आर एस राणा
नई दिल्ली। खाड़ी देशों की आयात मांग बढ़ने चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान बासमती चावल के साथ ही गैर-बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान बासमती चावल का निर्यात 15.77 लाख टन का और गैर-बासमती चावल का निर्यात 25.69 लाख टन का हुआ है।
जुलाई में बासमती चावल का निर्यात बढ़ा
एपीडा के अनुसार जुलाई में बासमती चावल का निर्यात 4.07 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में इसका निर्यात केवल 3.03 लाख टन का हुआ था। गैर बासमती चावल का निर्यात जुलाई में घटकर 5.9 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में इसका निर्यात 7.88 लाख टन का हुआ था। वित्त वर्ष 2017-18 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान बासमती चावल का निर्यात 15.61 लाख टन का और गैर-बासमती चावल का निर्यात 25.46 लाख टन का हुआ था।
मूल्य के हिसाब से निर्यात में बढ़ोतरी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 11,575 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में इसका निर्यात 10,146 करोड़ रुपये का ही हुआ था। गैर बासमती चावल का निर्यात मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में 7,173 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 6,683 करोड़ रुपये का हुआ था।
कुल निर्यात 40 लाख टन के बराबर होने का अनुमान
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि घरेलू बाजार में धान की नई फसल की आवक अक्टूबर में बनेगी। हालांकि अभी तक बुवाई पिछले साल से थोड़ी पिछे चल रही है लेकिन कुल बुवाई पिछले साल के लगभग बराबर ही होने का अनुमान है। गत सप्ताह उत्पादक राज्यों में बारिश से फसल को फायदा ही हुआ है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में बासमती चावल का कुल निर्यात पिछले साल के 40 लाख टन के बराबर ही होने का अनुमान है।
बासमती चावल की कीमतों में आई नरमी
चावल कारोबारी रामनिवास खुरानिया ने बताया कि उत्पादक मंडियों में पूसा-1,121 बासमती धान के भाव 3,700 से 3,800 रुपये तथा पूसा बासमती चावल सेला का भाव 6,650-6,700 रुपये प्रति क्विंटल रहा। पूसा-1,121 बासमती चावल सेला की कीमतों में सप्ताहभर में 150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। पूसा-1,509 बासमती चावल सेला का भाव मंडियों में 5,700 से 5,800 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
बुवाई में आई कमी
कृषि मंत्रालय के अनुसार धान की रोपाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 356.83 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी रोपाई 359.52 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।.......... आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें