आर एस राणा
नई दिल्ली। विदेशी बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में चल रही तेजी के कारण केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती की है। केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार क्रुड पॉम तेल के आयात पर शुल्क को 40 फीसदी से घटाकर 37.5 फीसदी और रिफाइंड तेल के आयात पर शुल्क को 50 फीसदी से घटाकर 45 फीसदी कर दिया है।
मलेशिया और इंडोनेशिया से पाम तेल का आयात महंगा होने के कारण घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने हाल ही में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कमी नहीं करनी की मांग की थी। एसईए के कार्यकारी निदेशक डॉ. बीवी मेहता के अनुसार अंतरार्ष्ट्रीय बाजार से आयात महंगा होने के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इससे देश के किसानों को तिलहनों का ऊंचा भाव मिल रहा है, जिससे वे तिलहनों की खेती करने को लेकर उत्साहित होंगे।
खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन देना होगा
उन्होंने कहा कि हमें अगर खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर बनना है तो किसानों को प्रोत्साहन देना ही पड़ेगा जोकि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर व लाभकारी दाम दिलाकर किया जा सकता है। भारत दुनिया का दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक है जो खाद्य तेल की अपनी जरूरतों के अधिकांश हिस्से की पूर्ति आयात से करता है। बेमौसम बारिश और बाढ़ के कारण खरीफ सीजन में सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ था, जिस कारण उत्पादन अनुमान में कमी आई।
आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में आई तेजी
अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में खाद्य तेलों की कीमतों में भारी तेजी दर्ज की गई है। भारतीय बंदरगाह पर आरबीडी पामोलीन का भाव नवंबर 2019 में बढ़कर औसतन 663 डॉलर प्रति टन रहा, जबकि अक्टूबर में इसका भाव 567 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पाम तेल का भाव नवंबर में बढ़कर 636 डॉलर प्रति टन हो गया जबकि अक्टूबर में इसका दाम औसतन 541 डॉलर प्रति टन था। क्रुड सोया तेल के भाव इस दौरान 722 डॉलर से बढ़कर 763 डॉलर प्रति टन हो गए। एसईए के अनुसार तेल वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-18 से नवंबर-19) के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात बढ़कर 149.13 लाख टन का हुआ, जोकि इसके पिछले साल के 145.16 लाख टन से ज्यादा है। देश में तेल वर्ष 2016-17 में रिकार्ड 150.77 लाख टन खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात हुआ था।............ आर एस राणा
नई दिल्ली। विदेशी बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में चल रही तेजी के कारण केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कटौती की है। केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार क्रुड पॉम तेल के आयात पर शुल्क को 40 फीसदी से घटाकर 37.5 फीसदी और रिफाइंड तेल के आयात पर शुल्क को 50 फीसदी से घटाकर 45 फीसदी कर दिया है।
मलेशिया और इंडोनेशिया से पाम तेल का आयात महंगा होने के कारण घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने हाल ही में केंद्र सरकार को पत्र लिखकर खाद्य तेलों के आयात शुल्क में कमी नहीं करनी की मांग की थी। एसईए के कार्यकारी निदेशक डॉ. बीवी मेहता के अनुसार अंतरार्ष्ट्रीय बाजार से आयात महंगा होने के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इससे देश के किसानों को तिलहनों का ऊंचा भाव मिल रहा है, जिससे वे तिलहनों की खेती करने को लेकर उत्साहित होंगे।
खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन देना होगा
उन्होंने कहा कि हमें अगर खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर बनना है तो किसानों को प्रोत्साहन देना ही पड़ेगा जोकि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर व लाभकारी दाम दिलाकर किया जा सकता है। भारत दुनिया का दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक है जो खाद्य तेल की अपनी जरूरतों के अधिकांश हिस्से की पूर्ति आयात से करता है। बेमौसम बारिश और बाढ़ के कारण खरीफ सीजन में सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ था, जिस कारण उत्पादन अनुमान में कमी आई।
आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में आई तेजी
अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में खाद्य तेलों की कीमतों में भारी तेजी दर्ज की गई है। भारतीय बंदरगाह पर आरबीडी पामोलीन का भाव नवंबर 2019 में बढ़कर औसतन 663 डॉलर प्रति टन रहा, जबकि अक्टूबर में इसका भाव 567 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से क्रुड पाम तेल का भाव नवंबर में बढ़कर 636 डॉलर प्रति टन हो गया जबकि अक्टूबर में इसका दाम औसतन 541 डॉलर प्रति टन था। क्रुड सोया तेल के भाव इस दौरान 722 डॉलर से बढ़कर 763 डॉलर प्रति टन हो गए। एसईए के अनुसार तेल वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-18 से नवंबर-19) के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात बढ़कर 149.13 लाख टन का हुआ, जोकि इसके पिछले साल के 145.16 लाख टन से ज्यादा है। देश में तेल वर्ष 2016-17 में रिकार्ड 150.77 लाख टन खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात हुआ था।............ आर एस राणा
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