आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान डीओसी का निर्यात 24 फीसदी बढ़कर 8,98,872 टन का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 7,25,250 टन का ही हुआ था। इस दौरान सरसों डीओसी के निर्यात में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार जुलाई में डीओसी के निर्यात में 18 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 1,48,983 टन का हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में इनका निर्यात 1,25,904 टन का ही हुआ था। अप्रैल से जुलाई के दौरान सरसों डीओसी का निर्यात बढ़कर 3,69,646 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 1,65,609 टन का हुआ था। सोया डीओसी का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में बढ़कर 3,12,126 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 3,00,046 टन का ही हुआ था।
एसईए के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी वी मेहता के अनुसार अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार के कारण आगामी दिनों में भारत से डीओसी और सोयाबीन का निर्यात चीन को होने की संभावना है। चीन ने वर्ष 2012 के बाद भारत से आयात बंद कर दिया था। इसके लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधिकारियों ने हाल ही में चीन का दौरा भी किया है।
घरेलू बाजार में तिलहनों की कीमतों में गिरावट आने से जुलाई में डीओसी की कीमतों में जून के मुकाबले नरमी आई है। जुलाई में भारतीय बंदरगाह पर सोया डीओसी के भाव घटकर 433 डॉलर प्रति टन रह गए जबकि जून में इसके भाव 445 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से सरसों डीओसी के भाव जून के 227 डॉलर प्रति टन से घटकर जुलाई में 217 डॉलर प्रति टन रह गए। ........ आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें