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05 मार्च 2021

दिल्ली में अरहर, उड़द, चना और मसूर नरम, उड़द के दाम चेन्नई में शाम को बढ़े

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शनिवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, चना, उड़द और मसूर की कीमतों में गिरावट आई। चेन्नई में शाम को उड़द की कीमतों में 50 से 125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।

बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 50 रुपये घटकर 6,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की आवक कमजोर होने के बावजूद भाव में 50 रुपये की नरमी आकर दाम 5,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर में व्यापार 6,950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ, इसके भाव स्थिर ही बने रहे। चेन्नई में अरहर के भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 100-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,300 और 8,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मुंबई में कीमतों में आई नरमी का असर दिल्ली में उड़द की कीमतों पर रहा, तथा हाजिर में आयातित उड़द का स्टॉक कम होने के बावजूद भी कीमतों में गिरावट आई।

भारत सरकार ने 31 मार्च 2022 तक की अवधि के लिए 4 लाख टन उड़द का आयात कोटा जारी करने की घोषणा कर दी है।

इसी प्रकार, कोटा (राजस्थान) लाईन के साथ-साथ मध्य प्रदेश की पुरानी नेफेड द्वारा खरीदी हुई उड़द कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर दाम 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए। महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द की कीमत भी 50 रुपये घटकर दाम 7,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण शुक्रवार को मुंबई और दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उड़द का चार लाख टन का आयात कोटा जारी कर दिया है। बर्मा में हड़ताल होने के कारण विदेशी आपूर्ति जल्द होने की उम्मीद नहीं है।

बर्मा में उड़द एफएक्यू और एसक्यू के दाम स्थिर बने रहे। हड़ताल के कारण बंदरगाह पर लोडिंग, तथा अनलोडिंग का काम शुरू नहीं हो पाया है। बर्मा के आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, एक सप्ताह के अंदर म्यांमार में बैंकिंग लेनदेन और बंदरगाह संचालन फिर से शुरू होने की संभावना है।

दूसरी ओर, स्थानीय मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से, घरेलू बाजार में देसी उड़द की कीमतों मेंं क्वालिटीनुसार 50 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया।  

चेन्नई में शाम को नीचे भाव में मांग निकलने से उड़द की कीमतों में तेजी आई। बर्मा उड़द एसक्यू के दाम चेन्नई में 100 रुपये तेज होकर 7,950 रुपये, अप्रैल डिलीवरी के एसक्यू के भाव 125 रुपये बढ़कर 8,100 रुपये तथा एफएक्यू के दाम 50 रुपये तेज होकर 7,350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दिल्ली में, दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव 5,625 रुपये और 5,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। घरेलू मंडियों में नई मसूर की आवक शुरू हो गई है, जबकि आयातित मसूर का स्टॉक भी ज्यादा है। इसलिए मसूर में स्टॉकिस्टों की खरीद नहीं हो रही है। हालांकि पड़ते नहीं होने के कारण मसूर का आयात नहीं हो पायेगा।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शुक्रवार को कनाडा की मसूर की कीमतें मुंबई, कोलकाता, हजीरा, मुंद्रा और कांडला बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम मुंबई और कोलकाता में 25 रुपये घट गए। नई फसल की आवक बढ़ने एवं मिलों की मांग कमजोर होने के कारण मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में मसूर की कीमतों में क्वालिटीनुसार 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 36 रुपये की तेजी आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 23 रुपये का सुधार आया।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शुक्रवार को हरदा, केकड़ी और किशनगढ़ मंडियों में मूंग की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। दूसरी ओर, दैनिक आवक घटने के बावजूद भी मिलों की कमजोर मांग से मेड़ता और नागौर मंडियों में मूंग की कीमतों में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। इसी तरह, राजस्थान लाईन की मूंग में मांग कमजोर होने से दिल्ली के नया बाजार में इसके भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,000-7,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

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