आर एस राणा
नई दिल्ली। मक्का के दाम समर्थन मूल्य से उंचे होने के कारण किसानों को उम्मीद थी कि इस बारे उन्हें उचित भाव मिलेगा, लेकिन सरकार ने आयात के लिए निविदा जारी कर दी। आयातित मक्का फरवरी, मार्च में आने की उम्मीद है जबकि मार्च, अप्रैल में रबी मक्का की आवक शुरू हो जायेगी, अत: आयात का असर इसकी कीमतों पर पड़ने की आशंका है।
सार्वजनिक कंपनी एमएमटीसी ने 50 हजार पीली मक्का (नोन जीमए) मंगाने के लिए निविदा जारी की है। सूत्रों के अनुसार निगम ने निविदा की मात्रा को बढ़ाकर 1.75 लाख टन कर दिया है, जिसके लिए नई निविदा जल्द जारी की जायेगी। सूत्रों के अनुसार नई निविदा में मक्का आयात की शिपमेंट 10 फरवरी 2020 रखी गई है। भारत की मक्का आयात मांग को देखते हुए विदेशी बाजार में भाव बढ़ने की उम्मीद है, साथ ही इतनी बड़ी मात्रा में नोन जीएम मिलने की उम्मीद भी कम है। मक्का का आयात फरवरी, मार्च में ही आने का अनुमान है जबकि रबी सीजन में बिहार और अन्य राज्यों की नई फसल की आवक मार्च, अप्रैल में बनेगी।
कीमतों में आई नरमी
निजामाबाद मंडी के मक्का कारोबारी पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि गुरूवार को मंडी में मक्का के दाम घटकर 1,900 से 1,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। सरकार द्वारा मक्का आयात के लिए निविदा मांगने से कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019—20 के लिए मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,760 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। उन्होंने बताया कि मक्का का आयात फरवरी, मार्च में ही ज्यादा होने का अनुमान है, इसलिए आयात का असर रबी सीजन की मक्का की कीमतों पर ज्यादा पड़ेगा।
यूक्रेन से नोन जीएम मक्का का आयात संभव
यूएस ग्रेन काउंसिल में भारतीय प्रतिनिधि अमित सचदेव ने बताया कि नोन जीएम मक्का का आयात यूक्रेन से हो सकता है, यूक्रेन से आयातित मक्का के भाव भारतीय बंदरगाह पहुंच 220 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) हैं। इसमें 15 फीसदी आयात शुल्क के साथ ही बंदरगाह और परिवहन लागत को जोड़ दे इसका भाव 1,850 से 1,900 रुपये प्रति क्विंटल होगा। अत: बंदरगाह ने नजदीक स्थिर पोल्ट्री उद्योग के साथ ही स्टार्च मिलें इसकी खरीद करेेंगी। उन्होंने बताया कि नवंबर, दिसंबर 2019 में भी सरकार ने 50 हजार टन मक्का का आयात किया था। अमेरिका और ब्राजील में जीएम मक्का का उत्पादन होता है, इसलिए इन देशों से आयात की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि मक्का का आयात फरवरी अंत और मार्च में होगा, इसलिए अभी घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में मंदे की उम्मीद नहीं है। सोया डीओसी के साथ बाजरा के दाम तेज है इसलिए घरेलू बाजार में आगे इसके भाव में फिर सुधार बन सकता है।
खरीफ में उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ सीजन 2019-20 में मक्का का उत्पादन 198.9 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ में 190.4 लाख टन का उत्पादन हुआ था। मक्का का उत्पादक खरीफ और रबी दोनों सीजन में होता है। फसल सीजन 2018-19 में खरीफ और रबी सीजन को मिलाकर कुल उत्पादन 272.3 लाख टन का हुआ था। मक्का की बुआई चालू रबी में 13.70 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 12.86 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।.......... आर एस राणा
नई दिल्ली। मक्का के दाम समर्थन मूल्य से उंचे होने के कारण किसानों को उम्मीद थी कि इस बारे उन्हें उचित भाव मिलेगा, लेकिन सरकार ने आयात के लिए निविदा जारी कर दी। आयातित मक्का फरवरी, मार्च में आने की उम्मीद है जबकि मार्च, अप्रैल में रबी मक्का की आवक शुरू हो जायेगी, अत: आयात का असर इसकी कीमतों पर पड़ने की आशंका है।
सार्वजनिक कंपनी एमएमटीसी ने 50 हजार पीली मक्का (नोन जीमए) मंगाने के लिए निविदा जारी की है। सूत्रों के अनुसार निगम ने निविदा की मात्रा को बढ़ाकर 1.75 लाख टन कर दिया है, जिसके लिए नई निविदा जल्द जारी की जायेगी। सूत्रों के अनुसार नई निविदा में मक्का आयात की शिपमेंट 10 फरवरी 2020 रखी गई है। भारत की मक्का आयात मांग को देखते हुए विदेशी बाजार में भाव बढ़ने की उम्मीद है, साथ ही इतनी बड़ी मात्रा में नोन जीएम मिलने की उम्मीद भी कम है। मक्का का आयात फरवरी, मार्च में ही आने का अनुमान है जबकि रबी सीजन में बिहार और अन्य राज्यों की नई फसल की आवक मार्च, अप्रैल में बनेगी।
कीमतों में आई नरमी
निजामाबाद मंडी के मक्का कारोबारी पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि गुरूवार को मंडी में मक्का के दाम घटकर 1,900 से 1,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। सरकार द्वारा मक्का आयात के लिए निविदा मांगने से कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019—20 के लिए मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,760 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। उन्होंने बताया कि मक्का का आयात फरवरी, मार्च में ही ज्यादा होने का अनुमान है, इसलिए आयात का असर रबी सीजन की मक्का की कीमतों पर ज्यादा पड़ेगा।
यूक्रेन से नोन जीएम मक्का का आयात संभव
यूएस ग्रेन काउंसिल में भारतीय प्रतिनिधि अमित सचदेव ने बताया कि नोन जीएम मक्का का आयात यूक्रेन से हो सकता है, यूक्रेन से आयातित मक्का के भाव भारतीय बंदरगाह पहुंच 220 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) हैं। इसमें 15 फीसदी आयात शुल्क के साथ ही बंदरगाह और परिवहन लागत को जोड़ दे इसका भाव 1,850 से 1,900 रुपये प्रति क्विंटल होगा। अत: बंदरगाह ने नजदीक स्थिर पोल्ट्री उद्योग के साथ ही स्टार्च मिलें इसकी खरीद करेेंगी। उन्होंने बताया कि नवंबर, दिसंबर 2019 में भी सरकार ने 50 हजार टन मक्का का आयात किया था। अमेरिका और ब्राजील में जीएम मक्का का उत्पादन होता है, इसलिए इन देशों से आयात की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि मक्का का आयात फरवरी अंत और मार्च में होगा, इसलिए अभी घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में मंदे की उम्मीद नहीं है। सोया डीओसी के साथ बाजरा के दाम तेज है इसलिए घरेलू बाजार में आगे इसके भाव में फिर सुधार बन सकता है।
खरीफ में उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ सीजन 2019-20 में मक्का का उत्पादन 198.9 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ में 190.4 लाख टन का उत्पादन हुआ था। मक्का का उत्पादक खरीफ और रबी दोनों सीजन में होता है। फसल सीजन 2018-19 में खरीफ और रबी सीजन को मिलाकर कुल उत्पादन 272.3 लाख टन का हुआ था। मक्का की बुआई चालू रबी में 13.70 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 12.86 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी।.......... आर एस राणा
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