आर एस राणा
नई दिल्ली। घरेलू उद्योग को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने आरबीडी रिफाइंड तेल के साथ ही पामोलीन के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल कर लिया है, इससे क्रुड पॉम तेल का आयात बढ़ेगा। जिससे घरेलू तिलहन उद्योग की रिफाइनिंग क्षमता का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा बुधवार को जारी अधिसूचना के अनुसार आरबीडी रिफाइंड तेल के साथ ही आरबीडी पामोलीन के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल किया गया है जबकि क्रुड पॉम तेल का आयात मुक्त श्रेणी में रहेगा। सूत्रों के अनुसार प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल होने के बाद अब आरबीडी रिफाइंड तेल और आरबीडी पामोलीन के आयात के लिए आयात लाइसेंस लेने के साथ ही अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।
प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल करने से रिफाइंड तेल का आयात नहीं होगा
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बीवी मेहता ने बताया कि देश में रिफाइंड पाम तेल के आयात में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी, जबकि केंद्र सरकार द्वारा इसे प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल कर देने से इसका आयात नहीं हो पायेगा। आयातक क्रुड पाम तेल का आयात ही कर पायेंगे, जिससे घरेलू तेल उद्वोग की रिफाइनिंग क्षमता का बेहतर इस्तेमाल तो होगा ही, साथ ही इससे घरेलू स्तर पर रोजगार के अवसर भी ज्यादा उपलब्ध होंगे।
आयात महंगा होने से घरेलू बाजार में बढ़े दाम
विदेशी बाजार में खाद्य तेलों के दाम बढ़ने के कारण घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई है। घरेलू बाजार में पाम तेल के भाव में पिछले दो महीनों में करीब 40 से 45 फीसदी तक तेजी आ चुकी है। दुनिया में पाम तेल का मुख्य उत्पादक व निर्यातक इंडोनेशिया और मलेशिया है, जहां बायोडीजल कार्यक्रम शुरू होने से पाम तेल की खपत बढ़ने और उत्पादन कमजोर रहने के अनुमानों से पाम तेल के दामों में लगातार तेजी बनी हुई है। जिस कारण केंद्र सरकार ने रिफाइंड पामोलीन के आयात पर शुल्क 50 फीसदी से घटाकर 45 फीसदी और क्रूड पाम तेल पर आयात शुल्क 40 फीसदी से घटाकर 37.50 फीसदी कर दिया था जो एक जनवरी से लागू हुआ। केंद्र सरकार द्वारा रिफाइंड तेल और क्रुड पॉम तेल के आयात शुल्क में कमी करने से अंतर 7.5 फीसदी का रह गया था, जिस कारण रिफाइंड तेल का आयात और बढ़ने की संभावना थी।
रिफाइंड तेलों के आयात में हुई बढ़ोतरी
एसईए के अनुसार तेल वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-18 से नवंबर-19) के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात बढ़कर 149.13 लाख टन का हुआ था, जोकि इसके पिछले साल के 145.16 लाख टन से ज्यादा था। देश में तेल वर्ष 2016-17 में रिकार्ड 150.77 लाख टन खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात हुआ था। एसईए के अनुसार नवंबर 2019 में रिफाइंड तेलों का आयात बढ़कर 1,22,409 टन का हुआ है जबकि पिछले साल नवंबर में आयात 1,08,911 टन का ही हुआ था।..... आर एस राणा
नई दिल्ली। घरेलू उद्योग को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने आरबीडी रिफाइंड तेल के साथ ही पामोलीन के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल कर लिया है, इससे क्रुड पॉम तेल का आयात बढ़ेगा। जिससे घरेलू तिलहन उद्योग की रिफाइनिंग क्षमता का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा बुधवार को जारी अधिसूचना के अनुसार आरबीडी रिफाइंड तेल के साथ ही आरबीडी पामोलीन के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल किया गया है जबकि क्रुड पॉम तेल का आयात मुक्त श्रेणी में रहेगा। सूत्रों के अनुसार प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल होने के बाद अब आरबीडी रिफाइंड तेल और आरबीडी पामोलीन के आयात के लिए आयात लाइसेंस लेने के साथ ही अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी।
प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल करने से रिफाइंड तेल का आयात नहीं होगा
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बीवी मेहता ने बताया कि देश में रिफाइंड पाम तेल के आयात में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी, जबकि केंद्र सरकार द्वारा इसे प्रतिबंधित श्रेणी में शामिल कर देने से इसका आयात नहीं हो पायेगा। आयातक क्रुड पाम तेल का आयात ही कर पायेंगे, जिससे घरेलू तेल उद्वोग की रिफाइनिंग क्षमता का बेहतर इस्तेमाल तो होगा ही, साथ ही इससे घरेलू स्तर पर रोजगार के अवसर भी ज्यादा उपलब्ध होंगे।
आयात महंगा होने से घरेलू बाजार में बढ़े दाम
विदेशी बाजार में खाद्य तेलों के दाम बढ़ने के कारण घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई है। घरेलू बाजार में पाम तेल के भाव में पिछले दो महीनों में करीब 40 से 45 फीसदी तक तेजी आ चुकी है। दुनिया में पाम तेल का मुख्य उत्पादक व निर्यातक इंडोनेशिया और मलेशिया है, जहां बायोडीजल कार्यक्रम शुरू होने से पाम तेल की खपत बढ़ने और उत्पादन कमजोर रहने के अनुमानों से पाम तेल के दामों में लगातार तेजी बनी हुई है। जिस कारण केंद्र सरकार ने रिफाइंड पामोलीन के आयात पर शुल्क 50 फीसदी से घटाकर 45 फीसदी और क्रूड पाम तेल पर आयात शुल्क 40 फीसदी से घटाकर 37.50 फीसदी कर दिया था जो एक जनवरी से लागू हुआ। केंद्र सरकार द्वारा रिफाइंड तेल और क्रुड पॉम तेल के आयात शुल्क में कमी करने से अंतर 7.5 फीसदी का रह गया था, जिस कारण रिफाइंड तेल का आयात और बढ़ने की संभावना थी।
रिफाइंड तेलों के आयात में हुई बढ़ोतरी
एसईए के अनुसार तेल वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-18 से नवंबर-19) के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात बढ़कर 149.13 लाख टन का हुआ था, जोकि इसके पिछले साल के 145.16 लाख टन से ज्यादा था। देश में तेल वर्ष 2016-17 में रिकार्ड 150.77 लाख टन खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात हुआ था। एसईए के अनुसार नवंबर 2019 में रिफाइंड तेलों का आयात बढ़कर 1,22,409 टन का हुआ है जबकि पिछले साल नवंबर में आयात 1,08,911 टन का ही हुआ था।..... आर एस राणा
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