आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन 2018-19 में भले ही सोयाबीन की बुवाई 9.02 फीसदी बढ़कर 110.72 लाख हैक्टेयर में हुई हो है लेकिन प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान के करीब 30 जिलों में बारिश सामान्य से काफी कम होने के कारण सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। अत: चालू महीने में उत्पादक राज्यों में बारिश नहीं हुई तो फिर फसल को नुकसान की आशंका बढ़ जायेगी, जिसका असर उत्पादन पर पड़ेगा।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पहली जून से 10 अगस्त तक सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश के 20 जिलों में बारिश सामान्य से कम हुई है तथा राज्य के 10 जिलों में तो सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। उधर महाराष्ट्र के 33 जिलों में अभी तक सामान्य से कम बारिश हुई है तथा राज्य के 11 जिलों में सूखे जैसे हालता बने हुए हैं। इसी तरह से राजस्थान के 22 जिलों में 10 अगस्त तक बारिश सामान्य से कम हुई तथा राजय के 9 जिलों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं।
महाराष्ट्र के नानंदेड स्थित साई सिमरन फूड लिमिटेड के डायरेक्टर नरेश गोयनका ने बताया कि चालू महीने में उत्पादक राज्यों में बारिश काफी कम हुई है। अगर चालू महीने में एक-दो अच्छी बारिश नहीं हुई तो फिर फसल की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता प्रभावित होने की आशंका है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई बढ़कर 110.72 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 101.55 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। मध्य प्रदेश में चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई बढ़कर 53.18 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई केवल 47.95 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। महाराष्ट्र में चालू सीजन में सोयाबीन की बुवाई 38.42 और राजस्थान में 10.45 लाख हैकटेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इन राज्यों में क्रमश: 37.04 और 9.19 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में सोयाबीन का उत्पादन 109.34 लाख टन का हुआ था जबकि इसके पिछले साल इसका उत्पादन 131.59 लाख टन का हुआ था।........ आर एस राणा
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