आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू रबी सीजन में नेफेड न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 25.81
लाख टन चना की रिकार्ड खरीद कर चुकी है, इसके बावजूद भी उत्पादक मंडियों
में चना के भाव समर्थन मूल्य से नीचे बने हुए हैं। चना की कीमतों में पिछले
दो दिनों में हल्का सुधार आया है लेकिन रिकार्ड उत्पादन अनुमान के कारण
अभी बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।
चना कारोबारी राधाकिशन
गुप्ता ने बताया कि उत्पादक राज्यों की मंडियों में चना के भाव 3,400 से
3,600 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन
सीजन 2018-19 के लिए चना का एमएसपी 4,400 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित)
तय किया हुआ है। दिल्ली की लारेंस रोड़ मंडी में चना का भाव 3,775 से
3,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे। जुलाई-अगस्त में चना दाल और बेसन में मांग
बढ़ने की संभावना है जिससे चना के भाव में आगे मिलों की मांग बढ़ने पर
150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बन सकती है।
खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी मध्य प्रदेश की
नेफेड
के अनुसार चालू रबी में चना की रिकार्ड समर्थन मूल्य पर खरीद 25.81 लाख टन
की हो चुकी है। मध्य प्रदेश से सबसे ज्यादा 15.91 लाख टन, राजस्थान से
4.75 लाख टन और महाराष्ट्र से 1.71 लाख टन चना की समर्थन मूल्य पर खरीद हो
चुकी है।
रिकार्ड उत्पादन का अनुमान
कृषि मंत्रालय के
तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में चना का रिकार्ड 111.6
लाख टन का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 93.8 लाख टन चना का
उत्पादन हुआ था।
चना आयात पर 60 फीसदी शुल्क
घरेलू
बाजार में चना की कीमतों में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने मार्च में
आयात शुल्क को बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया था। आयात शुल्क में बढ़ोतरी से सचना
के आयात पड़ते तो नहीं लग रहे, लेकिन बंपर उत्पादन अनुमान से भाव में तेजी
नहीं आ पाई। ............ आर एस राणा
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