आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार ही जब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 2,000 रुपये
प्रति क्विंटल नीचे भाव पर दालें बेचेगी तो फिर किसानों को उनकी फसल का
उचित मूल्य कैसे मिलेगा। नेफेड ने 5 जून को राजस्थान में 3,345 रुपये
प्रति क्विंटल की दर से उड़द बेची जबकि उड़द का एमएसपी 5,400 रुपये प्रति
क्विवंटल है। केंद्र सरकार सख्ती से दलहन आयात में तो कमी आई, लेकिन भाव
में सुधार नहीं आ पाया।
इसी तरह से महाराष्ट्र में नेफेड ने पांच
जून को 1,112 टन अरहर 3,620 से 3,677 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेची
जबकि अरहर का समर्थन मूल्य 5,450 रुपये प्रति क्विंटल है। राजस्थान में
निगम ने मूंग 4,772 से 4,789 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेची, जबकि मूंग
का एमएसपी 5,575 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
नेफेड के दलहन का रिकार्ड स्टॉक
सूत्रों
के अनुसार नेफेड के पास अरहर, उड़द, मूंग, चना और मसूर का करीब 27-28 लाख
टन का रिकार्ड स्टॉक हो चुका है जबकि भंडारण की सुविधा पर्याप्त नहीं होने
के कारण खरीदी गई दालों की बिक्री निविदा के माध्यम से की जा रही है जिस
कारण मंडियों में दालों के भाव में सुधार नहीं आ रहा है।
समर्थन मूल्य से नीचे बिक रही हैं रबी दलहन
उत्पादक
मंडियों में इस समय रबी दलहन चना और मसूर की आवक हो रही है तथा इनके भाव
एमएसपी से नीचे बने हुए हैं। केंद्र सरकार ने चना का एमएसपी 4,400 रुपये
प्रति क्विंटल तय किया हुआ है जबकि मंडियों में इसके भाव घटकर 3,200 से
3,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। इसी तरह से मसूर का एमएसपी 4,250
रुपये प्रति क्विंटल है जबकि कई राज्यों की मंडियों में इसके भाव घटकर नीचे
में 3,100 रुपये प्रति क्विंटल तक आ गए हैं।
केंद्र द्वारा उठाए गए कदम नाकाफी
घरेलू
बाजार में दालों की कीमतों में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने मसूर के
आयात पर 30 फीसदी का आयात शुल्क, चना के आयात पर 60 फीसदी का आयात शुल्क
तथा मटर के आयात पर मात्रात्मक प्रतिबंध लगाया हुआ है। आयातक जून तक केवल
एक लाख टन मटर का ही आयात कर सकेंगे। इसके अलावा अरहर, मूंग और उड़द के
आयात पर भी मात्रात्मक प्रतिबंध सरकार लगा चुकी है। साथ ही दलहन के निर्यात
की अनुमति एवं चना दाल के निर्यात पर निर्यातकों को 7 फीसदी इनसेंटिव भी
देने की घोषणा कर चुकी है। इन सब के बावजूद भाव में लगातार मंदा ही बना हुआ
है।
दलहन आयात में आई कमी
केंद्र सरकार की सख्ती से
वित्त वर्ष 2017-18 में दालों का आयात 15 फीसदी घटकर 56 लाख टन का ही हुआ
है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में 66.08 लाख टन दलहन का रिकार्ड
आयात हुआ था। दलहन कारोबारी राधाकिशन गुप्ता ने बताया कि सरकार द्वारा आयात
शुल्क बढ़ा देने के बाद से चना का आयात तो नहीं हो रहा, लेकिन मसूर का
आयात अभी भी हो रहा है। आयातित मसूर के भाव मुंबई पहुंच 3,100 रुपये प्रति
क्विंटल है।
बंपर उत्पादन बना किसानों के लिए मुसिबत
चालू
फसल सीजन में दलहन का रिकार्ड उत्पादन किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित
हो रहा है। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन
2017-18 में दालों का 245.1 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है जबकि इसके
पिछले साल 231.3 लाख टन का उत्पादन हुआ था।....... आर एस राणा
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