आर एस राणा
नई दिल्ली। खाद के आयात में कमी लाने की केंद्र सरकार की कोशिश वर्ष 2017-18 में यूरिया खाद पर तो लागू नहीं हो पाई। वर्ष 2017-18 में यूरिया खाद का आयात बढ़कर 59.75 लाख टन का हुआ है जबकि इसके पिछले साल में इसका आयात 54.81 लाख टन का ही हुआ था। इस दौरान यूरिया खाद का घरेलू उत्पादन भी 242.01 लाख टन से घटकर 240.23 लाख टन का ही रह गया।
कुल खपत में यूरिया खाद की हिस्सेदारी ज्यादा
देश में खाद की कुल खपत में यूरिया की हिस्सेदारी 50 फीसदी के करीब है, सालाना इसकी खपत करीब 300 लाख टन की होती है। कृषि मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2017-18 में 599.75 लाख टन खाद की मांग रही थी। खरीफ सीजन 2018 में खाद की कुल खपत 303.46 लाख टन होने का अनुमान है, इसमें 148.91 लाख टन यूरिया, 49.19 लाख टन डीएपी, 20.26 लाख टन एमओपी, 49.74 लाख टन मिश्रित तथा 26.26 लाख टन एसएसपी है।
यूरिया खाद के आयात में हुई बढ़ोतरी
रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 के जून महीने में यूरिया खाद का आयात बढ़कर 7.86 लाख टन का हुआ है जबकि मई में इसका आयात 7.28 लाख टन का ही हुआ था। चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान यूरिया का आयात बढ़कर 21.41 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका आयात 17.04 लाख टन का ही हुआ था।
डीएपी खाद का आयात ज्यादा
डीएपी खाद का आयात चालू वित्त वर्ष के जून महीने में बढ़कर 10.62 लाख टन का हुआ है जबकि मई में इसका आयात केवल 8.19 लाख टन का ही हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान डीएीपी का आयात बढ़कर 20.63 लाख टन का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में डीएपी का आयात 10.98 लाख टन का ही हुआ था। .... आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें