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17 अगस्त 2018

उत्तर भारत में कपास की फसल रोग रहित, सितंबर मध्य में बनेगी नई आवक-सीआईसीआर

आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कपास की फसल काफी अच्छी स्थिति में है, तथा नई फसल की आवक मध्य सितंबर में बनने की संभावना है। सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉटन रिसर्च (सीआईसीआर) के प्रमुख दिलीप मोंगा ने आउटलुक को बताया कि पंजाब के अबोहर जिले में कुछेक जगहों पर सफेद मक्खी का प्रकोप हुआ था, जिस पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया है।
उन्होंने बताया कि उत्पादक राज्यों में मौसम फसल के अनुकूल है इसलिए नई फसल की आवक मध्य सितंबर तक चालू होने की संभावना है। पंजाब और राजस्थान में चालू खरीफ में कपास की बुवाई में कमी आई है जबकि हरियाणा में बढ़ी है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार पंजाब में चालू खरीफ में कपास की बुवाई घटकर 2.84 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 3.84 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। इसी तरह से राजसथान में कपास की बुवाई पिछले साल के 5.03 लाख हैक्टेयर से घटकर 4.96 लाख हैक्टेयर में ही हुई है। हरियाणा में कपास की बुवाई 6.65 लाख हैक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल से बढ़ी है।
उन्होंने बताया कि पंजाब के अबोहर में सफेद मक्खी के हमले से बचने के लिए किसानों को कीटनाशकों के छिड़काव की सलाह दी गई है तथा स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि चालू खरीफ सीजन में पिछले साल की तुलना में कपास के बुवाई क्षेत्रफल में जरुर थोड़ी कमी आई है लेकिन अभी तक मौसम फसल के अनुकूल रहा है, तथा आगे भी मौसम अनुकूल रहा तो प्रति हैक्टेयर उत्पादकता ज्यादा आने का अनुमान है।
कॉटन एसोसिएशन आॅफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कपास का उत्पादन 49.40 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) होने का अनुमान है जबकि पिछले फसल सीजन में इसका उत्पादन इन राज्यों में 45.75 लाख गांठ का ही हुआ था। ..........  आर एस राणा

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