नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से सोमवार को प्रमुख बाजारों में देसी अरहर की कीमतों में क्वालिटीनुसार मिलाजुला रुख देखा गया। मार्च क्लोजिंग के कारण व्यापार कम हो रहा है। डीजीएफटी ने 2 लाख टन मोज़ाम्बिक अरहर के आयात की अधिसचूना पिछले सप्ताह जारी की थी, साथ ही केंद्र सरकार ने भी 4 लाख टन अरहर के आयात के लिए वार्षिक कोटा भी जारी कर दिया है। लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर के दाम मुंबई में 50 रुपये घटकर क्रमश 6,300 रुपये और 5,750-5,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
सूत्रों के अनुसार, अप्रैल से विदेशों से अरहर की आवक होने का अनुमान है। पहले से ही, लगभग 15,000-20,000 टन सूडान लाईन की अरहर गोदामों में रखी हुई है। सूडान में अप्रैल से नई फसल की आवक शुरू होने की उम्मीद है और मई-जून में लगभग 35,000-40,000 टन आयात होने का अनुमान है। तंजानिया में पुरानी अरहर का 40,000-50,000 टन का स्टॉक अभी बाकी है जबकि तंजानिया में अरहर की बुवाई शुरू हो गई है तथा अरहर के अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अच्छे भावों के कारण बुआई बढ़ने की उम्मीद है। विदेश से अरहर का आयात बना रहने का अनुमान है, क्योंकि सरकार पहले ही कुल 6 लाख टन कोटा जारी कर चुकी है।
अरहर की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना, केंद्र सरकार द्वारा अरहर के लिए वार्षिक आयात कोटा जारी करने से समाप्त हो गई है। अरहर की कीमतों में अभी सीमित तेजी, बनी बनी रहने का अनुमान है, हालांकि, अरहर का फंडामेंटल कम पैदावार के कारण मजबूत हैं, क्योंकि सरकारी एजेंसियों के पास पुराना स्टॉक कम है, लेकिन महाराष्ट्र और कर्नाटक में अरहर का भारी भरकम स्टॉक है। जून में मौसम का पूर्वानुमान कमजोर आता है, या फिर इसमें देरी की आशंका बनती है तो अरहर की कीमतों में तेजी बन सकती है। उधर महाराष्ट्र में पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से आम की पैदावार और गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है, जिससे अरहर की कीमतों का समर्थन मिल सकता है।
22 मार्च 2021
केंद्र सरकार द्वारा आयात कोटा जारी करने से देसी अरहर की कीमतों पर दबाव
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