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25 जून 2018

खाड़ी देशों की आयात मांग से बासमती में सुधार, आगे कीमतों में फिर मंदा आने की उम्मीद

आर एस राणा
नई दिल्ली। रमजान का महीना समाप्त होने के बाद बासमती चावल में खाड़ी देशों की आयात मांग बढ़ी है जिससे घरेलू बाजार में बासमती चावल और धान की कीमतों में 100 से 200 रुपये की तेजी आई है। 15 जून से मानसून की गति धीमी हो गई है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार चालू सप्ताह के आखिर तक मानसून फिर रफ्तार पकड़ेगा। इसलिए बासमती चावल के साथ ही धान की कीमतों में आगे मंदा ही आने का अनुमान है।
चावल और धान की कीमतों में हल्का सुधार
चावल कारोबारी रामनिवास खुरानिया ने बताया कि रमजान के कारण महीने भर से खाड़ी देशों की आयात मांग बासमती चावल में कम थी। रमजान समाप्त हो गया है इसलिए खाड़ी देशों की आयात मांग बढ़ी ​है जिससे घरेलू मंडियों में बासमती चावल और धान की कीमतों सुधार आया है। हरियाणा की कैथल मंडी में बुधवार को पूसा बासमती धान 1,121 का भाव बढ़कर 3,600 रुपये और पूसा बासमती चावल 1,121 सेला का भाव 6,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। पूसा बासमती चावल 1,509 का भाव बढ़कर 5,900 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
निर्यातकों की मांग कमजोर
चावल की निर्यातक फर्म केआरबीएल लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल मित्तल ने बताया कि रमजान के बाद बासमती चावल की निर्यात मांग में थोड़ा सुधार आया है जिससे इनके भाव बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि बासमती चावल के ​नए निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे है जबकि मानसून की रफ्तार धीमी होने का असर भी धान और चावल की कीमतों पर पड़ा है, ऐसे में आगे जैसे ही मानसून गति पकड़ेगा, इनकी कीमतों में फिर गिरावट आने का अनुमान है। वैसे भी उत्पादक राज्यों में बासमती चावल का बकाया स्टॉक अच्छा है।
अप्रैल में बासमती चावल का निर्यात घटा
एपीडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल महीने में बासमती चावल का निर्यात घटकर 3,70,183 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 के अप्रैल महीने में इसका निर्यात 3,89,542 टन का हुआ था। वित्त वर्ष 2017-19 में बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 40.51 लाख टन का हुआ था, जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2016-17 के 39.85 लाख टन से ज्यादा था।...... आर एस राणा

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