थी। चालू सीजन में खपत तो ज्यादा होने का अनुमान है लेकिन जौ की कीमतों में बड़ी तेजी, मंदी कोरोना के मामलों पर भी निर्भर करेगी, क्योंकि महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के मामले बढ़े हैं, तथा देश के अन्य राज्यों में मामलों में बढ़ोतरी होने से लाकडॉउन का खतरा भी है। हालांकि आगे हालात समान्य रहे तो फिर जौ के दाम तेज ही होंगे।

जानकारों के अनुसार भारत से जौ का निर्यात नहीं के बराबर होता है लेकिन विश्व बाजार में दाम तेज होने से ईरान ने भारत से करीब 60 हजार टन जौ का आयात सौदा 267.50 डॉलर प्रति टन की ​दर से मार्च, अप्रैल​ शिपमेंट का किया है। 

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