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31 मार्च 2021

अप्रैल के लिए 22 लाख टन चीनी का कोटा जारी

नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने अप्रैल 2021 में घरेलू बिक्री के लिए 22 लाखटन चीनी का कोटा जारी कर दिया है। अप्रैल में गर्मियों की मांग बढ़ने की उम्मीद में ज्यादा कोटा जारी किया गया है।
 
मार्च के लिए केंद्र सरकार ने 21 लाख टन का कोटा जारी किया था। होली का त्यौहार होने के कारण अधिक कोटा दिया गया था। पिछले साल अप्रैल में केवल 18 लाख टन चीनी का का कोटा जारी किया गया था। व्यापारियों के अनुसार पिछले साल कोरोना के कारण लॉकडाउन लागू होने के कारण चीनी की औद्योगिक खपत कम हुई थी। खपत का सीजन होने के कारण इस समय भी चीनी में मांग सामान्य की तुलना में कमजोर ही है।

पहली अप्रैल से हरियाणा और उत्तर प्रदेश से गेहूं की खरीद, पंजाब से 10 अप्रैल से

नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर खरीद हरियाणा और उत्तर प्रदेश की मंडियों से पहली अप्रैल 2021 से शुरू होगी, जबकि पंजाब से सरकारी खरीद 10 अप्रैल 2021 से शुरू की जायेगी। मध्य प्रदेश से सरकारी खरीद 27 मार्च से शुरू हो चुकी है।

भारतीय खाद्य निगम, एफसीआई के सूत्रों के अनुसार चालू रबी में गेहूं की खरीद का लक्ष्य 427.36 लाख टन का रखा गया है जबकि पिछले रबी विपणन सीजन 2020-21 में एमएसपी पर 389.92 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।

हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से पहली अप्रैल से गेहूं की एमएसपी पर खरीद शुरू होगी, जबकि मध्य प्रदेश और गुजरात की मंडियों से खरीद शुरू हो चुकी है। पंजाब की मंडियों से 10 अप्रैल से तथा बिहार की मंडियों से 20 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होगी।

चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 में पंजाब से गेहूं की खरीद का लक्ष्य 130 लाख टन का तय किया गया है जबकि पिछले रबी में राज्य से 127.14 लाख टन गेहूं की खरीद हो पाई थी। इसी तरह से हरियाणा से चालू रबी में 80 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है जबकि पिछले रबी में राज्य से 74 लाख टन गेहूं एमएसपी पर खरीदा गया था। मध्य प्रदेश से चालू रबी में गेहूं की खरीद का लक्ष्य 135 लाख टन का तय किया गया है, जबकि पिछले रबी में राज्य से 129.42 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी।

सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश से चालू रबी में 55 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया गया है जबकि पिछले रबी में राज्य से केवल 35.77 लाख टन गेहूं की खरीद ही हो पाई थी। राजस्थान से चालू रबी में खरीद का लक्ष्य 22 लाख टन का तय किया गया है जोकि पिछले रबी में खरीदे गए 22.25 लाख टन की तुलना में कम है। अन्य राज्यों में उत्तराखंड से 2.20 लाख टन, गुजरात से 1.50 लाख टन, बिहार से एक लाख टन, दिल्ली से 50 हजार टन, हिमाचल प्रदेश से 6 हजार टन, महाराष्ट्र से 3 हजार टन और जम्मू-कश्मीर से 10 हजार टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य तय किया है।

केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि पिछले रबी सीजन में 1,925 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद की गई थी।

कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू रबी सीजन 2020-21 में गेहूं का उत्पादन बढ़कर 10.92 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि पिछले रबी सीजन में 10.78 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।

मुंबई में अरहर, उड़द के दाम तेज, चेन्नई में उड़द की कीमतों में मंदा

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर बढ़ने से बुधवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में लगातार दूसरे दिन उड़द और अरहर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई जबकि चेन्नई में उड़द की कीमतों में मंदा आया।

बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी दोनों की कीमतों में 100-100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,350 रुपये और 7,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, व्यापारियों के अनुसार उड़द दाल में अप्रैल में मांग सुधरने की उम्मीद है।

लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,500 रुपये और 6,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

मार्च क्लोजिंग और होली की छुट्टियों के कारण चार अप्रैल तक महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में अधिकाशं मंडियां बंद होने के कारण दालों की आवक प्रभावित रहेगी।

चेन्नई में बर्मा उड़द एसक्यू के दाम 50 रुपये घटकर 8,000 रुपये और अप्रैल डिलवरी के 100 रुपये घटकर 8,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मई डिलीवरी के दाम भी 100 रुपये घटकर 8,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। एफएक्यू अप्रैल डिलवरी के दाम 7,250 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 23 रुपये की गिरावट आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 28 रुपये का मंदा आया।

30 मार्च 2021

दिल्ली में चना, अरहर, उड़द और मसूर तेज, मार्च क्लोजिंग के कारण आवक प्रभावित

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने एवं मार्च क्लोजिंग के कारण आवक प्रभावित होने से दिल्ली के नया बाजार में मंगलवार को चना, अरहर, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की अधिकांश मंडियां होली और मार्च क्लोलिंग की छुट्टियों के कारण 4 अप्रैल तक बंद रहेंगी। अत: मंडियां बंद होने से दलहन की आवक प्रभावित होगी, जिससे कीमतों में सुधार बना रह सकता है।

दिल्ली के लारेंस रोड़ पर चना की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर राजस्थानी चना के दाम 5,100 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के भाव 5,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दाल मिलों की हाजिर बढ़ने से बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 100 रुपये बढ़कर चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के भाव 6,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई में अरहर के भाव 125 रुपये बढ़कर 6,425 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर 6,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की के दाम 150 रुपये बढ़कर 6,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

बर्मा उड़द एसक्यू-एफएक्यू की कीमतों में 200-300 रुपये की तेजी दाम क्रमश: 8,250 रुपये और 7,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, चेन्नई में विदेशी आपूर्ति के बावजूद नीचे दाम पर मिलों की खरीद से कीमतों में सुधार आया हैं। आंध्र प्रदेश की नई उड़द की कीमतों में दिल्ली में 150 रुपये की तेजी आकर 7,800-7,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मध्यप्रदेश लाईन की नेफेड द्वारा खरीदी हुई उड़द भी 100 रुपये बढ़कर 7,000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गई।

दाल मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 75 से 100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,025 और 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। साथ ही आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है। जिस कारण बड़े खरीददार और मिलर्स घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे साथ ही मसूर में नीचे दाम पर मिलर्स की खरीद निकलने की उम्मीद है, क्योंकि आयातित माल आने की उम्मीद नहीं है।  

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 86 रुपये की तेजी आई, जबकि मई  वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 93 रुपये का सुधार आया।

मुंबई में अरहर, उड़द, मसूर, चना और काबुली चना के भाव तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग बढ़ने से सोमवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में अरहर, उड़द, मसूर, चना और काबुली चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

उड़द एफएक्यू नई और पुरानी की कीमतों में 200 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,200 और 7,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

तंजानिया के चना के दाम 25 रुपये बढ़कर 4,625 से 4,650 रुपये और रसिया के काबूली चना के दाम 100 रुपये बढ़कर 5,000 से 5,150 रुपये तथा सूडान का काबूली चना 50 रुपये तेज होकर 4,700 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।

कनाडा की मसूर के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम 125 से 150 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए।

बर्मा की लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर के दाम 250 रुपये तेज होकर मुंबई में भाव क्रमश: 6,500 रुपये और 6,050 से 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की अधिकांश मंडियां होली और मार्च क्लोजिंग के कारण 4 अप्रैल तक बंद रहेंगी। इसलिए मंडियों में दालों की आवक चालू सप्ताह में प्रभावित रहेगी।

देशभर के कई राज्यों में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है चिंताजनक है, इससे कई राज्यों में लाकडॉन की स्थिति बन रही है। महाराष्ट्र में कोरोना के मामले बढ़ने पर आगे लाकडॉउन का खतरा बना हुआ है, जिस पर राज्य सरकार दो अप्रैल को निर्णय लेगी। लाकडॉन लगा तो, दालों की खपत प्रभावित होगी।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 47 रुपये की तेजी आई, जबकि मई वायदा अनुबंध में इसके भाव में 50 रुपये का सुधार आया।

27 मार्च 2021

दाल मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली में अरहर, चना और मसूर तेज

नई दिल्ली। नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से दिल्ली के नया बाजार में शनिवार को अरहर, चना के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

दाल मिलों की हाजिर बढ़ने से बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के भाव 6,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई में अरहर के भाव 50 रुपये बढ़कर 6,300 से 6,325 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर 6,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की के दाम 100 रुपये बढ़कर 5,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दाल मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 75 से 100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 5,950 और 6,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। साथ ही आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है। जिस कारण बड़े खरीददार और मिलर्स घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे साथ ही मसूर में नीचे दाम पर मिलर्स की खरीद निकलने की उम्मीद है, क्योंकि आयातित माल आने की उम्मीद नहीं है।

लारेंस रोड़ पर राजस्थानी चना के दाम 25 रुपये तेज होकर 5,000 से 5,025 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,950 से 4,975 रुपये प्रति क्विंटल रहे। 

मसाला कंपनियों की मांग से धनिया में 150/200 रुपये तेज

नई दिल्ली। रामगंज मंडी में शनिवार को 10 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा मसाला कंपनियों की मांग बढ़ने से कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।

धनिया बादामी का भाव 6,200 से 6,400 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,500 से 6,700 प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,800 से 7,100 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,200 से 7,600 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 15,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।

मैथी का भाव मंडी में 5,400 से 5,600 रुपये और कलौजी का भाव 17,000 से 17,800 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

केंद्र ने चार लाख टन उड़द आयात के लिए व्यापारियों से मांगे आवेदन

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए चार लाख टन कोटा उड़द के आयात में भाग लेने के लिए व्यापारियों से आवेदन मांगे हैं।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा दिनांक 26 मार्च 2021 को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए, चार लाख टन उड़द के आयात के लिए मिलर्स, रिफाइनर्स, ट्रेडर्स को अनुमति दी जाएगी और प्रतिभागियों को पूर्व निर्धारित संख्या में समान रूप से लॉटरी सिस्टम के माध्यम से कोटा आवंटित किया जाएगा।

आयातित अरहर, मसूर और चना के दाम मुंबई में तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर बढ़ने से शनिवार को मुंबई में आयातित अरहर के साथ ही मसूर और चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से बर्मा की लेमन अरहर के साथ अरूर्षा अरहर की कीमतों में 50-50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,250 रुपये और 5,800-5,850 प्रति क्विंटल हो गए। अरहर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी सीमित मात्रा में बनी हुई है, हालांकि अप्रैल के पहले सप्ताह में दालों में मांग सुधरने की उम्मीद है। मार्च क्लोजिंग के कारण व्यापार कम हो रहा है। आगे आयातित अरहर की आपूर्ति बराबर बनी रहने का अनुमान है क्योंकि केंद्र सरकार को पहले ही 6 लाख टन अरहर के आयात के लिए वार्षिक कोटा जारी कर चुकी है।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की क्रिमसन किस्म की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है जबकि पुराना बकाया स्टॉक लगातार कम हो रहा है, अत: आयातित स्टॉक कम होने के कारण बड़े खरीददार एवं मिलर्स घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे।

तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान के काबुली चना में मिलों की मांग बढ़ने से मुंबई में 25-50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।

26 मार्च 2021

मध्य प्रदेश में रबी फसलों की एमएसपी पर खरीद 27 मार्च से होगी शुरू

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में चालू रबी विपणन सीजन 2021-22 के लिए गेहूं, चना, सरसों और मसूर के लिए खरीद 27 मार्च 2021 से शुरू होगी।

इससे पहले राज्य में 22 मार्च 2021 से खरीद शुरू होनी थी, लेकिन बारिश और ओलावृष्टि के कारण राज्य सरकार ने खरीद की तारिख बढ़ा दी थी।

इससे पहले, राज्य सरकार ने बारिश और ओलावृष्टि के कारण 22 मार्च से रबी फसलों की खरीद को टाल दिया था। अब, किसान अपनी उपज को 27 मार्च से एमएसपी पर बेच सकते हैं।

राज्य के पंजीकृत किसानों से चालू रबी विपणन सीजन में 125 लाख टन गेहूं, 14.5 लाख टन चना, 1.37 लाख टन मसूर, और 3.90 लाख टन सरसों की एमएसपी पर खरीद का लक्ष्य तय किया है।

केंद्र सरकार ने पहली अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले रबी विपणन सीजन 2021-22 के लिए गेहूं का एमएसपी 1,975 रुपये, चना और मसूर का क्रमश: 5,100-5,100 रुपये और सरसों का एमएपी 4,650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।

दिल्ली में अरहर, चना, उड़द एवं मसूर तेज, नीचे भाव में मिलों की मांग बढ़ी

नई दिल्ली। नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से दिल्ली के नया बाजार में शुक्रवार को अरहर, चना, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

दाल मिलों की हाजिर बढ़ने से बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 100 रुपये बढ़कर चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के भाव 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई में अरहर के भाव 50 रुपये बढ़कर 6,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की आवक कमजोर रही, साथ नीचे दाम पर बिकवाली कम आने से दाम 5,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इसमें मौजूदा भाव पर बिकवाली कमजोर रही।

बर्मा उड़द एसक्यू और एफएक्यू की कीमतों की कीमतों 75-100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 8,075 रुपये एवं 7,300 से 7,325 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई के बाजार में उड़द के दाम तेज बोले गए। चेन्नई में बर्मा उड़द एफएक्यू के दाम अप्रैल डिलीवरी के 100 रुपये तेज होकर 7,100 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

दाल मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली में कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25 से 50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 5,875 और 5,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। साथ ही आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है। जिस कारण बड़े खरीददार और मिलर्स घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे साथ ही मसूर में नीचे दाम पर मिलर्स की खरीद निकलने की उम्मीद है, क्योंकि आयातित माल आने की उम्मीद नहीं है।

उत्तर प्रदेश की कानपुर मंडी में मसूर के दाम 5,825 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

मटर के दाम कानपुर मंडी में 50 रुपये तेज होकर 4,900 से 5,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।   

दिल्ली में चना के दाम सुबह स्थिर थे, लेकिन वायदा में आई तेजी से शाम को भाव 25 रुपये बढ़ाकर बोल रहे हैं। राजस्थानी चना के दाम 5,000 रुपये एवं मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,950 से 4,975 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर अप्रैल डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 39 रुपये की तेजी आई, जबकि मई  वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 38 रुपये का सुधार आया।

25 मार्च 2021

दिल्ली में अरहर, उड़द एवं मध्य प्रदेश की मसूर में गिरावट, चना तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली के नया बाजार में गुरूवार को अरहर, उड़द के साथ ही मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई लेकिन वायदा में आई तेजी से चना के दाम तेज हो गए।

दालों में थोक साथ ही खुदरा में ग्राहकी कमजोर है, हालांकि अप्रैल के पहले सप्ताह में दालों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। मार्च क्लोजिंग के कारण व्यापार कम हो रहा है जबकि मिलों को नकदी की समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है।

दाल मिलों की कमजोर मांग के कारण बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 100 रुपये घटकर चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चेन्नई में अरहर के भाव 100 रुपये घटकर 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की आवक कमजोर होने के बावजूद भी भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर दाम 5,850 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

बर्मा उड़द एफएक्यू-एसक्यू की कीमतों की कीमतों 100-100 रुपये का मंदा आकर भाव क्रमश: 7,200 रुपये और 8,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, उड़द दाल में ग्राहकी कमजोर होने के साथ ही आगामी दिनों में चेन्नई में आयातित उड़द आने की संभावना से स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ गई। आंध्र प्रदेश लाईन की नई उड़द भी 50 रुपये गिरकर 7,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गई।

दाल मिलों की मांग घटने से दिल्ली में मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 5,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि कनाडा की मसूर के दाम 5,850 प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है। साथ ही आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है। जिस कारण आगे मिलर्स घरेलू मसूर की खरीद ज्यादा करेंगे।

​दिल्ली में चना की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आई। लारेंस रोड़ पर राजस्थानी चना के भाव बढ़कर 4,950 से 4,975 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,925 से 4,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

मसाला कंपनियों की मांग से धनिया की कीमतों में तेजी

नई दिल्ली। राजस्थान की मसाला मंडियों में आज धनिया कीमतों में तेजी रही। खरीददारों की सक्रियता ने आज फिर से धनिए की कीमतों में तेजी आई। धनिए की ऑक्शन शुरूआत 50-100 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी के साथ हुई। दिनभर में भाव में तेजी बरकरार रही। ​दक्षिण भारत की मांग आज मंडियों में रही। मिलों और स्टॉकिस्टों की सक्रियता भी मंडियों में बनी रही। कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली के खरीददारों की ओर से आज मांग बनी रही। हरियाणा की दो मसाला मिलों ने भी 1500 क्विंटल धनिया खरीदा।

रामगंज ओर कोटा मंडी में ऑक्शन की शुरूआत 80 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी से हुई। कोटा और बारां मंडी में शुरूआती उछाल 50 रुपए प्रति क्विंटल का रहा। ब्रांड मसाला निर्माताओं की ओर से खरीद के चलते कीमतों में उछाल रहा। रामगंज मंडी में आज धनिया बादामी 5350-5570 रुपए, धनिया ईगल 5650-5800 रुपए प्रति क्विंटल रही। कोटा और बारां मंडी में नए धनिए के भाव 5570 रुपए प्रति क्विंटल रहे। प्रदेश की मसाला मंडियों से आज स्थानीय मसाला मिलों से खरीदी अधिक रही।

मसाला कंपनियों की कमजोर मांग से धनिया लगातार ​तीसरे दिन 150/200 रुपये मंदा

नई दिल्ली। रामगंज मंडी में बुधवार को 28 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा मसाला कंपनियों की ग्राहकी कमजार होने से कीमतों में लगातार तीसरे दिन 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया।

धनिया बादामी का भाव 5,600 से 5,900 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,000 से 6,300 प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,400 से 6,550 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 6,600 से 7,000 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 7,500 से 14,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

मैथी का भाव मंडी में 5,300 से 5,500 रुपये और कलौजी का भाव 18,000 से 18,600 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

उंझा मंडी में जीरा और सौंफ के दाम स्थिर

नई दिल्ली। उंझा मंडी में बुधवार को सुपर क्वालिटी जीरा के दाम 14,000 से 15,000 रुपये और मीडियम नया 12,200 से 13,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बना रहा।

मंडी में बेस्ट नया जीरा के दाम 13,000 से 13,500 रुपये और चालू किस्म का भाव 11,500 से 12,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा। जीरा की आवक बुधवार को 65,000 बोरियों की हुई।

सौंफ

उंझा मंडी में सुपर क्वालिटी सौंफ के भाव 12,500 से 15,000 रुपये और बेस्ट क्वालिटी के दाम 12,000 से 12,500 रुपये तथा मीडियम के दाम 10,000 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चालू किस्म की सौंफ के दाम 7,500 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

एक्सट्रा सुपर सौंफ के दाम 18,400 से 19,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे, तथा मंडी में सौंफ की आवक 15,000 बोरियों की हुई।

खराब मौसम से नमी युक्त धनिया की आवक बढ़ी, निर्यातकों एवं घरेलू मसाला कंपनियों की मांग कमजोर

नई दिल्ली। राजस्थान की मसाला मंडियों में लगातार तीसरे दिन धनिया कीमतों में गिरावट दिखी। खरीददारों के पीछे हटने का असर कीमतों पर है। साउथ और बिहार लाइन के खरीददारों ने मौसम में बदलाव के बाद खरीदी से दूरी बना ली है। मंडी आवक पर भी मौसम ने असर डाला है। धनिया उत्पादक क्षेत्रों कोटा और जोधपुर संभाग में बारिश से फसल भी खराब हुई है। गीला धनिया मंडियों में आने से निर्यात सौदों में भी कमी आई है। इसका असर धनिया कीमतों पर है। आज धनिया कीमतों में 100 रुपए प्रति क्विंटल तक की गिरावट दिखी।

स्टॉकिस्ट भी वेट एंड वॉच के मोड में दिखे। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश लाइन से खरीद सामान्य रही। रामगंज मंडी में करीब 950 क्विंटल की 8 ढेरियां बिना बिके रही। रामगंज और कोटा मंडी में ऑक्शन की शुरूआत 40 से 70 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट से हुई। प्रदेश की मंडियों में आज 29,000 बोरी मंडी आवक दर्ज की गई।

रामगंज मंडी में आज धनिया बादामी 5350-5500 रुपए, धनिया ईगल 5620-5800 रुपए प्रति क्विंटल रही। कोटा और बारां मंडी में नए धनिए के भाव 5500 रुपए प्रति क्विंटल रहे। प्रदेश की मसाला मंडियों से आज स्थानीय मसाला मिलो से खरीदी अधिक रही। रामगंज मंडी में 20,900 बोरी, कोटा मंडी 3,000 बोरी, बारां मंडी में 1700 बोरी और जयपुर में 1200 बोरी धनिए की आवक रही। धनिए की एक बोरी में वजन 40 किलो तक रहा।

22 मार्च 2021

केंद्र सरकार द्वारा आयात कोटा जारी करने से देसी अरहर की कीमतों पर दबाव

नई दिल्ली।  दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से सोमवार को प्रमुख बाजारों में देसी अरहर की कीमतों में क्वालिटीनुसार मिलाजुला रुख देखा गया। मार्च क्लोजिंग के कारण व्यापार कम हो रहा है। डीजीएफटी ने 2 लाख टन मोज़ाम्बिक अरहर के आयात की अधिसचूना पिछले सप्ताह जारी की थी, साथ ही केंद्र सरकार ने भी 4 लाख टन अरहर के आयात के लिए वार्षिक कोटा भी जारी कर दिया है। लेमन अरहर के साथ ही अरुषा अरहर के दाम मुंबई में 50 रुपये घटकर क्रमश 6,300 रुपये और 5,750-5,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

सूत्रों के अनुसार, अप्रैल से विदेशों से अरहर की आवक होने का अनुमान है। पहले से ही, लगभग 15,000-20,000 टन सूडान लाईन की अरहर गोदामों में रखी हुई है। सूडान में अप्रैल से नई फसल की आवक शुरू होने की उम्मीद है और मई-जून में लगभग 35,000-40,000 टन आयात होने का अनुमान है। तंजानिया में पुरानी अरहर का 40,000-50,000 टन का स्टॉक अभी बाकी है जबकि तंजानिया में अरहर की बुवाई शुरू हो गई है तथा अरहर के अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अच्छे भावों के कारण बुआई बढ़ने की उम्मीद है। विदेश से अरहर का आयात बना रहने का अनुमान है, क्योंकि सरकार पहले ही कुल 6 लाख टन कोटा जारी कर चुकी है।

अरहर की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना, केंद्र सरकार द्वारा अरहर के लिए वार्षिक आयात कोटा जारी करने से समाप्त हो गई है। अरहर की कीमतों में अभी सीमित तेजी, बनी बनी रहने का अनुमान है, हालांकि, अरहर का फंडामेंटल कम पैदावार के कारण मजबूत हैं, क्योंकि सरकारी एजेंसियों के पास पुराना स्टॉक कम है, लेकिन महाराष्ट्र और कर्नाटक में अरहर का भारी भरकम स्टॉक है। जून में मौसम का पूर्वानुमान कमजोर आता है, या फिर इसमें देरी की आशंका बनती है तो अरहर की कीमतों में तेजी बन सकती है। उधर महाराष्ट्र में पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से आम की पैदावार और गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है, जिससे अरहर की कीमतों का समर्थन मिल सकता है।

मुंबई में बर्मा की अरहर और उड़द मंदा, मसूर के भाव में सुधार

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से सोमवार को मुंबई में आयातित अरहर और उड़द की कीमतों में गिरावट आई, जबकि खराब मौसम के कारण कनाडा और आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतों में तेजी आई।

मिलों की कमजोर मांग से बर्मा की लेमन अरहर के साथ अरूर्षा अरहर की कीमतों में 50-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 6,250 रुपये और 5,750-5,800 प्रति क्विंटल रह गए।  अरहर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी कमजोर रही, जिस कारण मिलों की मांग कमजोर रही। मार्च क्लोजिंग के कारण व्यापार कम हो रहा है।

बर्मा उड़द एफएक्यू नई और पुरानी दोनों की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,100 रुपये और 7,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। व्यापारियों के अनुसार केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए उड़द के 1.5 लाख टन के आयात कोटे की अंतिम तिथि को 31 मार्च, 2021 से बढ़ाकर 30 अप्रैल 2021 कर दिया है, इसका असर कीमतों पर पड़ रहा है।

बर्मा के स्थानीय व्यापारियों के अनुसार बर्मा के यंगून से करीब 600 केंटनर (14,400 टन) उड़द लेकर चेन्नई के लिए 15 मार्च 2021 को डायरेक्ट वैसल रवाना हुआ था। दूसरा सीधा जहाज 25 मार्च को चेन्नई के लिए रवाना होने की उम्मीद है, इसमें 500-600 कंटेनरों लोड करने की उम्मीद है और तीसरे सीधे जहाज के 15 से 20 अप्रैल के बीच रवाना होने की उम्मीद है।

मध्य प्रदेश मौसम खराब होने के कारण दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की क्रिमसन किस्म की मसूर के दाम मुंबई, कनाडा, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए।

आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है लेकिन घरेलू बाजार में मौजूदा भाव में स्टॉकिस्ट खरीद नहीं कर रहे हैं। मसूर उत्पादक राज्यों में खराब मौसम चिंता का विषय बना हुआ है।

धनिया में मसाला कंपनियों की कमजोर मांग से 100/150 रुपये की गिरावट

नई दिल्ली। रामगंज मंडी में सोमवार को 32 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा मसाला कंपनियों की ग्राहकी कमजार होने से कीमतों में 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया।

धनिया बादामी का भाव 5,700 से 6,000 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,100 से 6,500 प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,600 से 6,850 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,000 से 7,400 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 16,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

मैथी का भाव मंडी में 5,500 से 5,600 रुपये और कलौजी का भाव 18,500 से 19,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

उंझा मंडी में जीरा और सौंफ के दाम स्थिर

नई दिल्ली। उंझा मंडी में जीरा के दाम सुपर क्वालिटी के सोमवार को 14,000 से 15,000 रुपये और मीडियम नया 12,200 से 13,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बना रहा

बेस्ट नया जीरा के दाम 13,000 से 13,500 रुपये और चालू किस्म का भाव 10,500 से 11,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा। मीडियम का भाव 11,000 से 11,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा। जीरा की आवक सोमवार को 70,000 बोरियों की हुई।

सौंफ

उंझा मंडी में सुपर क्वालिटी सौंफ के भाव 12,500 से 15,000 रुपये और बेस्ट क्वालिटी के दाम 12,000 से 12,500 रुपये तथा मीडियम के दाम 10,000 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चालू किस्म की सौंफ के दाम 7,500 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

एक्सट्रा सुपर सौंफ के दाम 18,400 से 19,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे, तथा इसमें 200 रुपये का मंदा आया। मंडी में सौंफ की आवक 22,000 बोरियों की हुई।

चालू रबी सीजन में 89.50 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान - उद्योग

नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में देश में 89.50 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान है जोकि पिछले रबी सीजन के 79 लाख टन से 13.29 फीसदी ज्यादा है।

वार्षिक तेल तिलहन सम्मेलन में कुईट और एमओपीए द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में सरसों का उत्पादन चालू रबी में 35 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 32 लाख टन से ज्यादा हैं। उत्तर प्रदेश में चालू रबी में 15 लाख टन, पंजाब और हरियाणा में 10.50 लाख टन और मध्य प्रदेश में 10 लाख टन उत्पादन का अनुमान है जबकि पिछले साल इन राज्यों में क्रमश: 11, 10 और 6.50 लाख टन का उत्पादन हुआ था। अन्य राज्यों गुजरात में 4 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 5 लाख टन और अन्य राज्यों में 10 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान है। 

20 मार्च 2021

मुंबई में बर्मा की अरहर, उड़द और तंजानिया का चना नरम, मसूर तेज

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा आयातित अरहर, उड़द का कोटा जारी करने से दालों की कीमतों पर दबाव देखा गया। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शनिवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में बर्मा लाईन की अरहर और उड़द के साथ ही तंजानिया के चना की कीमतों में गिरावट आई, जबकि मध्य प्रदेश में खराब मौसम के कारण कनाडा और आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतें तेज हो गई।

मिलों की मांग से बर्मा की लेमन अरहर की कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 4 लाख टन अरहर का आयात कोटा जारी कर दिया है। साथ ही डीजीएफटी ने वित्त वर्ष 2021-22 में मोजाम्बिक से दो लाख टन अरहर के आयात की अधिसूचना जारी कर दी है। अरहर दाल में खुदरा के साथ ही थोक में ग्राहकी कमजोर रही, जिस कारण मिलों की मांग भी सीमित ही रही। मार्च क्लोजिंग का असर भी व्यापार पर पड़ रहा है।

बर्मा उड़द एफएक्यू दोनों नई और पुरानी की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,150 रुपये और 7,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि केंद्र ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए उड़द के 1.5 लाख टन के आयात कोटे की की अंतिम तिथि को 31 मार्च, 2021 से बढ़ाकर 30 अप्रैल 2021 कर दिया है।

आने वाले दिनों में बर्मा से चेन्नई उड़द की आवक होने की संभावना है। बर्मा के यंगून से करीब 600 केंटनर (14,400 टन) उड़द लेकर चेन्नई के लिए 15 मार्च को डायरेक्ट वैसल रवाना हुआ। बर्मा के स्थानीय व्यापारी के अनुसार, दूसरा सीधा जहाज 25 मार्च को चेन्नई के लिए रवाना होने की उम्मीद है, इसमें 500-600 कंटेनरों लोड करने की उम्मीद है और तीसरे सीधे जहाज के 15 से 20 अप्रैल के बीच रवाना होने की उम्मीद है।

तंजानिया लाईन के चना की कीमतों में 25 रुपये की गिरावट आकर भाव 4,650-4,675 रुपये प्रति रह गए। मिलर्स पुराने आयातित चना के बजाए घरेलू मंडियों में आ रही नई फसल की खरीद को प्राथमिकता दे रहे हैं।

मध्य प्रदेश मौसम खराब होने के कारण दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा की क्रिमसन किस्म की मसूर के दाम मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम 50 से 75 रुपये प्रति क्विंटल तेज हो गए। आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है तथा घरेलू मंडियों में मसूर की नई आवक मौसम साफ रहा तो बढ़ेगी। वैसे भी घरेलू बाजार में मौजूदा भाव में स्टॉकिस्ट मसूर की खरीद नहीं कर रहे हैं।

उंझा मंडी में सुपर जीरा 500 से 1000 रुपये तेज, सौंफ के दाम स्थिर

नई दिल्ली। उंझा मंडी में जीरा के दाम सुपर क्वालिटी के बढ़कर शनिवार को 14,000 से 15,000 रुपये और मीडियम नया 12,200 से 13,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

बेस्ट नया जीरा के दाम 13,200 से 13,500 रुपये और चालू किस्म का भाव 10,500 से 11,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा। मीडियम का भाव 11,000 से 11,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा। जीरा की आवक शनिवार को 52,000 बोरियों की हुई।

सौंफ

उंझा मंडी में सुपर क्वालिटी सौंफ के भाव 12,500 से 15,000 रुपये और बेस्ट क्वालिटी के दाम 12,000 से 12,500 रुपये तथा मीडियम के दाम 10,000 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चालू किस्म की सौंफ के दाम 7,500 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

एक्सट्रा सुपर सौंफ के दाम 18,500 से 20,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे, मंडी सौंफ की आवक 15,000 बोरियों की हुई।

सीमित मांग के कारण धनिया के दाम स्थिर, आवक कम

नई दिल्ली। रामगंज मंडी में शनिवार को धनिया की आवक घटकर 20 हजार की रह गई तथा भाव स्थिर बने रहे।

धनिया बादामी का भाव 5,800 से 6,100 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,200 से 6,600 प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,800 से 7,000 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,200 से 7,500 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 16,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

मैथी का भाव मंडी में 5,500 से 5,650 रुपये और कलौजी का भाव 18,500 से 19,300 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

बर्मा से उड़द लेकर चेन्नई के लिए 15 मार्च को डायरेक्ट वैसल रवाना हुआ

नई दिल्ली। बर्मा के यंगून से करीब 600 केंटनर (14,400 टन) उड़द लेकर चेन्नई के लिए 15 मार्च को डायरेक्ट वैसल रवाना हुआ।

बर्मा के स्थानीय व्यापारी के अनुसार, दूसरा सीधा जहाज 25 मार्च को चेन्नई के लिए रवाना होने की उम्मीद है, इसमें 500-600 कंटेनरों लोड करने की उम्मीद है और तीसरे सीधे जहाज के 15 से 20 अप्रैल के बीच रवाना होने की उम्मीद है।

व्यापारिक गतिविधियां नाममात्र की हो रही है है क्योंकि 14 मार्च, 2021 को मार्शल लॉ लागू किया गया था। इंटरनेट सेवाएं भी प्रभावित हुईं हैं।

इस बीच, बंदरगाह पर गतिविधियां के साथ ही सरकारी बैंकिंग लेनदेन धीरे-धीरे शुरू हो रही हैं।

केंद्र सरकार ने 31 मार्च, 2021 से 30 अप्रैल तक वित्त वर्ष 2020-21 के लिए उड़द के 1.5 लाख टन के आयात कोटे की समय सीमा को एक महीने के लिए बढ़ा दिया है।

केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 4 लाख टन अरहर और 1.5 लाख टन मूंग के आयात के लिए कोटा जारी कर दिया है।

डीजीएफटी ने वित्त वर्ष 2021-22 में मोजाम्बिक से दो लाख टन अरहर के आयात की अधिसूचना जारी कर दी है।

भारत सरकार चालू वित्त वर्ष में 31 मार्च 2022 तक की अवधि के लिए चार लाख टन उड़द के आयात का कोटा पहले ही जारी कर चुकी है।

सरकार ने 2.5 लाख टन उड़द के आयात के लिए म्यांमार के साथ पांच साल का एमओयू किया हुआ है।

19 मार्च 2021

फरवरी में डीओसी का निर्यात 205 फीसदी बढ़ा - एसईए

नई दिल्ली। फरवरी में डीओसी के निर्यात में 205 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 393,309 टन का हुआ है, जबकि पिछले साल फरवरी में इसका निर्यात 128,761 टन का ही हुआ था।

साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान डीओसी के निर्यात में 49 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 3,358,649 टन का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 2,256,614 टन का ही हुआ था।

एसईए के अनुसार सोया डीओसी के साथ ही सरसों सरसों डीओसी के निर्यात में चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में भारी बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष 2020-21 के अप्रैल से फरवरी के दौरान सोया डीओसी का निर्यात बढ़कर 1,418,454 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 660,065 टन का ही हुआ था। सरसों डीओसी का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में बढ़कर 1,028,745 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 872,077 टन का हुआ था। राइसब्रान डीओसी के निर्यात में चालू वित्त वर्ष में बढ़ोतरी हुई है।

एसईए के अनुसार जनवरी के मुकाबले फरवरी में जहां सोया डीओसी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, वहीं सरसों डीओसी के दाम घटे हैं। फरवरी में भारतीय बंदरगाह पर सोया डीओसी का भाव बढ़कर 553 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि जनवरी में इसका भाव 529 डॉलर प्रति टन था। सरसों डीओसी का भाव फरवरी में भारतीय बंदरगाह पर घटकर 283 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि जनवरी में इसका भाव 293 डॉलर प्रति टन था।

धनिया में बढ़े भाव में मांग कम होने से 100 रुपये का मंदा

नई दिल्ली। रामगंज मंडी में शुक्रवार को 24 हजार बोरी नए धनिया की आवक हुई तथा बढ़े भाव में ग्राहकी कमजार होने से कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया।

धनिया बादामी का भाव 5,800 से 6,100 रुपये, चालू ईगल का भाव 6,200 से 6,600 प्रति क्विंटल रहा। बेस्ट ईगल धनिया का भाव 6,000 से 7,000 रुपये और स्कूटर धनिया का भाव 7,100 से 7,500 रुपये तथा ग्रीन रंगदार का भाव 8,000 से 16,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

मैथी का भाव मंडी में 5,800 से 5,900 रुपये और कलौजी का भाव 18,500 से 19,300 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

18 मार्च 2021

उंझा मंडी में जीरा और सौंफ के दाम स्थिर

जीरा के दाम सुपर क्वालिटी के 13,500 से 14,000 रुपये और मीडियम नया 12,200 से 13,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

बेस्ट नया जीरा 13,200 से 13,500 रुपये और चालू किस्म का भाव 10,500 से 11,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा। मीडियम का भाव 11,000 से 11,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

सौंफ

सुपर क्वालिटी सौंफ के भाव 12,500 से 15,000 रुपये और बेस्ट क्वालिटी के दाम 12,000 से 12,500 रुपये तथा मीडियम के दाम 10,000 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चालू किस्म की सौंफ के दाम 7,500 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

एक्सट्रा सुपर सौंफ के दाम 18,500 से 20,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

केंद्र ने बिहार से 14,350 टन चना और 32,175 टन मसूर की खरीद को मंजूरी दी

नई दिल्ली। कृषि मंत्रालय ने चालू रबी विपणन सीजन 2020-2021 में बिहार के किसानों से, मूल्य समर्थन योजना के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 14,350 टन चना और 32,175 टन मसूर की खरीद को मंजूरी दी है।

किसानों से चना और मसूर की खरीद नेफेड, ​राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ मिलकर करेगी तथा किसानों से अनुरोध है कि वे राज्य एजेंसियों के के केंद्रों पर पंजीकरण करा लें।

दिल्ली में अरहर, चना और उड़द में गिरावट, अन्य दालों के दाम रुके

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, चना और उड़द की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि अन्य दालों के दाम स्थिर बने रहे।

दालों में थोक के साथ ही खुदरा में ग्राहकी कमजोर ही रही। मार्च क्लोजिंग के कारण व्यापार कम हो रहा है।

दाल मिलों की कमजोर मांग के कारण बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 50 रुपये घटकर चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के भाव 6,700 से 6,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम भी 100 रुपये घटकर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की आवक कमजोर होने के बावजूद भी भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर दाम 6,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। चेन्नई में अरहर के भाव आज 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,400 रुपये और 8,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हाजिर में स्टॉक कम होने के बावजूद भी दाल मिलों की मांग कमजोर रही।

मसूर के भाव कनाडा के साथ ही मध्यप्रदेश लाईन के 5,800 रुपये प्रति किवंटल रहे।

राजस्थानी चना के दाम दिल्ली में 5,000 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 4,950 से 4,975 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।  

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 35 रुपये की गिरावट आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 69 रुपये का मंदा आया।

मुंबई में कनाडा और आस्ट्रलियाई मसूर की कीमतों में गिरावट, अन्य दालें स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से गुरूवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। अरहर, उड़द और चना के दाम स्थिर बने रहे।

मार्च क्लोलिंग के कारण दाल मिलों की ग्राहकी कमजोर है, साथ ही मिलें नकदी के संकट का सामना भी कर रही है।

दाल मिलों की हाजिर मांग घटने से कनाडा की मसूर मुंबई, हजीरा, कांडला और मुंद्रा बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम मुंबई में 25—50 रुपये प्रति क्विंटल घट गए। घरेलू बाजार में आवक बढ़ने के कारण मिलों की बढ़े भाव में ग्राहकी कमजोर रही। हालांकि घरेलू बाजार में अभी मसूर की दैनिक आवकों का दबाव नहीं बना है।

आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन घट रहा है साथ ही आयात पड़ते नहीं लगने के कारण आयात होने की संभावना नहीं है। व्यापारियों के अनुसार आगे नई फसल की आवक बढ़ेगी, तथा चालू रबी में मसूर का उत्पादन अनुमान ज्यादा है, इसलिए मिलर्स जरुरत के हिसाब से खरीद कर रहे हैं। उत्पादन अनुमान में कमी की आशंका के कारण नीचे दाम पर मसूर में खरीददारी बढ़ने के आसार हैं। वैसे भी पड़ते नहीं होने के कारण अभी मसूर का आयात भी संभव नहीं है।

उड़द एफएक्यू नई और पुरानी के दाम मुंबई में क्रमश: 7,200 और 7,100 रुपये प्रति क्विंटल पर​ स्थिर बने रहे।

रसिया के काबूली चना के दाम 5,000 से 5,100 रुपये, तंजानिया के चना के दाम 4,700 से 4,725 रुपये और सुडान के काबूली चना के दाम 4,650 से 5,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

लेमन अरहर के दाम 6,400 रुपये और अरुषा अरहर के भाव 5,950 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 35 रुपये की गिरावट आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसके भाव में 78 रुपये का मंदा आया।

17 मार्च 2021

चीनी का उत्पादन 258 लाख टन से ज्यादा, 43 लाख टन के निर्यात सौदे

नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2020-21 के पहले साढ़े पांच महीनों पहली अक्टूबर से 15 मार्च 2021 तक चीनी का उत्पादन 19.68 फीसदी बढ़कर 258.68 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस दौरान केवल 216.13 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में 15 मार्च 2021 तक 94.05 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 55.85 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था।

उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिसमें से 18 मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। राज्य में 15 मार्च 2021 तक 84.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 87.16 लाख टन से थोड़ा कम है, पिछले पेराई सीजन में राज्य में 119 मिलों में पेराई चल रही थी।

कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 15 मार्च तक 41.35 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 33.35 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।

गुजरात में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 8.49 लाख टन और  तमिलनाडु में 4.01 लाख टन चीनी का उत्पादन 15 मार्च 2021 तक हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इन राज्यों में क्रमश: 7.78 लाख टन और 4.12 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। देश के अन्य राज्यों आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा में 26.53 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।

चालू पेराई सीजन में अभी तक करीब 43 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं जबकि केंद्र सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात का कोटा तय रखा है। उद्योग के अनुसार विश्व बाजार में दाम तेज होने से चीनी की निर्यात मांग अच्छी बनी हुई, जोकि मिलों के लिए एक अच्छा कदम है। केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर 2020 को चालू पेराई सीजन के लिए चीनी का 60 लाख टन का कोटा तय किया था।

दाल मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में अरहर और उड़द में मंदा

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की मांग कमजोर होने के कारण दिल्ली के नया बाजार में बुधवार को अरहर और उड़द की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।

दालों में थोक के साथ ही खुदरा में ग्राहकी कमजोर ही रही। मार्च क्लोजिंग के कारण व्यापार कम हो रहा है जबकि मिलों के पास नकदी का संकट है।

दाल मिलों की कमजोर मांग के कारण बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 50 रुपये घटकर चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के भाव 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चेन्नई में अरहर के भाव 50 रुपये घटकर 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम भी 100 रुपये घटकर 6,900 से 6,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की आवक कमजोर होने के बावजूद भी भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर दाम 6,050 से 6,100 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 50 से 100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,500 रुपये और 8,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हाजिर में स्टॉक कम होने एवं आयात पड़ते नहीं लगने के बावजूद भी उड़द में ​नरमी आई, क्योंकि चेन्नई ओर मुंबई में इसके दाम कमजोर हुए।

इसी तरह, आंध्र प्रदेश लाईन की नई उड़द के भाव में भी 100 रुपये की गिरावट आकर दाम 7,750 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 97 रुपये की गिरावट आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 125 रुपये का मंदा आया।

उंझा मंडी जीरा और सौंफ के दाम

 उंझा मंडी

जीरा के दाम सुपर क्वालिटी के 13,500 से 14,000 रुपये और मीडियम नया 12,200 से 13,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

बेस्टा नया जीरा 13,200 से 13,500 रुपये और चालू किस्म का भाव 10,500 से 11,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा। मीडियम का भाव 11,000 से 11,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

सौंफ में सुपर क्वालिटी में 2000 रुपये की तेजी

सुपर क्वालिटी सौंफ के भाव 12,500 से 15,000 रुपये और बेस्ट क्वालिटी के दाम 12,000 से 12,500 रुपये तथा मीडियम के दाम 10,000 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चालू किस्म की सौंफ के दाम 7,500 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

एक्सट्रा सुपर सौंफ के दाम 18,500 से 20,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

16 मार्च 2021

खाड़ी देशों की मांग से धनिया की कीमतों में तेजी

नई दिल्ली। खाड़ी देशों की मांग बढ़ने से मंगलवार को धनिया की कीमतों में तेजी का रुख रहा। मौसम सुधरने से मंडी आवक भी बढ़ी है तथा पिछे दो दिनों में धनिया 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल आ चुका है। रामगंज और कोटा में निर्यातकों की ओर से खरीद में तेजी आई है। आज खाड़ी देशों के लिए खरीद अधिक हुई। दुबई के लिए खरीददारी ज्यादा हुई।

राजस्थान की मसाला मंडियों में सुबह के ऑक्शन की शुरूआत तेजी के साथ हुई। सुबह के सत्र में 50 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी पर धनिया खुला। दोपहर बाद धनिए में 150 रुपए प्रति क्विंटल तक का उछाल दिखा। अपर ग्रेड के भावों में भी आज तेजी रही। रामगंज मंडी में आज धनिया बादामी 5450-5600 रुपए, धनिया ईगल 5800-5900 रुपए प्रति क्विंटल रही।

राजस्थान की मंडियों में धनिए की कुल आवक 33,000 बोरी रही। इसमें आज मंडियों में 29,500 बोरी नया धनिया रहा, पुराने धनिए की मंडी पहुंच 3,500 बोरी रही। रामगंज मंडी में 21,500 बोरी, कोटा मंडी 3,600 बोरी, बारां मंडी में 2800 बोरी और जयपुर में 1800 बोरी धनिए की आवक रही। धनिए की एक बोरी में वजन 40 किलो तक रहा।

उंझा मंडी में जीरा और सौंफ क्या रहे दाम

जीरा 

जीरा के दाम सुपर क्वालिटी के 13,500 से 14,000 रुपये और मीडियम नया 12,00 से 13,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा। मीडियम नए में 200 रुपये की तेजी आई।
बेस्टा नया जीरा 13,200 से 13,500 रुपये और चालू किस्म का भाव 10,500 से 11,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा।

सौंफ
सुपर क्वालिटी सौंफ के भाव 12,500 से 13,000 रुपये और बेस्ट क्वालिटी के दाम 12,000 से 12,500 रुपये तथा मीडियम के दाम 10,000 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चालू किस्म की सौंफ के दाम 7,500 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

एक्सट्रा सुपर सौंफ के दाम 18,500 से 20,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

पहली अप्रैल से हरियाणा की मंडियों गेहूं की खरीद होगी शुरू - उपमुख्यमंत्री

नई दिल्ली। हरियाणा सरकार के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर रबी फसलों की खरीद के लिए मंडी स्तर पर सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।

उन्होंने कहा कि रबी फसलों की खरीद दो चरणों में शुरू होगी।

चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार एक अप्रैल से गेहूं और सरसों की खरीद शुरू करेगी और 10 अप्रैल से जौ, चना और अन्य दालों की खरीद शुरू करेगी। जो ट्रांसपोर्टर 48 घंटों मेंं उठाव नहीं करेगा, उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।

चौटाला ने फसल के समय पर उठाने, खरीद प्रक्रिया के सुचारू संचालन और यह सुनिश्चित करने के बारे में दिशा-निर्देश दिए हैं कि कोई भी किसान या “आढ़ती” (कमीशन एजेंट) किसी भी समस्या का सामना नहीं करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों को किसी भी स्तर पर अपनी फसल बेचने में किसी समस्या का सामना नहीं आनी चाहिए।

चौटाला ने कहा कि राज्य सरकार एमएसपी में गेहूं, सरसों, जौ, दालों और चने के प्रत्येक दाने की खरीद उन किसानों से करेगी जिन्होंने अपनी फसलें मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज की हैं।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों को फसल का भुगतान 48 घंटों के भीतर किया जाना चाहिए, साथ ही मंडियों से फसलों को समय पर उठाने के लिए उपयुक्त व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्टरों को 48 घंटे के भीतर उठाने का आदेश दिया गया है, अन्यथा वे जुर्माना भरने के लिए तैयार रहें। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 7.5 लाख किसानों ने अपनी फसल बेचने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। किसानों को पहले ही सूचित कर दिया जाएगा कि वे किस दिन अपनी फसल खरीद के लिए मंडियों में ला सकते हैं।

कनाडा और आस्टेलियाई मसूर के दाम मुंबई में तेज खुले, चना और उड़द स्थिर

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मंगलवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम बढ़कर खुले जबकि चना के साथ ही उड़द के दाम स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर मुंबई, हजीरा, कांडला और मुंद्रा बंदरगाह पर 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गई। दाल मिलों की हाजिर मांग में बढ़ोतरी हुई, जबकि एवं घरेलू मंडियों में आवक कम हो रही है।

आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन घट रहा है जबकि आयात पड़ते नहीं लगने के कारण आयात होने की संभावना नहीं है। आयात नहीं होने के कारण घरेलू मिलों एवं बड़े उपभोक्ताओं की हाजिर मांग बढ़ने से मसूर में सुधार आया है जबकि मिलों के पास मसूर का स्टॉक भी कम माना जा रहा है। हालांकि मौजूदा कीमतों पर मसूर में स्टॉकिस्टों की मांग कमजोर है।

उड़द के भाव मुंबई में एफएक्यू नई के दाम 7,300 रुपये और पुरानी के 7,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

आयातित चना तंजानिया के दाम 4,800 से 4,825 रुपये, रूस के काबूली चना के दाम 5,100 से 5,200 रुपये और सूडान के काबूली चना के दाम 4,700 से 4,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।   

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 18 रुपये की तेजी आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसके भाव में 1 रुपये का सुधार आया।

15 मार्च 2021

दिल्ली में अरहर और उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई।

मुंबई और अन्य बाजारों में आए सुधार से, बर्मा लाईन की नई अरहर की कीमतों में आज दिल्ली में 100 रुपये का तेजी आकर भाव 6,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई में अरहर की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 6,500 से 6,525 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हरियाणा लाईन की नई अरहर की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 6,100 से 6,150 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की पुरानी अरहर के दाम भी दिल्ली में 150 रुपये बढ़कर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुई।

बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में आज दिल्ली में 50 से 100 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,550 रुपये और 8,450 प्रति क्विंटल हो गए। हाजिर में स्टॉक कम होने एवं दाल मिलों की हाजिर मांग से भाव में सुधार आया। बर्मा के यांगून से 14 मार्च को चेन्नई के लिए रवाना होने वाले सीधे जहाज पर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। आंध्रप्रदेश लाईन की पॉलिश उड़द के भाव में 150 रुपये की तेजी आकर दाम 7,900-7,950 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। राजस्थान (कोटा) लाईन की उड़द के साथ-साथ मध्य प्रदेश लाईन की पुरानी नेफेड द्वारा खरीद की गई उड़द की कीमतें भी 100 रुपये बढ़कर क्रमश: 7,000-7,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गई।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमशः 5,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन कम हो रहा है, जबकि आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात नहीं हो रहा है। मसूर में ​हाजिर में दाल मिलों एवं बड़े खरीदरों की मांग बढ़ से भाव में सुधार आया है।

आयातित चना, काबूली चना, अरहर और मसूर के दाम मुंबई में तेज

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को मुंबई में आयातित चना, काबूली चना, अरहर और मसूर की कीमतों में तेजी आई।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलियाई मसूर मुंबई, हजीरा, मुंद्रा बंदरगाह पर 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गई। बढ़े भाव में दाल मिलों की खरीद कम हुई, हालांकि आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है।

इसके अलावा, आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन घट रहा है जबकि आयात पड़ते नहीं लगने के कारण आयात होने की संभावना नहीं है। आयात नहीं होने के कारण घरेलू मिलों एवं बड़े उपभोक्ताओं की हाजिर मांग बढ़ने से मसूर में सुधार आया है।

लेमन अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर मुंबई में 6,500 रुपये और अफ्रीका की अरहर के दाम भी 50 रुपये बढ़कर 6,700 रुपये तथा अरुषा अरहर के दाम 100 रुपये बढ़कर 6,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

तंजानिया लाईन के चना के साथ ही सूडान के काबुली चना में मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। तंजानिया के चना के दाम 4,850 रुपये और सूडान के काबूली चना के भाव 4,700 से 4,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। व्यापारियों के अनुसार वायदा की कीमतों में आए सुधार से आयातित चना के दाम बढ़े हैं। रुस के काबूली चना के दाम 5,100 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

वायदा में आये सुधार से दिल्ली में चना के दाम स्थिर

नई दिल्ली। वायदा कीमतों में आए सुधार से सोमवार को दिल्ली में चना के दाम स्थिर बने रहे। लारेंस रोड़ पर राजस्थानी चना के भाव 5,150 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए, जबकि मध्यप्रदेश लाइन के चना में 5,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से व्यापार हुआ।

उत्पादक राज्यों में मौसम साफ हो गया है, लेकिन आगे 17 से 18 को फिर मौसम खराब होने का अनुमान है। अत: चना की कीमतों में तेजी, मंदी आगे मौसम पर भी निर्भर करेगी। मौसम साफ रहा तो होली के बाद आवकों में बढ़ोतरी होगी।

जानकारों के अनुसार एफसीआई चना की बिक्री 16 मार्च से बंद करेगी।

दिल्ली में चना की दैनिक आवक 30 से 35 मोटरों की हुई जबकि शनिवार को आवक 15 से 20 मोटरों की हुई थी।

एनसीडीईएक्स पर मार्च महीने के वायदा अनुबंध में चना की कीमतों में 25 रुपये प्रति क्विंटल यानि 0.49 फीसदी की तेजी देखी गई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में 40 रुपये का सुधार आया।

जौ का उत्पादन अनुमान कम, जौ की तेजी, मंदी कोरोना की स्थिर पर ​करेगी निर्भर

नई दिल्ली। राजस्थान की उत्पादक मंडियों में नए जौ की आवक शुरू हो गई तथा होली के बाद मौसम साफ रहा तो दैनिक आवकों में बढ़ोतरी होगी, जिससे मौजूदा कीमतों में 50 से 100 रुपये का मंदा तो आ सकता है, लेकिन बड़ी गिरावट की उम्मीद कम है क्योंकि उत्पादन अनुमान कम है।

राजस्थान की बूंदी मंडी में नए जौ की आवक 500 बोरियों की हुई तथा नया जौ 1,440 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर बिका। व्यापारियों के अनुसार आगे नई फसल की आवक बढ़ेगी, लेकिन उत्तर भारत के राज्यों में फिर 17 से 18 मार्च को मौसम खराब होने का डर है। अत: आगे मौसम की स्थिति कैसी रहती है, इस पर भी तेजी मंदी निर्भर करेगी। व्यापारियों के अनुसार हाल ही में जौ के निर्यात सौदे हुए हैं, इसलिए ज्यादा मंदा आने की उम्मीद नहीं है।

चालू रबी में जौ की बुआई 12 फीसदी घटकर 6.86 लाख हेक्टेयर में हुई जबकि पिछले रबी में इसकी बुआई 7.79 लाख हेक्टेयर में हुई थी। कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार जौ का उत्पादन 2020-21 में 19.9 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 17.2 लाख टन का हुआ था। हालांकि जानकारों के अनुसार चालू सीजन में बुआई में आई कमी से उत्पादन सरकारी अनुमान से कम रहेगा। पिछले साल नई फसल की आवक के समय लोकडाउन होने से जौ की कीमतें घटकर 1,100 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे आ गई थी। चालू सीजन में खपत तो ज्यादा होने का अनुमान है लेकिन जौ की कीमतों में बड़ी तेजी, मंदी कोरोना के मामलों पर भी निर्भर करेगी, क्योंकि महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के मामले बढ़े हैं, तथा देश के अन्य राज्यों में मामलों में बढ़ोतरी होने से लाकडॉउन का खतरा भी है। हालांकि आगे हालात समान्य रहे तो फिर जौ के दाम तेज ही होंगे।

जानकारों के अनुसार भारत से जौ का निर्यात नहीं के बराबर होता है लेकिन विश्व बाजार में दाम तेज होने से ईरान ने भारत से करीब 60 हजार टन जौ का आयात सौदा 267.50 डॉलर प्रति टन की ​दर से मार्च, अप्रैल​ शिपमेंट का किया है। 

उंझा मंडी में जीरा और सौंफ के भाव इस प्रकार रहे

बेस्ट जीरा नया 13,000 से 13,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा तथा मीडियम जीरे का भाव मंडी में 12,500 से 13,000 रुपये प्रति​ क्विंटल रहा।

जीरा की दैनिक आवक 55,000 बोरियों की हुई।

सौंफ की आवक आज मंडी में 16,000 बोरियों की हुई।

सुपर क्वालिटी सौंफ के भाव 12,500 से 13,000 रुपये और बेस्ट क्वालिटी के भाव 12,000 से 12,500 रुपये, मीडियम के भाव 10,000 से 12,000 रुपये और चालू किस्म के भाव 7,500 से 9,000 रुपये प्रति किवंटल रहे।

12 मार्च 2021

फरवरी में खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 25 फीसदी की कमी आई- एसईए

नई दिल्ली। फरवरी में खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 25 फीसदी की गिरावट आकर कुल आयात 838,607 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल फरवरी में इनका आयात 1,112,478 टन का हुआ था। फरवरी में 796,568 टन खाद्य एवं 42,039 टन अखाद्य तेलों का आयात हुआ।

साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष नवंबर-20 से अक्टूबर-21 के पहले चार महीनों में खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 3.7 फीसदी की गिरावट आकर कुल आयात 4,394,760 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 4,563,791 टन का हुआ था।

फरवरी 2021 के दौरान खाद्य तेल के आयात में कमी आने का मुख्य कारण सर्दियों के मौसम के कारण कम मांग और पिछले दो महीनों में सीपीओ के अत्यधिक आयात होना है। सूरजमुखी तेल की विश्व बाजार में तेज होने के कारण इसके आयात पर असर पड़ा है, कीमतें ज्यादा होने के कारण उपभोक्ताओं ने दूसरे खाद्य तेलों जैसे सोयाबीन तेल आदि का ज्यादा उपयोग किया।

जनवरी के मुकाबले फरवरी में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई। फरवरी में भारतीय बंदरगाह पर आरबीडी पॉमोलीन तेल का दाम बढ़कर 1,057 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि जनवरी में इसका औसत भाव 1,022 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पाम तेल का दाम जनवरी के 1,047 डॉलर प्रति टन से बढ़कर फरवरी में 1,089 डॉलर प्रति टन हो गया। क्रुड सोयाबीन तेल का दाम जनवरी के 1,121 डॉलर से बढ़कर फरवरी में 1,126 डॉलर प्रति टन हो गया।


जनवरी के मुकाबले फरवरी में खाद्य तेलों के दाम बढ़े, फरवरी में भारतीय बंदरगाह पर आरबीडी पॉमोलीन तेल का दाम बढ़कर 1,057 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि जनवरी में इसका औसत भाव 1,022 डॉलर प्रति टन था। क्रुड पाम तेल का दाम जनवरी के 1,047 डॉलर से बढ़कर फरवरी में 1,089 डॉलर प्रति टन हो गया।

कॉटन उत्पादन अनुमान में 1.50 लाख गांठ की कटौती, निर्यात बढ़ेगा - सीएआई

नई दिल्ली। विश्व बाजार में कॉटन की कीमतों में चल रही तेजी से घरेलू बाजार से कॉटन का निर्यात पिछले साल की तुलना में 10 लाख गांठ ज्यादा होने का अनुमान है, जबकि उत्पादन फरवरी के आरंभिक अनुमान के मुकाबले 1.50 लाख गांठ कम होने की उम्मीद है।

विदेशी बाजार में कॉटन की कीमतों में गुरूवार को लगातार दूसरे दिन भारी तेजी आई। आईसीई कॉटन मई वायदा के दाम गुरूवार को 3.67 फीसदी बढ़कर 88.35 सेंट पर बंद हुए, जबकि जुलाई वायदा के दाम भी 3.66 फीसदी बढ़कर 89.20 सेंट पर बंद हुए। यूएसडीए की साप्ताहिक ​निर्यात, बिक्री रिपोर्ट मजबूत आने से निवेशकों की मांग बढ़ी है जिससे आईसीई कॉटन वायदा में तेजी आई है। विदेशी बाजार में दाम तेज होने से घरेलू बाजार से यार्न एवं कॉटन में निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है।

पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू फसल सीजन में कॉटन का उत्पादन फरवरी के अनुमान 1.50 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) घटकर 358.50 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 360 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था।

आयात में कमी आने की आशंका

कॉटन एसोसिएशन आफ इडिया, सीएआई के अनुसार चालू फसल सीजन फरवरी अंत तक 298.89 लाख गांठ कॉटन की आवक मंडियों में हो चुकी है जबकि 7 लाख गांठ का आयात हो चुका है। नई फसल के आरंभ में पहली अक्टूबर 2020 को 125 लाख गांठ कपास का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। चालू सीजन में कपास का कुल आयात घटकर 12 लाख गांठ ही होने का अनुमान है, जबकि पिछले फसल सीजन में 15.50 लाख गांठ कपास का आयात हुआ था।

निर्यात 10 लाख गांठ बढ़ने का अनुमान

सीएआई के अनुसार चालू फसल सीजन में कपास का निर्यात बढ़कर 60 लाख गांठ होने का अनुमान है, जोकि आरंभिक अनुमान 54 लाख गांठ से 6 लाख गांठ ज्यादा है जबकि पिछले फसल सीजन से 10 लाख गांठ ज्यादा होगा। पिछले फसल सीजन में केवल 50 लाख गांठ कपास का ही निर्यात हुआ था। उद्योग के अनुसार पहली अक्टूबर से फरवरी अंत तक करीब​ 36 लाख गांठ की शिपमेंट हो चुकी है।

दाल मिलों की मांग से दिल्ली में अरहर, चना और मसूर में तेजी, उड़द में नरमी

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की नीचे दाम पर हाजिर मांग बढ़ने से दिल्ली के नया बाजार में शुक्रवार को अरहर, चना के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी आई जबकि आयात होने की संभावना से उड़द में मंदा आया।

मुंबई में दाम बढ़ने से बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के भाव 6,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। चेन्नई में अरहर के भाव 50 रुपये तेज होकर 6,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम भी 50 रुपये बढ़कर 6,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की आवक कमजोर रही तथा भाव में 50 रुपये की तेजी आकर दाम 6,000 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

चना की कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर राजस्थानी चना के दाम 5,150 से 5,175 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन के चना के दाम बढ़कर 5,125 से 5,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 100 से 125 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,450 रुपये और 8,375 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 5,800-5,825 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मध्य प्रदेश में खराब मौसम के साथ ही मिलों की हाजिर मांग से मसूर की कीमतों में तेजी आई।

उधर आयातित मसूर का स्टॉक दिन प्रति दिन घटता जा रहा है, तथा आयात पड़ते नहीं लगने के कारण आयात होने की उम्मीद नहीं है लेकिन घरेलू मंडियों में नई फसल की आवक लगातार बढ़ रही है, इसलिए दाल मिलों की मांग घरेलू मसूर में बढ़ने की उम्मीद है।

10 मार्च 2021

बर्मा से उड़द के 500 कंटेनर 13 से 15 मार्च के दौरान भारत के लिए होंगे रवाना

नई दिल्ली। बर्मा में बुधवार को प्रमुख दालों के दाम स्थिर बने रहे।

स्थानीय व्यापारियों के अनुसार, उड़द के लगभग 500 कंटेनरों को चेन्नई के लिए सीधे जहाज में लोड किया गया है। इन वेसलों के 13 से 15 मार्च के दौरान बर्मा से रवाना होने की उम्मीद है। हालांकि, बैंकिंग लेनदेन सोमवार (15 मार्च, 2021) से फिर से शुरू होने की संभावना है।

नीचे भाव में मांग बढ़ने से दिल्ली में अरहर, उड़द और मसूर में तेजी

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की नीचे दाम पर हाजिर मांग बढ़ने से दिल्ली के नया बाजार में बुधवार को अरहर, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी आई।

मुंबई में दाम बढ़ने से बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 50 रुपये बढ़कर चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के भाव 6,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। इसी तरह से चेन्नई में अरहर के भाव 50 रुपये तेज होकर 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम भी 50 रुपये बढ़कर 6,800 से 6,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की आवक कमजोर रही तथा भाव में 50 रुपये की तेजी आकर दाम 5,950 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

बर्मा उड़द एसक्यू की कीमतों में 100 रुपये की तेजी आकर भाव 8,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हाजिर में स्टॉक कम है, जबकि मिलों की नीचे भाव में मांग देखी गई, हालांकि एफएक्यू के दाम 7,550 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। आंध्रप्रदेश लाईन नई पॉलिश उड़द के दाम 50 रुपये बढ़कर 7,750 रुपये प्रति​ क्विंटल हो गए। राजस्थान (कोटा) के साथ ही मध्यप्रदेश लाईन की पुरानी उड़द नेफेड द्वारा खरीदी हुई के दाम क्रमश: 6,900-7,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द के दाम दिल्ली में 7,600-7,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 75 रुपये की तेजी आकर भाव 5,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि घरेलू मंडियों में नई मसूर की आवक बढ़ रही है, साथ ही स्टॉकिस्टों की मांग भी कमजोर है। आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात नहीं हो पायेगा।

09 मार्च 2021

मुंबई में अरहर, उड़द, मसूर और काबूली चना की कीमतों में मंदा

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण मंगलवार को मुंबई में शुरूआती कारोबार में अरहर, उड़द के साथ ही मसूर और काबूली चना की कीमतों में गिरावट आई।

मिलों की कमजोर मांग से बर्मा की लेमन अरहर की कीमतों में 25 रुपये का मंदा आकर भाव क्रमश: 6,350 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि अरुषा अरहर के दाम 5,800 से 5,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दूसरी और, स्टॉकिस्टों की बिकवाली आने से उड़द एफएक्यू नई और पुरानी के भाव में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,350 रुपये और 7,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। आयात नहीं होने के बावजूद भी, उड़द दाल में थोक एवं खुदरा में ग्राहकी कमजोर होने से मिलें सीमित मात्रा में ही खरीद कर रही है।।

कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, हजीरा, कांडला और मुंद्रा बंदरगाह पर 25 रुपये प्रति क्विंटल तक कम हो गए, क्योंकि घरेलू मंडियों में नई फसल की आवक और आयातित स्टॉक ज्यादा होने से मिलों की मांग कमजोर रही। हालांकि पड़ते नहीं होने के कारण मसूर का आयात नहीं हो पायेगा।

रूस-सूडान के काबुली चना की कीमतों में दिल्ली में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।

मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में अरहर, उड़द और मसूर में गिरावट, चना में सुधार

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से दिल्ली के नया बाजार में मंगलवार को अरहर, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई जबकि वायदा में दाम बढ़ने से चना में 25 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया।

बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 50 रुपये घटकर चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के भाव 6,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बिकवाली ज्यादा आने के कारण कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम भी 50 रुपये घटकर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। दूसरी ओर, चेन्नई में अरहर के भाव 6,350 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की आवक कमजोर होने के बावजूद भी 5,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही।

बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 75-125 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,525-7,550 और 8,375-8,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हाजिर में स्टॉक कम होने के बावजूद भी मिलों की मांग कमजोर देखी गई।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25-25 रुपये की गिरावट आकर भाव 5,600 और 5,625 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। घरेलू मंडियों में नई मसूर की आवक बढ़ रही है, लेकिन स्टॉकिस्टों की मांग कमजोर ही है। हालांकि आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात नहीं हो पायेगा।

वायदा की कीमतों में आई तेजी से राजस्थानी चना के दाम 25 रुपये बढ़कर 5,100 रुपये और मध्यप्रदेश के चना के भाव 5,050 से 5,075 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मध्य प्रदेश के नया चना के भाव 4,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। इंदौर में चना के दाम 25 रुपये बढ़कर 5,025 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

08 मार्च 2021

दिल्ली में उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में तेजी, अरहर और चना नरम

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को दिल्ली के नया बाजार में उड़द और मसूर की कीमतों में तेजी आई जबकि ग्राहकी कमजोर होने से अरहर और चना की कीमतों में मंदा आया।

बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 50 रुपये घटकर चेन्नई से हाजिर डिलीवरी के भाव 6,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की आवक कमजोर होने के बावजूद भी 50 रुपये की गिरावट आकर दाम 5,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। बिकवाली ज्यादा आने के कारण कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर के दाम भी 50 रुपये घटकर 6,900 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। चेन्नई में अरहर के भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 200-200 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 7,600 और 8,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। नीचे दाम पर मिलों की मांग बढ़ने और हाजिर में स्टॉक कम होने के कारण दिल्ली में तेजी दर्ज की गई। हालांकि उड़द दाल में थोक और खुदरा में मांग कमजोर ही रही।

बर्मा में हड़ताल होने के कारण विदेशी आपूर्ति जल्द होने की उम्मीद नहीं है। हड़ताल के कारण किसी भी स्थानीय और विदेशी व्यापार को बंदरगाह पर लोडिंग-अनलोडिंग गतिविधियों को प्रभावित नहीं किया गया है। बर्मा के आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, एक सप्ताह के अंदर म्यांमार में बैंकिंग लेनदेन और बंदरगाह संचालन फिर से शुरू होने की संभावना है।

राजस्थान (कोटा) लाईन उड़द के साथ-साथ मध्य प्रदेश लाईन की पुरानी नेफेड द्वारा खरीदी गई उड़द के दाम भी क्रमश: 100-100 रुपये तेज होकर 6,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। आंध्रप्रदेश लाईन की नई उड़द में 7,800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कारोबार हुआ। महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द के दाम दिल्ली में 7,600-7,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे।

दाल मिलों की हाजिर मांग से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 25-25 रुपये की तेजी आकर भाव 5,625 और 5,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दिल्ली में चना की कीमतों में 75 से 100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आकर ​राजस्थानी चना के भाव 5,050 से 5,075 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन के चना के भाव 5,025 से 5,050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

मुंबई में आयातित उड़द, अरहर तेज, मसूर नरम, चेन्नई में उड़द नरम

नई दिल्ली। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से सोमवार को मुंबई में बर्मा उड़द के साथ ही अरहर की कीमतों में तेजी दर्ज की गई, जबकि मसूर में बिकवाली बढ़ने से नरमी दर्ज की गई।

नीचे दाम पर मिलों की कमजोर मांग बढ़ने से बर्मा की लेमन अरहर की कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश: 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हालांकि घरेलू बाजार में अरहर दाल में ग्राहकी कमजोर होने से देसी अरहर की कीमतों में नरमी दर्ज की गई। अरुषा अरहर के दाम 5,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

चेन्नई में बर्मा अरहर लेमन के भाव 6,400 रुपये, अरुषा तंजानिया के दाम 5850 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

दूसरी और, स्टॉकिस्टों की बिकवाली कम आने से उड़द एफएक्यू नई और पुरानी के भाव में 150-150 रुपये की तेजी आकर भाव क्रमश 7,450 रुपये और 7,350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। हाजिर में स्टॉक कम होने एवं चेन्नई और दिल्ली में कीमतों में आए सुधार के कारण मुंबई में दाम बढ़े, हालांकि उड़द दाल में थोक एवं खुदरा में ग्राहकी कमजोर ही रही।

बर्मा में हड़ताल होने के कारण विदेशी आपूर्ति जल्द होने की उम्मीद नहीं है। हड़ताल के कारण किसी भी स्थानीय और विदेशी व्यापार एवं बंदरगाह पर लोडिंग-अनलोडिंग गतिविधियों को प्रभावित नहीं किया गया है। बर्मा के आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, एक सप्ताह के अंदर म्यांमार में बैंकिंग लेनदेन और बंदरगाह संचालन फिर से शुरू होने की संभावना है।

चेन्नई में बर्मा उड़द एसक्यू के दाम 50 रुपये घटकर 8,100 रुपये और अप्रैल डिलीवरी के दाम 50 रुपये घटकर 8,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उड़द एफएक्यू क दाम भी 50 रुपये घटकर 7,350 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए।

कनाडा की मसूर के भाव मुंबई, हजीरा, कांडला और मुंद्रा बंदरगाह पर 25-रुपये प्रति क्विंटल तक कम हो गए, क्योंकि घरेलू मंडियों में नई फसल की आवक और आयातित स्टॉक ज्यादा होने से मिलों की मांग कमजोर रही। हालांकि पड़ते नहीं होने के कारण मसूर का आयात नहीं हो पायेगा।

05 मार्च 2021

दिल्ली में अरहर, उड़द, चना और मसूर नरम, उड़द के दाम चेन्नई में शाम को बढ़े

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शनिवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, चना, उड़द और मसूर की कीमतों में गिरावट आई। चेन्नई में शाम को उड़द की कीमतों में 50 से 125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।

बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम 50 रुपये घटकर 6,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की आवक कमजोर होने के बावजूद भाव में 50 रुपये की नरमी आकर दाम 5,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर में व्यापार 6,950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ, इसके भाव स्थिर ही बने रहे। चेन्नई में अरहर के भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 100-100 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,300 और 8,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मुंबई में कीमतों में आई नरमी का असर दिल्ली में उड़द की कीमतों पर रहा, तथा हाजिर में आयातित उड़द का स्टॉक कम होने के बावजूद भी कीमतों में गिरावट आई।

भारत सरकार ने 31 मार्च 2022 तक की अवधि के लिए 4 लाख टन उड़द का आयात कोटा जारी करने की घोषणा कर दी है।

इसी प्रकार, कोटा (राजस्थान) लाईन के साथ-साथ मध्य प्रदेश की पुरानी नेफेड द्वारा खरीदी हुई उड़द कीमतों में 50 रुपये की गिरावट आकर दाम 6,800 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए। महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द की कीमत भी 50 रुपये घटकर दाम 7,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण शुक्रवार को मुंबई और दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उड़द का चार लाख टन का आयात कोटा जारी कर दिया है। बर्मा में हड़ताल होने के कारण विदेशी आपूर्ति जल्द होने की उम्मीद नहीं है।

बर्मा में उड़द एफएक्यू और एसक्यू के दाम स्थिर बने रहे। हड़ताल के कारण बंदरगाह पर लोडिंग, तथा अनलोडिंग का काम शुरू नहीं हो पाया है। बर्मा के आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, एक सप्ताह के अंदर म्यांमार में बैंकिंग लेनदेन और बंदरगाह संचालन फिर से शुरू होने की संभावना है।

दूसरी ओर, स्थानीय मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से, घरेलू बाजार में देसी उड़द की कीमतों मेंं क्वालिटीनुसार 50 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया।  

चेन्नई में शाम को नीचे भाव में मांग निकलने से उड़द की कीमतों में तेजी आई। बर्मा उड़द एसक्यू के दाम चेन्नई में 100 रुपये तेज होकर 7,950 रुपये, अप्रैल डिलीवरी के एसक्यू के भाव 125 रुपये बढ़कर 8,100 रुपये तथा एफएक्यू के दाम 50 रुपये तेज होकर 7,350 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

दिल्ली में, दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से कनाडा और मध्य प्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 50-50 रुपये की गिरावट आकर भाव 5,625 रुपये और 5,650 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। घरेलू मंडियों में नई मसूर की आवक शुरू हो गई है, जबकि आयातित मसूर का स्टॉक भी ज्यादा है। इसलिए मसूर में स्टॉकिस्टों की खरीद नहीं हो रही है। हालांकि पड़ते नहीं होने के कारण मसूर का आयात नहीं हो पायेगा।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से शुक्रवार को कनाडा की मसूर की कीमतें मुंबई, कोलकाता, हजीरा, मुंद्रा और कांडला बंदरगाह पर तथा आस्ट्रेलियाई मसूर के दाम मुंबई और कोलकाता में 25 रुपये घट गए। नई फसल की आवक बढ़ने एवं मिलों की मांग कमजोर होने के कारण मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में मसूर की कीमतों में क्वालिटीनुसार 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, एनसीडीईएक्स पर मार्च डिलीवरी वायदा अनुबंध में चना की कीमतें 36 रुपये की तेजी आई, जबकि अप्रैल वायदा अनुबंध में इसकी कीमतों में 23 रुपये का सुधार आया।

दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से शुक्रवार को हरदा, केकड़ी और किशनगढ़ मंडियों में मूंग की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। दूसरी ओर, दैनिक आवक घटने के बावजूद भी मिलों की कमजोर मांग से मेड़ता और नागौर मंडियों में मूंग की कीमतों में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। इसी तरह, राजस्थान लाईन की मूंग में मांग कमजोर होने से दिल्ली के नया बाजार में इसके भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,000-7,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

04 मार्च 2021

दिल्ली में कनाडा की मसूर, चना और काबूली चना तेज, उड़द एसक्यू में मंदा

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से गुरूवार को दिल्ली के नया बाजार में कनाडा की मसूर के साथ ही चना और काबूली चना में तेजी आई, जबकि उड़द एसक्यू में गिरावट देखी गई। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए चार लाख टन उड़द का आयात कोटा जारी कर दिया।

बर्मा उड़द एसक्यू की कीमतों में 50 रुपये गिरावट आकर भाव 8,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए चार लाख टन उड़द का आयात कोटा जारी कर दिया जबकि मुंबई और चेन्नई में कीमतों में आई नरमी का असर रहा, हालांकि हाजिर में आयातित उड़द का स्टॉक कम होने के बावजूद भी कीमतों में गिरावट आई। एफएक्यू उड़द के दाम दिल्ली में 7,400 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण गुरूवार को चेन्नई, मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। हालांकि, बर्मा में हड़ताल के कारण विदेशी आपूर्ति जल्द होने की उम्मीद नहीं है।

केंद्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उड़द का चार लाख टन का कोटा जारी करने के बावजूद भी बर्मा में उड़द एफएक्यू और एसक्यू के दाम स्थिर बने रहे। हड़ताल के कारण बंदरगाह पर लोडिंग, तथा अनलोडिंग का काम शुरू नहीं हो पाया है। बर्मा के आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, एक सप्ताह के अंदर म्यांमार में बैंकिंग लेनदेन और बंदरगाह संचालन फिर से शुरू होने की संभावना है। स्थानीय मिलों की मांग कमजोर बनी रहने से, घरेलू बाजार में देसी उड़द की कीमतों मेंं क्वालिटीनुसार 50 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया।

दाल मिलों की मांग बढ़ने से कनाडा लाईन की मसूर की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 5,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। घरेलू मंडियों में नई मसूर की आवक शुरू हो गई है, जबकि आयातित मसूर का स्टॉक भी ज्यादा है। हालांकि पड़ते नहीं होने के कारण मसूर का आयात नहीं हो पायेगा। मध्य प्रदेश की मसूर के दाम दिल्ली में 5,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, हालांकि घरेलू बाजार में स्टॉकिस्ट खरीद नहीं कर रहे हैं।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से गुरूवार को कनाडा की मसूर की कीमतों में मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। घरेलू बाजार में नई फसल की आवकों को देखते मिलर्स की मांग कमजोर रही। आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है तथा आयात पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है लेकिन घरेलू आवक बढ़ रही है, इसलिए मिलों की मांग देसी मसूर में बढ़ेगी।

कोलकाता में आयातित मसूर का स्टॉक लगभग 60,000-70,000 टन बचा हुआ है इसमें कनाडा की मसूर का लगभग 50,000 टन और ऑस्ट्रेलिया मसूर का 10,000 टन होने की उम्मीद है। मुंद्रा बंदरगाह पर मसूर का स्टॉक 1,10,000 टन, कांडला बंदरगाह पर 30,000 टन और हजीरा बंदरगाह पर 40,000 टन होने का अनुमान है।

नई फसल की आवक बढ़ने एवं मिलों की मांग कमजोर होने के कारण मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में मसूर की कीमतों में क्वालिटीनुसार 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।

मूंग की कीमतों में हरदा में 150 रुपये की तेजी आकर भाव 5,000 से 8,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, लेकिन केकड़ी मंडी में 100 रुपये का मंदा आकर भाव 6,300 से 6,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।

दिल्ली में राजस्थानी चना के दाम 25 रुपये बढ़कर 5,150 से 5,175 रुपये और मध्य प्रदेश लाईन के चना के दाम 5,125 से 5,150 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।

महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और इंदौर लाईन के काबुली चना में स्थानीय मिलों की मांग बढ़ने से 300 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। हालाँकि, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में नए काबूली चना की आवक बराबर बनी हुई है।

केंद्र ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 4 लाख टन उड़द का आयात कोटा जारी किया

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 4 लाख टन उड़द का आयात कोटा जारी कर दिया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 की अवधि के दौरान मार्च 2022 तक 4 लाख टन उड़द का आयात किया जायेगा।

अधिसूचना के तहत इस दौरान उड़द का आयात केवल मिलर्स/रिफाइनर को ही आयात करने की अनुमति होगी तथा केंद्र सरकार मिलों को लाइसेंस के माध्यम से उड़द का आयात कोटा जारी करेगी। आवेदन करने वाली मिलों को समान रूप से आयात की मात्रा वितरित की जायेगी।

03 मार्च 2021

मिलों की मांग से दिल्ली में अरहर, उड़द और मसूर में गिरावट, चना और काबूली चना तेज

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को दिल्ली के नया बाजार में अरहर, उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में गिरारवट दर्ज की गई, जबकि चना और काबूली चना के दाम तेज हुए।

बर्मा की नई लेमन अरहर के दाम मुंबई में आई गिरावट के कारण, चेन्नई से दिल्ली के लिए हाजिर डिलीवरी में 100 रुपये घटकर 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। चेन्नई में अरहर की कीमतों में 200 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। हरियाणा लाईन की नई घरेलू अरहर की आवक कमजोर होने के बावजूद 100 रुपये की नरमी आकर भाव 6,050-6,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। कर्नाटक लाईन की नेफेड की खरीदी हुई पुरानी अरहर में व्यापार 100 रुपये घटकर 6,950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ।

बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 50—100 रुपये गिरावट आकर भाव क्रमश: 7,400 रुपये और 8,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, चेन्नई में कीमतों में आई नरमी का असर रहा, हालांकि हाजिर में आयातित उड़द का स्टॉक कम होने के बावजूद भी कीमतों में गिरावट आई।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने के कारण बुधवार को चेन्नई और दिल्ली में बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। हाजिर स्टॉक कम होने एवं स्थानीय मिलों की मांग सुधरने से मुंबई में बर्मा उड़द एफएएक्यू में 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। दाल मिलों की सीमित मांग के कारण प्रमुख बाजारों में देसी उड़द की कीमतों में क्वालिटीनुसार मिलाजुला रुख देखा गया।

आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले में नई उड़द पॉलिस की आवक शुरू हो गई है तथा मंडी में नई फसल की दैनिक आवक अगले 10 दिनों में बढ़ने की संभावना है।

बर्मा में स्थानीय मिलों की मांग कम होने के साथ ही निर्यात सौदें नहीं होने से उड़द एफएक्यू और एसक्यू के दाम स्थिर बने रहे। हड़ताल के कारण बंदरगाह पर लोडिंग, तथा अनलोडिं का काम शुरू नहीं हो पाया है। बर्मा के आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, 4 मार्च, 2021 से म्यांमार में बैंकिंग लेनदेन और बंदरगाह संचालन फिर से शुरू होने की संभावना है।

कनाडा और मध्यप्रदेश लाईन की मसूर की कीमतों में 100-150 रुपये की गिरावट आकर भाव क्रमश: 5,650 रुपये और 5,700 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गए। घरेलू मं​डियों में नई मसूर की आवक शुरू हो गई है, जबकि आयातित मसूर का स्टॉक भी ज्यादा है। हालांकि पड़ते नहीं होने के कारण आययातित मसूर नहीं आ पायेगी लेकिन घरेलू बाजार में स्टॉकिस्टों की खरीद नहीं हो रही।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से बुधवार को कनाडा की मसूर की कीमतों में मुंबई, मुंद्रा, कांडला और हजीरा बंदरगाह पर 25 से 30 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। आयातित मसूर का स्टॉक लगातार कम हो रहा है तथा आया​त पड़ते नहीं लगने के कारण मसूर का आयात संभव नहीं है लेकिन घरेलू आवक बढ़ रही है, इसलिए मिलों की मांग देसी मसूर में बढ़ेगी। नई फसल की आवक बढ़ने एवं मिलों की मांग कमजोर होने के कारण मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख बाजारों में मसूर की कीमतों में क्वालिटीनुसार 50 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।

महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और इंदौर लाईन के काबुली चना में इंदौर के साथ ही स्थानीय मिलों की मांग बढ़ने से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। हालाँकि, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में नए काबूली चना की आवक बराबर बनी हुई है।

दिल्ली में शाम को राजस्थानी चना की कीमतों में 25 रुपये की तेजी आकर भाव 5,100 से 5,125 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि राजस्थानी चना के दाम 5,150 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।

चीनी का उत्पादन 233.77 लाख टन हुआ, पिछले साल की तुलना में 20 फीसदी ज्यादा

नई दिल्ली। चीनी मिलों में जल्द पेराई शुरू होने से चालू पेराई सीजन 2020-21 के पहले पांच महीनों पहली अक्टूबर से 28 फरवरी 2021 तक चीनी का उत्पादन 19.99 फीसदी बढ़कर 233.77 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले सीजन में इस दौरान केवल 194.82 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में 28 फरवरी 2021 तक 84.85 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 50.70 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। राज्य में चालू पेराई सीजन में 188 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिनमें से 12 चीनी मिलों में पेराई बंद हो चुकी है जोकि सभी सोलापुर रीजन की हैं।

उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 120 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी, जिसमें से 11 मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। राज्य में 28 फरवरी 2021 तक 74.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जोकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 76.86 लाख टन से थोड़ा कम है, पिछले पेराई सीजन में राज्य में 119 मिलों में पेराई चल रही थी।

कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 28 फरवरी तक 40.53 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में केवल 32.60 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था।

गुजरात में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 7.49 लाख टन और  तमिलनाडु में 3.16 लाख टन चीनी का उत्पादन 28 फरवरी 2021 तक हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में इन राज्यों में क्रमश: 6.83 लाख टन और 3.37 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। देश के अन्य राज्यों आंध्रप्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा में 23.54 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।

सूत्रों के अनुसार सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में चीनी की कीमतों पर दबाव बना हुआ है तथा चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव तमिलनाडु में 3,200 से 3,225 रुपये और उत्तरी राज्यों में 3,160 से 3,180 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जोकि पिछले साल की तुलना में 80 से 100 रुपये प्रति क्विंटल नीचे हैं।

निर्यात के मोर्चे पर, चीनी मिलों को ट्रकों और कंटेनरों की कमी के साथ-साथ बंदरगाहों पर जहाजों की पर्याप्त उपलब्धता की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिनके बारे में पहले से ही सरकार और संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी जा चुकी हैं। हालांकि, विशाखापट्टनम पोर्ट ट्रस्ट द्वारा काफी अच्छे कदम उठायें गए है। चालू पेराई सीजन में फरवरी अंत तक करीब 32 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हो चुके हैं।

रबी विपणन सीजन 2021-22 में 9.56 फीसदी ज्यादा गेहूं की खरीद का लक्ष्य

नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2021 से शुरू होने वाले रबी विपणन सीजन 2021-22 के दौरान केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 427.36 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य तय किया है, जो पिछले रबी में खरीदे गए 389.93 लाख टन से 9.56 फीसदी ज्यादा है।

खाद्य मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में 119.72 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य तय किया गया है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 96.21 लाख टन से 24.43 फीसदी ज्यादा है।

मंत्रालय के अनुसार पहली अप्रैल 2021 से शुरू हो रही रबी विपणन सीजन 2021-22 में पंजाब से गेहूं की खरीद का लक्ष्य 130 लाख टन, मध्य प्रदेश से 135 लाख टन, हरियाणा से 80 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 55 लाख टन, राजस्थान से 22 लाख टन का तय किया है। इसके अलावा उत्तराखंड से 2.20 लाख टन, गुजरात 1.50 लाख टन, बिहार से एक लाख टन, दिल्ली से 50 हजार टन, तथा जम्मू-कश्मीर से 10 हजार टन एवं हिमाचल से 6 हजार टन की खरीद का लक्ष्य तय किया है।

केंद्र सरकार ने पहली अप्रैल से शुरू होने वाले रबी विपणन सीजन 2021-22 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 1,975 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जबकि पिछले रबी सीजन में एमएसपी 1,925 रुपये प्रति क्विंटल था।

02 मार्च 2021

दिल्ली में बर्मा उड़द और चना तेज, आंध्रप्रदेश में नई उड़द की आवक शुरू

नई दिल्ली। स्थानीय दाल मिलों की नीचे दाम पर हाजिर मांग बढ़ने से मंगलवार को दिल्ली के नया बाजार में बर्मा उड़द के साथ ही चना की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। उधर आंध्रप्रदेश के कृृष्णा में नई उड़द की आवक शुरू हो गई है जिससे कीमतों पर दबाव बना रहने का अनुमान है। अन्य दालों के दाम लगभग स्थिर से बने रहे।

बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में 100-100 रुपये तेजी आकर भाव क्रमश: 7,450 रुपये और 8,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, चेन्नई में कीमतों में आए सुधार के साथ ही नीचे दाम पर मिलों की मांग बढ़ गई। महाराष्ट्र लाईन की उड़द की कीमतें 7,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। कोटा (राजस्थान) की नई उड़द के साथ ही मध्य प्रदेश की पुरानी नेफेड की खरीदी हुई उड़द की कीमतें भी 6,850 रुपये प्रति क्विंटल स्थिर बनी रही।

नीचे दाम पर दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ने से मंगलवार को चेन्नई और दिल्ली में बर्मा उड़द की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। हाजिर स्टॉक कम होने के बावजूद भी मिलों की सुस्त मांग से कोलकाता के बाजार में बर्मा उड़द एफएक्यू में 50 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया। चंदौसी, वेरावल, नीमच और नरसिंहपुर जैसे प्रमुख बाजारों में कमजोर मांग के कारण देसी उड़द की कीमतों में क्वालिटीनुसार 50-200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा और गुंटूर बाजारों में पॉलिश और अनपॉलिस्टड उड़द में स्थानीय मांग से 50-200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।

आंध्रप्रदेश के कृष्णा जिले में नई उड़द पॉलिस की आवक शुरू हो गई है तथा मंडी में नई फसल की दैनिक आवक अगले 10 दिनों में बढ़ने की संभावना है। नई फसल का उत्पादन दो लाख टन होने का अनुमान है जबकि पुराना स्टॉक भी बचा हुआ है। नई फसल की आवकों का दबाव दो महीने बना रहने का अनुमान है।

बर्मा आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, 4 मार्च, 2021 से म्यांमार में बैंकिंग लेनदेन और बंदरगाह संचालन फिर से शुरू होने की संभावना है।

बाजार सूत्रों के अनुसार, बर्मा उड़द एसक्यू की कीमतों पर, कृष्णा जिले की फसल की आवक से दबाव बनने की आशंका है, क्योंकि भाव सस्ते होने के कारण व्यापारियों की मांग नई घरेलू फसल में बढ़ेगी। चेन्नई में आयातकों के पास अभी भी लगभग 1,500 कंटेनरों (36,000 टन) आयातित उड़द  का बकाया स्टॉक है। आयातित माल नहीं आने के बावजूद भी उड़द की कीमतों में तेजी की उम्मीद नहीं है क्योंकि मध्यप्रदेश में उड़द गोटा का स्टॉक अच्छा है तथा भाव भी नीचे हैं।

दाल मिलों की हाजिर मांग कमजोर होने से मंगलवार को कोलकाता में आस्ट्रेलियाई मसूर की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। आयातित मसूर का स्टॉक कोलकाता में कम हो गया है और लगभग 60,000-70,000 टन का स्टॉक बचने का ही अनुमान है इसमें कनाडा मसूर का लगभग 50,000 टन और ऑस्ट्रेलियाई मसूर का लगभग 10,000 टन होने की उम्मीद है। आयात पड़ते नहीं लगने के कारण आयातित मसूर आने की उम्मीद नहीं है।

मध्य प्रदेश के प्रमुख बाजारों में दाल मिलों की सीमित मांग से मसूर की कीमतों में क्वालिटीनुसार मिलाजुला रुख देखा गया, हालांकि बढ़े दाम पर मिलों की ग्राहकी कमजोर रही। बढ़े दाम पर मसूर में स्टॉकिस्टों की मांग कमजोर ही रही। नई मसूर की आवक मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में बढ़ी है, लेकिन उत्तर प्रदेश में एक पखवाड़े के अंदर आवक बढ़ने की उम्मीद है। उत्पादक मंडियो में आयातित मसूर का स्टॉक ज्यादा है, साथ ही आने वाले दिनों में उत्पादक मंडियों में नई फसल की बढ़ेगी, इसलिए मसूर में बढ़े भाव में खरीद करके व्यापार नहीं करना चाहिए।

राजस्थान चना के दाम दिल्ली में 5,150 रुपये और मध्य प्रदेश के चना के दाम 5,100 रुपये प्रति क्विंटल रहे। कल की तुलना में आज इनमें क्रमश 50 और 25 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई।