आर एस राणा
नई दिल्ली। आयात सस्ता होने के कारण किसानों को मंडियों में अरहर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 6,00 से 750 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है, जबकि चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 9 महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान दालों का आयात 47.12 फीसदी बढ़कर 22.51 लाख टन का हो गया।
दलहन कारोबारी एस चंद्रशेखर नादर ने बताया कि सोमवार को गुलबर्गा मंडी में अरहर 5,050 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिकी तथा मंडी में दैनिक आवक 10 से 12 हजार बोरी की हो रही है। उन्होंने बताया कि म्यांमार से आयातित लेमन अरहर के भाव मुंबई में 4,900 रुपये प्रति क्विंटल है। आयातित अरहर सस्ती होने के कारण ही घरेलू मंडियों में भाव समर्थन मूल्य से नीचे बने हुए हैं। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 5.75 लाख टन अरहर (चार लाख टन दाल मिलों के माध्यम से और 1.75 लाख टन सरकारी सत्र पर) आयात की अनुमति दी हुई है, जिसमें से दाल मिलें अपने कोटे का आयात कर चुकी हैं तथा सरकार सत्र पर भी एक लाख टन से ज्यादा लेमन अरहर का आयात हो चुका है। उत्पादक मंडियों में आगे दैनिक आवक और बढ़ेगी, जिससे कीमतों पर दबाव बना रहने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में दलहन आयात में भारी बढ़ोतरी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 8 महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान दालों का आयात 47.12 फीसदी बढ़कर 22.51 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 15.30 लाख टन का ही हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वर्ष के पहले 8 महीनों में दालों का आयात 63.55 फीसदी बढ़कर 7,609.53 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,652.71 करोड़ रुपये मूल्य की दालों का आयात हुआ था।
अरहर का उत्पादन अनुमान कम
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में अरहर का उत्पादन घटकर 35.4 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल 35.9 लाख टन का उत्पादन हुआ था। फसल सीजन 2017-18 में देश में रिकार्ड 42.9 लाख टन अरहर का उत्पादन हुआ था। खरीफ सीजन में दालों का कुल उत्पादन घटकर 82.3 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ में 92.2 लाख टन का हुआ था।
रबी में दलहन की बुआई बढ़ी
मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में दालों की बुआई बढ़कर 151.26 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 144.47 लाख हेक्टेयर में दालों की बुआई हुई थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुआई पिछले साल के 94.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 102.39 लाख हेक्टयेर में हो चुकी है। मसूर की बुआई चालू रबी में 15.80 लाख हेक्टेयर में और मटर की 9.40 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 16.60 और 9.21 लाख हेक्टेयर में हुई थी।......... आर एस राणा
नई दिल्ली। आयात सस्ता होने के कारण किसानों को मंडियों में अरहर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 6,00 से 750 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है, जबकि चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 9 महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान दालों का आयात 47.12 फीसदी बढ़कर 22.51 लाख टन का हो गया।
दलहन कारोबारी एस चंद्रशेखर नादर ने बताया कि सोमवार को गुलबर्गा मंडी में अरहर 5,050 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिकी तथा मंडी में दैनिक आवक 10 से 12 हजार बोरी की हो रही है। उन्होंने बताया कि म्यांमार से आयातित लेमन अरहर के भाव मुंबई में 4,900 रुपये प्रति क्विंटल है। आयातित अरहर सस्ती होने के कारण ही घरेलू मंडियों में भाव समर्थन मूल्य से नीचे बने हुए हैं। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 5.75 लाख टन अरहर (चार लाख टन दाल मिलों के माध्यम से और 1.75 लाख टन सरकारी सत्र पर) आयात की अनुमति दी हुई है, जिसमें से दाल मिलें अपने कोटे का आयात कर चुकी हैं तथा सरकार सत्र पर भी एक लाख टन से ज्यादा लेमन अरहर का आयात हो चुका है। उत्पादक मंडियों में आगे दैनिक आवक और बढ़ेगी, जिससे कीमतों पर दबाव बना रहने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में दलहन आयात में भारी बढ़ोतरी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 8 महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान दालों का आयात 47.12 फीसदी बढ़कर 22.51 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 15.30 लाख टन का ही हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वर्ष के पहले 8 महीनों में दालों का आयात 63.55 फीसदी बढ़कर 7,609.53 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,652.71 करोड़ रुपये मूल्य की दालों का आयात हुआ था।
अरहर का उत्पादन अनुमान कम
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में अरहर का उत्पादन घटकर 35.4 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल 35.9 लाख टन का उत्पादन हुआ था। फसल सीजन 2017-18 में देश में रिकार्ड 42.9 लाख टन अरहर का उत्पादन हुआ था। खरीफ सीजन में दालों का कुल उत्पादन घटकर 82.3 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल खरीफ में 92.2 लाख टन का हुआ था।
रबी में दलहन की बुआई बढ़ी
मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में दालों की बुआई बढ़कर 151.26 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 144.47 लाख हेक्टेयर में दालों की बुआई हुई थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुआई पिछले साल के 94.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 102.39 लाख हेक्टयेर में हो चुकी है। मसूर की बुआई चालू रबी में 15.80 लाख हेक्टेयर में और मटर की 9.40 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई क्रमश: 16.60 और 9.21 लाख हेक्टेयर में हुई थी।......... आर एस राणा
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