आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात मूल्य के हिसाब से 5.82 फीसदी बढ़ा है जबकि मात्रा के हिसाब से 6.94 फीसदी की गिरावट आई है। एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से जून के दौरान 1.34 लाख टन ग्वार गम उत्पादों का निर्यात ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 1.44 लाख टन का हुआ था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात मूल्य के हिसाब से बढ़कर 1,235 करोड़ रुपये का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 1,167 करोड़ रुपये का ही हुआ था। एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार घरेलू बाजार में ग्वार गम उत्पादों की कीमतें ज्यादा होने के कारण मूल्य के हिसाब से निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में निर्यात में सुधार आने का अनुमान है।
ग्वार सीड की बुवाई चालू खरीफ में जहां प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में बढ़ी है, वहीं गुजरात में बारिश की कमी से बुवाई में कमी आई है। राजस्थान के कृषि निदेशालय के अनुसार चालू खरीफ में 10 अगस्त तक राज्य में ग्वार सीड की बुवाई बढ़कर 28.38 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में केवल 28.26 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। चालू खरीफ में राजस्थान में ग्वार सीड की बुवाई का लक्ष्य 35 लाख हैक्टेयर का तय किया गया है। राजस्थान में ग्वार सीड की बुवाई तो बढ़ी है, लेकिन राज्य के करीब 9 जिलों हनुमानगढ़, जालौर, नागौर, पाली, अजमेर, बूंदी, जैसलमेर, सिरोही, टोंक में बारिश कम होने से सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। ऐसे में आगामी दिनों में इन राज्यों में बारिश की स्थिति कैसी रहती है, इस पर ग्वार सीड और ग्वार गम की तेजी-मंदी निर्भर करेगी।
गुजरात में चालू खरीफ सीजन में ग्वार सीड की बुवाई घटकर केवल 86,338 हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 1,67,700 हैक्टेयर में हो चुकी थी। सामान्य खरीफ में गुजरात में ग्वार सीड की बुवाई 2.56 लाख हैक्टेयर में होती है। ............ आर एस राणा
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