आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्तर भारत के राज्यों में कपास की नई फसल की आवक सितंबर में बनेगी, जबकि विश्व बाजार में इसकी कीमतों में गिरावट बननी शुरू हो गई है। सप्ताहभर में विदेशी बाजार में इसके भाव में 6 सेंट प्रति पाउंड से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है इससे घरेलू बाजार में भी कपास की कीमतों में गिरावट आने की आशंका है जिसका खामियाजा कपास किसानों को उठाना पड़ सकता है।
नई आवक बनने पर भाव घटने की आशंका
कपास कारोबारी मानक चंद बाहेती ने बताया कि उत्तर भारत के राज्यों में कपास की नई फसल की आवक सितंबर में तथा अन्य राज्यों में अक्टूबर में बनेगी। विदेशी बाजार में भाव घटने से निर्यात पड़ते समाप्त हो गए हैं, इसलिए घरेलू मंडियों में नई फसल की आवक बनने पर कपावस के मौजूदा भाव में 2,000 से 3,000 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) की गिरावट बन सकती है। गुरूवार को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास के भाव 48,000 से 48,500 रुपये प्रति कैंडी रहे।
यार्न मिलों के पास स्टॉक कम
घरेलू बाजार में यार्न मिलों के पास कपास का बकाया स्टॉक कम है जबकि केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2018-19 के लिए कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 1,130 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है, इसलिए चालू महीने में इसकी कीमतों में ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है।
विश्व बाजार में कीमतों में आई गिरावट
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन आॅफ इंडिया के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि अमेरिका में आईसीए वायदा अनुबंध में दिसंबर महीने के वायदा में कपास का भाव घटकर 22 अगस्त को 82.29 सेंट प्रति पाउंड रह गया जबकि पिछले सप्ताह इसका भाव 88 सेंट प्रति पाउंड था। सप्ताहभर में ही इसकी कीमतों में 6 सेंट प्रति पाउंड से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।
एमएसपी पर खरीद ज्यादा होने का अनुमान
कॉटन कार्पोरेशन आॅफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 1,130 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर मीडियम स्टेपल कपास का एमएसपी 5,150 रुपये और लॉन्ग स्टेपल कपास का एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। इसलिए चालू खरीफ में कपास की समर्थन मूल्य पर खरीद बढ़ने का अनुमान है। खरीद की मात्रा और खरीद केंद्रों को संख्या पर फैसला सितंबर में होने वाली बैठक पर लिया जायेगा। चालू कपास सीजन में सीसीआई ने 10.70 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की खरीद की थी, इसमें से 3.75 लाख गांठ की खरीद एमएसपी पर और बाकि की कार्मिशयल पर की गई थी।
निर्यात तय अनुमान से कम होने का अनुमान
चालू फसल सीजन 2017-18 में कपास का कुल निर्यात करीब 65 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) ने पहले निर्यात का अनुमान 70 लाख गांठ तय किया था। चालू सीजन में कपास का सबसे ज्यादा निर्यात पाकिस्तान और बंगलादेश को हुआ है।
बुवाई में आई कमी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में कपास की बुवाई 112.60 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 117.11 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। हालांकि बुवाई के फाइनल आंकड़े अभी नहीं आए हैं, तथा फाइनल आंकड़े आने पर बुवाई लगभग पिछले साल के बराबर ही पहुंचने की उम्मीद है।.......... आर एस राणा
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