आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू साल 2018 के पहले आठ महीनों जनवरी से अगस्त के दौरान देश से 2,62,764 टन कॉफी का निर्यात हुआ है जोकि पिछले वर्ष की समान अवधि के 2,63,269 टन से थोड़ा ज्यादा है। कर्नाटक और केरल में बाढ़ से हुए नुकसान से नए सीजन में कॉफी की पैदावार में 20 फीसदी कमी आने की आशंका है।
मूल्य के हिसाब से निर्यात में कमी
कॉफी बोर्ड के अनुसार मूल्य के हिसाब से चालू वर्ष के पहले आठ महीनों जनवरी से अगस्त के दौरान 4,243.77 करोड़ रुपये की कॉफी का निर्यात हुआ है जोकि पिछले वर्ष 2017 की समान अवधि के 4,360.34 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है। भारतीय एशिया का तीसरा सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक और निर्यातक देश है।
देश से सबसे ज्यादा निर्यात इटली को
चालू वर्ष 2018 में देश से सबसे ज्यादा निर्यात इटली को 62,937 टन का, जर्मनी को 22,339 टन का, बेल्जियम को 15,571 टन का तथा रूस को 14,927 टन और इंडोनेशिया को 11,961 टन का हुआ है।
रोबस्टा किस्म का निर्यात घटा, अरबिका का बढ़ा
बोर्ड के अनुसार चालू वर्ष के पहले आठ महीनों में रोबस्टा किस्म की कॉफी का निर्यात 11 फीसदी घटकर 1,38,317 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 1,55,474 टन का निर्यात हुआ था। अरबिका किस्म की कॉफी का निर्यात इस दौरान बढ़ा है।
बाढ़ से उत्पादक राज्यों में नई फसल को नुकसान
कॉफी बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कर्नाटक और केरल में आई बाढ़ से अक्टूबर 2018 से शुरू होने वाले नए विपणन सीजन में देश में कॉफी के उत्पादन में करीब 20 फीसदी की कमी आकर कुल उत्पादन घटकर 2.53 लाख टन का ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 3.16 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
कॉफी का 90 फीसदी उत्पादन कर्नाटक और केरल में
देश में कॉफी की 90 प्रतिशत पैदावार कर्नाटक और केरल होती है। सरकारी आंकलनों के अनुसार बाढ़ व भारी बारिश से 2.26 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कॉफी की फसल को नुकसान हुआ है। इससे 654 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।....... आर एस राणा
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