आर एस राणा
नई दिल्ली। चीनी बेचने के लिए कोटा प्रणाली को पहली अक्टूबर 2018 से शुरू होने वाले नए पेराई सीजन में भी जारी रखने की योजना है। चीनी मिलों की मांग पर केंद्र सरकार भी इसके पक्ष में है तथा जल्द ही इस बारे में अधिसूचना जारी की जा सकती है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आगामी पेराई सीजन में भी चीनी का बंपर उत्पादन होने का अनुमान है इसलिए चीनी मिलों ने कोटा प्रणाली सिस्टम को जारी रखने की मांग की है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पहले 30 सितंबर 2018 तक कोटा प्रणाली को लागू किया था।
उन्होने बताया कि चालू पेराई सीजन में तो चीनी का रिकार्ड उत्पादन हुआ ही है, गन्ने के बुवाई क्षेत्रफल में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए आगामी पेराई सीजन में चीनी के उत्पादन में और बढ़ोतरी का अनुमान है, अत: चीनी की कीमतों में बड़ी गिरावट नहीं आये, इसलिए हर महीने घरेलू बाजार में बेचने के लिए जारी किए जाने वाले चीनी की कोटा प्रणाली को नए पेराई सीजन में भी जारी रखा जायेगा, तथा इस बाबत जल्दी ही अधिसूचना भी जारी की जायेगी।
गन्ने के कीमतों में सुधार लाने के लिए चालू पेराई सीजन में केंद्र सरकार ने चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव 29 रुपये प्रति किलो तय करने के साथ ही मिलों पर चीनी बेचने के लिए कोटा प्रणाली तय की। इसके अलावा जहां आयात पर शुल्क को बढ़ाकर 100 फीसदी किया, वहीं निर्यात शुल्क को भी शुन्य किया। इसके साथ ही चीनी मिलों को एथनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कर्ज मुक्त ऋण देने के साथ एक साल के लिए 30 लाख टन चीनी का बंपर स्टॉक बनाने को भी मंजूरी दी।
उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में 325 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जबकि गन्ना के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी को देखते हुए आगामी पेराई सीजन में उत्पादन बढ़कर 355 लाख टन होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में गन्ने की बुवाई बढ़कर 51.94 लाख हैक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 49.86 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। ......... आर एस राणा
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