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26 सितंबर 2018

फसल बीमा के दावों के निपटाने में दो महीने की देरी पर कंपनियों को देना 12 फीसदी ब्याज

आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत किसानों के दावे का निपटारा कंपनियों को दो महीने के भीतर ही करना होगा। तय अवधि में बीमा का निपटारा नहीं करने पर कंपनियों को किसानों को जुर्माने के तौर पर 12 फीसदी का ब्याज भी देना होगा। केंद्र सरकार इसी हफ्ते नए दिशा-निर्देशों के तहत इसको लागू करने की तैयारी में है। फिलहाल कंपनियां दावे का भुगतान करने में 5-6 महीने भी ज्यादा का वक्त लगाती हैं।
कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार किसानों को निर्धारित 60 दिनों में बीमा दावे का भुगतान मुहैया कराने के लिए इसी हफ्ते दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं। इसमें सबसे सबसे अहम बदलाव के तहत समय पर दावों का निपटारा नहीं करने वाली कंपनियों को को मुआवजे के साथ ही जुर्माना भी भुगतना होगा। विभिन्न परिस्थितियों के मद्देनजर दो माह के बाद चार सप्ताह अतिरिक्त बीमाकर्ता को दिए गए हैं। इस अवधि के बाद उन्हें 12 फीसदी ब्याज देना होगा।
पीएमएफबीवाई के तहत किसान अपनी फसलों का बीमा कराते हैं, ताकि जोखिम के समय उन्हें बीमा कंपनी की तरफ से भरपाई की जा सके। इसके तहत प्रीमियम के तौर पर किसानों से खरीफ फसलों के लिए दो फीसदी और रबी फसलों के लिए डेढ़ फीसदी के साथ ही वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए पांच फीसदी तक शुल्क लिया जाता है। कृषि मंत्रालय के बजट का लगभग 30 प्रतिशत या एक तिहाई, प्रत्येक वर्ष पीएमएफबीवाई के लिए प्रीमियम पर खर्च किया जाता है।
नए पोर्टल से होगी दावों की निगरानी
कृषि मंत्रालय नए पोर्टल pmfby.gov.in के जरिए सभी दावों की निगरानी करेगा। कंपनियों के लिए पोर्टल में दावों को रजिस्टर करना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था कंपनियों और राज्यों के लचर रवैये के मद्देनजर लायी जा रही है, क्योंकि इसके चलते किसानों को पीएम फसल बीमा का फायदा नहीं मिल पा रहा है।
मामलों के निपटारे में छह महीने का लग रहा है समय
अधिकतर मामलों में देखा गया कि कंपनियां छह महीने तक दावे का निपटारा करने में लगा देती हैं। वर्ष 2017-18 में 17 कंपनियों ने 24 हजार करोड़ रुपये का प्रीमियम एकत्र किया और किसानों को 11,899 करोड़ रुपये का ही मुआवजा दिया, जबकि किसानों ने दावे 16,448 करोड़ रुपये के किए गए थे। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक करीब 3.3 करोड़ किसानों ने 3.3 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि का बीमा इस योजना के तहत कराया।
बेहतर प्रदर्शन करने पर कंपनियों को मिलेगा प्रोत्साहन
बेहतर प्रदर्शन करने वाली कंपनियों और राज्यों को प्रोत्साहन देने का नियम भी दिशा-निर्देशों में शामिल किया गया है।
दलवई समिति ने माना दावों के भुगतान में देरी
गौरतलब है कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए बनी दलवई समिति ने फसल बीमा योजना में दावों के भुगतान में देरी की पहचान की है। सरकार योजना में राज्यों को अधिक स्वतंत्रता देने और पीएमएफबीवाई के कुछ हिस्सों में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की योजना बना रही है। जिन राज्यों ने सौ फीसदी प्रौद्योगिकी का उपयोग कर बेहतर प्रदर्शन किया है, उन्हें पांच प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन का प्रस्ताव दिया गया है।..........   आर एस राणा

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