आर एस राणा
नई दिल्ली। नेशनल कमोडिटी और डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) ने उड़द और अरहर में दोबारा वायदा कारोबार करने के लिए पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मांगी है। घरेलू बाजार में कीमतों में आई भारी तेजी के कारण जनवरी 2007 में अरहर के साथ उड़द को वायदा कारोबार से हटा दिया गया था।
एनसीईएक्स के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अरहर के साथ उड़द की कीमतें उत्पादक मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे बनी हुई है, इसलिए हमने सेबी से इनमें दोबारा वायदा कारोबार शुरू करने के लिए अनुमति मांगी है। उन्होंने बताया कि वायदा कारोबार शुरू होने से किसान जोखिम से बच सकेंगे तथा उन्हें अरहर के साथ ही उड़द का उचित भाव मिलने में आसानी होगी। उत्पादक मंडियों में भाव घटने पर किसान वायदा में आगामी महीने के भाव के हिसाब से बेचने की रणनीति बना सकते हैं।
फसल सीजन 2017—18 में देश में दालों की रिकार्ड पैदावार हुई है, जबकि उत्पादक मंडियों में भाव घटने से किसानों को अरहर के उड़द की बिकवाली न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे करनी पड़ी थी। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2018—19 के लिए अरहर के एमएसपी में 225 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 5,675 रुपये और उड़द के एमएसपी में 200 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 5,600 प्रति क्विंटल तय किया है। उत्पादक मंडियों में अरहर के भाव 3,500 से 3,800 रुपये और उड़द के भाव 3,600 से 3,700 प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
बपंर उत्पादन के कारण ही सार्वजनिक कंपनियों को दलहन की रिकार्ड खरीद करनी पड़ी है, जिस कारण केंद्रीय पूल में दालों का बंपर स्टॉक है।......... आर एस राणा
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