आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सराकार द्वारा उठाये गए कदमों से दालों के आयात में तो कमी आई है, लेकिन उत्पादक राज्यों की मंडियों दालों के भाव अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे ही बने हुए हैं। चालू वित्त वर्ष 2018-19 की तिमाही में दालों का आयात 79 फीसदी घटकर 3.50 लाख टन का हुआ है। दालों का केंद्रीय पूल में बंपर करीब 50 लाख टन से ज्यादा का स्टॉक है तथा आगामी दिनों में केंद्रीय पूल से दालों की बिक्री में तेजी आ सकती है, इसलिए दालों की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।
मंडियों में भाव एमएसपी से नीचे
उत्पादक राज्यों की मंडियों में चना के भाव 3,800 से 4,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि केंद्र सरकार ने फसल सीजन 2017-18 के लिए चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,400 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। इसी तरह से उत्पादक मंडियों में मसूर के भाव 3,500 से 3,600 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे है, मसूर का एमएसपी 4,250 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
मूल्य के हिसाब से भारी गिरावट
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान दालों का आयात घटकर 3.50 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में इनका आयात 16.55 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में दालों का आयात घटकर 969 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 6,038 करोड़ रुपये का हुआ था।
चना, मसूर और मटर पर आयात शुल्क
केंद्र सरकार ने चना, मसूर और मटर के आयात पर आयात शुल्क लगा रखा है, जबकि अरहर, मूंग और उड़द के आयात की मात्रा तय कर रखी है, साथ ही केवल दाल मिलर्स ही आयात कर सकते हैं। जिससे दलहन के कुल आयात में कमी आई है।
वित्त वर्ष 2016-17 में हुआ था रिकार्ड आयात
वित्त वर्ष 2017-18 में दलहन का कुल आयात 56.1 लाख टन का हुआ था, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में इनका आयात रिकार्ड 66.09 लाख टन का हुआ था।
रिकार्ड उत्पादन का अनुमान
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में दलहन का उत्पादन रिकार्ड 245.1 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल इसका उत्पादन 231.3 लाख टन का उत्पादन हुआ था।........ आर एस राणा
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