आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू फसल सीजन 2017-18 में कपास का निर्यात बढ़कर 70 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका निर्यात केवल 58.21 लाख गांठ का ही हुआ था। चालू सीजन में आयात भी घटकर आधा ही होने का अनुमान है। ऐसे में पहली अक्टूबर को शुरू होने वाली नई फसल की आवक के समय बकाया स्टॉक 14 लाख गांठ घटकर केवल 22 लाख गांठ ही बचने का अनुमान है इसलिए घरेलू मंडियों में कपास की कीमतों में और तेजी आने का अनुमान है।
जुलाई तक 67 लाख गांठ की हो चुकी हैं निर्यात शिपमेंट
कॉटन एसोसिएशन आॅफ इंडिया (सीएआई) के अध्यक्ष अतुल एस गणात्रा के अनुसार चालू फसल सीजन 2017-18 में जुलाई के आखिर तक 67 लाख गांठ कपास के निर्यात की शिपमेंट हो चुकी है तथा सीजन की समाप्ति तक निर्यात बढ़कर 70 लाख गांठ हो जायेगा। उन्होंने बताया कि कपास का आयात भी पिछले साल के 30.94 लाख गांठ से घटकर 15 लाख गांठ ही होने का अनुमान है।
घरेलू खपत ज्यादा होने का अनुमान
सीआईए के अनुसार चालू फसल सीजन में कपास का उत्पादन पिछले साल के 337.25 लाख गांठ से बढ़कर 365 लाख गांठ होने का अनुमान है तथा कपास की घरेलू खपत भी चालू सीजन में बढ़कर 324 लाख गांठ की होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी खपत 310.14 लाख गांठ की ही हुई थी। खपत बढ़ने के साथ ही जहां आयात में भी कमी आयेगी और निर्यात में बढ़ोतरी होगी, इसलिए पहली अक्टूबर को नए सीजन के शुरू में कपास का बकाया स्टॉक पिछले साल के 36.07 लाख गांठ से घटकर केवल 22 लाख गांठ ही बचने का अनुमान है।
उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक घटी
सीआईए के अनुसार चालू फसल सीजन में जुलाई के आखिर तक उत्पादक मंडियों में 353.45 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है, तथा उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक कम होने से दैनिक आवक सीमित मात्रा में ही हो रही है।
बुवाई पिछले साल की तुलना में कम
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू फसल सीजन 2018-19 में कपास की बुवाई घटकर 109.79 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 114.34 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।......... आर एस राणा
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