आर एस राणा
नई
दिल्ली। नकदी के संकट से जूझ रही चीनी मिलों को राहत देने के लिए केंद्र
सरकार ने 7,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को मंजूरी दे दी है। बुधवार को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की
मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक
बनाने के साथ ही चीनी का न्यूनतम बिक्री भाव भी 29 रुपये प्रति किलो तय कर
दिया।
केंद्र सरकार ने उद्योग को राहत देने के लिए 30 लाख
टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने को मंजूरी दे दी है, जिस पर करीब 1,175 करोड़
का खर्च आने का अनुमान है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने गन्ने के उचित एवं
लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के आधार पर चीनी का न्यूनतम बिक्री भाव 29 रुपये
प्रति किलो निर्धारित कर दिया है। केंद्र सरकार एथनॉल का उत्पादन बढ़ाने के
लिए चीनी मिलों को 4,440 करोड़ रुपये के कर्ज पर ब्याज सब्सिडी देगी, जोकि
करीब 1,332 करोड़ रुपये होगी।
चीनी मिलों पर किसानों की बकाया राशि 22,000 करोड़ के पार
चालू
पेराई सीजन में पहली अक्टूबर 2017 से अभी तक चीनी मिलों पर गन्ना किसानों
के बकाया की राशि बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है तथा इसमें सबसे
ज्यादा रकम 1,200 करोड़ से ज्यादा अकेले उत्तर प्रदेश के किसानों की है।
घरेलू बाजार में चीनी के दाम नीचे बने हुए है, जिस कारण चीनी मिलें गन्ना
किसानों का बकाया का भुगतान नहीं कर रही है। अत: गन्ना किसानों को भारी
आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
चीनी पर आयात शुल्क 100 फीसदी और निर्यात पर शून्य शुल्क
इससे
पहले भी चीनी उद्योग को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने जहां चीनी के
आयात पर शुल्क को बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया था, वहीं 20 फीसदी निर्यात
शुल्क को भी शून्य किया था। साथ ही केंद्र सरकार ने 20 लाख टन चीनी के
निर्यात की भी अनुमति दी थी।
चीनी का बंपर उत्पादन
इंडियन
शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार पहली अक्टूबर 2017 से चालू हुए
पेराई सीजन में 30 अप्रैल 2018 तक ही 310.37 लाख टन बंपर चीनी का उत्पादन
हो चुका था जबकि देश में चीनी की सालाना खपत 245 से 250 लाख टन की ही होती
है।............. आर एस राणा
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