आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के
दौरान जहां बासमती चावल के निर्यात में मात्रा के हिसाब से 7 फीसदी की
गिरावट आई है वही गैर बासमती चावल के निर्यात में इस दौरान 12.57 फीसदी की
बढ़ोतरी हुई है। हालांकि मूल्य के हिसाब से गैर-बासमती के साथ ही बासमती
चावल का निर्यात इस दौरान बढ़ा है।
एपीडा के अनुसार चालू वित्त
वर्ष 2018-19 के पहले तीन महीनों में बासमती चावल का निर्यात घटकर 11.69
लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात
12.58 लाख टन का ही हुआ था। गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के
पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान बढ़कर 19.79 लाख टन का हुआ है
जबकि पिछले पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 17.58 लाख टन
का हुआ था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार मूल्य के
हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल से जून के दौरान बासमती चावल
का निर्यात 8,585 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की सामान
अवधि में इसका निर्यात 8,181 करोड़ रुपये का ही हुआ था। गैर बासमती चावल का
निर्यात चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के
दौरान बढ़कर 5,562 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान
अवधि में इसका निर्यात 4,608 करोड़ रुपये मूल्य का ही हुआ था।
एपीडा
के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार विश्व बाजार में गैर-बासमती चावल का स्टॉक
कम होने के कारण हमारे यहां से निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। बासमती चावल
के निर्यात में आगामी महीनों में सुधार आने का अनुमान है। उन्होंने बताया
कि बासमती चावल का कुल निर्यात 40 लाख टन के करीब ही होने का अनुमान है।
हरियाणा
की कैथल मंडी के चावल कारोबारी रामनिवास खुरानिया ने बताया कि बासमती चावल
में निर्यात सौदे कम होने के कारण धान में मिलों की मांग कमजोर बनी हुई
है। मंडी में पूसा-1,121 बासमती धान का भाव गुरूवार को 3,600 रुपये प्रति
क्विंटल रहा। पूसा-1,121 बासमती चावल सेला का भाव 6,450 रुपये और पूसा
1,509 बासमती चावल सेला का भाव 6,150 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रहा।..... आर एस राणा
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