आर एस राणा
नई दिल्ली। आखिरकार केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए खतरनाक 18 कीटनाशकों पर रोक लगाने का फैसला किया है, इनमें से 12 कीटनाशकों पर जहां तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है, वहीं 6 कीटनाशकों को क्रमवार वर्ष 2020 तक प्रतिबंधित किया जायेगा।
केंद्र सरकार की ओर से गठित समिति ने अपनी सिफारिश में इन कीटनाशकों से होने वाले संभावित नुकसान पर प्रकाश डाला था, जिसके बाद केंद्र ने इन पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
इन कीटनाशकों के इस्तेमाल पर कई देशों ने पहले से ही पाबंदी लगा रखी है। सरकार ने बेनोमिल, फेनारिमोल, कार्बाराइल, मिथॉक्सी एथाइल मरकरी क्लोराइड, थियोमेटॉन समेत जिन 12 कीटनाशकों पर तुरंत प्रतिबंध लगाया गया है जबकि एलाचलोर, डिचलोरवस, फोरेट और फोस्फामिडॉन आदि को देश में 2020 तक प्रतिबंधित करना होगा। इन कीटनाशक से मनुष्यों के साथ ही पशु-पक्षियों पर इसके घातक परिणाम दिख रहे थे। हालांकि इसमें वो कीटनाशक ग्लायफोसेट शामिल नहीं है, जिसके लिए अमेरिका में मॉनसेंटो को एक कैंसर मरीज को भारी हर्जाना देने को कहा गया है।
कीटनाशकों की समीक्षा के लिए गठित समिति ने 16 जुलाई को इस मुद्दे पर सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसने सिफारिशों में कहा कि ये कीटनाशक लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए खतरनाक हैं। विभिन्न स्तरों पर इनका प्रयोग फसल को विषैला बनाता है। इसी वजह से कई देशों ने इनके इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखा है। समिति ने कहा कि इन्हें प्रतिबंधित किया जाना ही उचित व्यवस्था होगी।
केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, जिन कीटनाशकों को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है, उनका निर्माण करने वाली कंपनियों को देशभर में मौजूद इन कीटनाशकों का इस्तेमाल रोकने के लिए चेतावनी जारी करनी होगी। उन्हें बाजार से अपना माल वापस लेना होगा। कंपनियों को चेतावनी में स्पष्ट करना होगा कि स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए खतरनाक होने के मद्देनजर इन कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाए।......... आर एस राणा
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