आर एस राणा
नई दिल्ली। आगामी वित्त वर्ष 2020-21 में कृषि एवं संबंधित क्षेत्र की आर्थिक विकास दर 2.8 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि चालू वित्त वर्ष में कृषि एवं संबंधित क्षेत्र की आर्थिक विकास दर 2.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
यह अनुमान शुक्रवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में लगाया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की आर्थिक विकास दर आगामी वित्त वर्ष 2020-21 में 6-6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। मुख्य आर्थिक सलाहकारकृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने वित्त वर्ष 2020-21 में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र में 2.8 फीसदी ग्रोथ का भरोसा जताया है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए यह अनुमान 2.9 फीसदी रखा गया है। साथ ही उन्होंने 2019-20 में इंडस्ट्रीयल ग्रोथ के 2.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
हाल के महीनों में महंगाई में वृद्धि का रुख देखा गया
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि भारत में वर्ष 2014 से ही महंगाई निरंतर घटती जा रही है। हालांकि, हाल के महीनों में महंगाई में वृद्धि का रुख देखा गया है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुख्य महंगाई दर वर्ष 2018-19 (अप्रैल- दिसम्बर 2018) के 3.7 फीसदी से बढ़कर वर्ष 2019-20 की समान अवधि में 4.1 फीसदी हो गई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर में वर्ष 2015-16 और वर्ष 2018-19 के बीच की अवधि के दौरान वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, डब्ल्यूपीआई पर आधारित महंगाई दर वर्ष 2018-19 की अप्रैल-दिसम्बर 2018 अवधि के 4.7 फीसदी से घटकर वर्ष 2019-20 की समान अवधि में 1.5 फीसदी रह गई। ................ आर एस राणा
नई दिल्ली। आगामी वित्त वर्ष 2020-21 में कृषि एवं संबंधित क्षेत्र की आर्थिक विकास दर 2.8 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि चालू वित्त वर्ष में कृषि एवं संबंधित क्षेत्र की आर्थिक विकास दर 2.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
यह अनुमान शुक्रवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में लगाया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की आर्थिक विकास दर आगामी वित्त वर्ष 2020-21 में 6-6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। मुख्य आर्थिक सलाहकारकृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने वित्त वर्ष 2020-21 में कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र में 2.8 फीसदी ग्रोथ का भरोसा जताया है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए यह अनुमान 2.9 फीसदी रखा गया है। साथ ही उन्होंने 2019-20 में इंडस्ट्रीयल ग्रोथ के 2.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
हाल के महीनों में महंगाई में वृद्धि का रुख देखा गया
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि भारत में वर्ष 2014 से ही महंगाई निरंतर घटती जा रही है। हालांकि, हाल के महीनों में महंगाई में वृद्धि का रुख देखा गया है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुख्य महंगाई दर वर्ष 2018-19 (अप्रैल- दिसम्बर 2018) के 3.7 फीसदी से बढ़कर वर्ष 2019-20 की समान अवधि में 4.1 फीसदी हो गई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर में वर्ष 2015-16 और वर्ष 2018-19 के बीच की अवधि के दौरान वृद्धि दर्ज की गई है। हालांकि, डब्ल्यूपीआई पर आधारित महंगाई दर वर्ष 2018-19 की अप्रैल-दिसम्बर 2018 अवधि के 4.7 फीसदी से घटकर वर्ष 2019-20 की समान अवधि में 1.5 फीसदी रह गई। ................ आर एस राणा
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