आर एस राणा
नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन का असर मानसूनी बारिश पर भी पड़ रहा है। इसी को देखते हुए सरकार ने मानसून के आगमन और विदाई की तारीखों में बदलाव करने का फैसला किया है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में मानसून के आगमन की तारीख बढ़ाई जाएगी लेकिन केरल में तिथि पहली जून ही रहेगी।
बारिश के बदलते पैटर्न को देखते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) इस साल से दक्षिण पश्चिम मानसून के आने और जाने की तिथियों में बदलाव करेगा। मंत्रालय में सचिव एम. राजीवन ने कहा कि तिथियों में बदलाव से किसानों को फसलों की बुआई में मदद मिलेगी। चार महीने का बारिश का सीजन पहली जून से शुरू होता है और 30 सितंबर को समाप्त होता है। राजीवन ने कहा कि केरल में मानसून के आगमन की तारीख पहली जून है। संभावना है कि इस तारीख में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन आइएमडी कुछ राज्यों और शहरों में मानसून के पहुंचने की तिथियों में बदलाव करेगा।
मध्य भारत के राज्यों में मानसून के आने की तिथियों में आइएमडी द्वारा बदलाव किए जाने की संभावना है। इस क्षेत्र में छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण व गोवा, गुजरात क्षेत्र और कछ और सौराष्ट्र शामिल है। आइएमडी के महानिदेशक एम. महापात्रा ने कहा कि अप्रैल में जब विभाग 2020 के मौसम के बारे में पहला दीर्घकालिक पूर्वानुमान जारी करेगा, उसी के साथ नई तिथियां घोषित किए जाने की उम्मीद है
आमतौर पर उत्तर पश्चिम भारत (राजस्थान के हिस्से) से एक सितंबर से मानसून की वापसी होने लगती है। इसको बदलकर 10 सितंबर किया जा सकता है। महापात्रा ने बताया कि अभी तक 1940 के डाटा के हिसाब से तिथियों का निर्धारण किया जाता है, जिसे अब बदले जाने की जरूरत है। क्योंकि पिछले साल 19 जुलाई तक पूरे देश में मानसून आया था। जबकि, एक सितंबर की जगह नौ अक्टूबर को उसकी वापसी हुई। राजीवन ने बताया कि प्रभाव आधारित पूर्वानुमान जारी करने के लिए आइएमडी ब्रिटेन के मौसम विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है। इससे अत्यधिक खराब मौसम में किए जाने वाले उपायों के बारे में सलाह देने में मदद मिलेगी।..... आर एस राणा
नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन का असर मानसूनी बारिश पर भी पड़ रहा है। इसी को देखते हुए सरकार ने मानसून के आगमन और विदाई की तारीखों में बदलाव करने का फैसला किया है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में मानसून के आगमन की तारीख बढ़ाई जाएगी लेकिन केरल में तिथि पहली जून ही रहेगी।
बारिश के बदलते पैटर्न को देखते हुए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) इस साल से दक्षिण पश्चिम मानसून के आने और जाने की तिथियों में बदलाव करेगा। मंत्रालय में सचिव एम. राजीवन ने कहा कि तिथियों में बदलाव से किसानों को फसलों की बुआई में मदद मिलेगी। चार महीने का बारिश का सीजन पहली जून से शुरू होता है और 30 सितंबर को समाप्त होता है। राजीवन ने कहा कि केरल में मानसून के आगमन की तारीख पहली जून है। संभावना है कि इस तारीख में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन आइएमडी कुछ राज्यों और शहरों में मानसून के पहुंचने की तिथियों में बदलाव करेगा।
मध्य भारत के राज्यों में मानसून के आने की तिथियों में आइएमडी द्वारा बदलाव किए जाने की संभावना है। इस क्षेत्र में छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण व गोवा, गुजरात क्षेत्र और कछ और सौराष्ट्र शामिल है। आइएमडी के महानिदेशक एम. महापात्रा ने कहा कि अप्रैल में जब विभाग 2020 के मौसम के बारे में पहला दीर्घकालिक पूर्वानुमान जारी करेगा, उसी के साथ नई तिथियां घोषित किए जाने की उम्मीद है
आमतौर पर उत्तर पश्चिम भारत (राजस्थान के हिस्से) से एक सितंबर से मानसून की वापसी होने लगती है। इसको बदलकर 10 सितंबर किया जा सकता है। महापात्रा ने बताया कि अभी तक 1940 के डाटा के हिसाब से तिथियों का निर्धारण किया जाता है, जिसे अब बदले जाने की जरूरत है। क्योंकि पिछले साल 19 जुलाई तक पूरे देश में मानसून आया था। जबकि, एक सितंबर की जगह नौ अक्टूबर को उसकी वापसी हुई। राजीवन ने बताया कि प्रभाव आधारित पूर्वानुमान जारी करने के लिए आइएमडी ब्रिटेन के मौसम विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है। इससे अत्यधिक खराब मौसम में किए जाने वाले उपायों के बारे में सलाह देने में मदद मिलेगी।..... आर एस राणा
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