आर एस राणा
नई
दिल्ली। किसानों की आय वर्ष-2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही
केंद्र सरकार खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कल घोषित कर
सकती है। केंद्र सरकार खरीफ फसलों के एमएसपी लागत का डेढ़ गुना तय करने की
बात करती रही है जबकि एमएसपी तय की सिफारिश करने वाले कृषि लागत एवं मूल्य
आयोग (सीएसीपी) ने खरीफ फसलों के एमएसपी में 5 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी की
ही सिफारिश की है। आमतौर पर सीएसीपी की सिफारिश मान ली जाती है।
सूत्रों
के अनुसार खरीफ की प्रमुख फसल धान के समर्थन मूल्य में 80 रुपये प्रति
क्विंटल की बढ़ोतरी की सिफारिश सीएसीपी ने की है। अत: खरीफ विपणन सीजन
2018-19 के लिए सामान्य किस्म के धान का एमएसपी 1,630 रुपये और ए ग्रेड के
धान का एमएसपी 1,670 रुपये प्रति क्विंटल तय हो सकता है। इसके अलावा ज्वार
के एमएसपी में 75 रुपये और बाजरा के एमएसपी में 95 रुपये तथा मक्का के
एमएसपी में 60 रुपये और रागी का एमएसपी 175 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने की
सिफारिश सीएसीपी द्वारा की गई है।
सीएसीपी ने दलहन खरीफ की
प्रमुख फसल अरहर और उड़द के एमएसपी में 400-400 रुपये और मूंग के एमएसपी
में 350 रुपये बढ़ाने की सिफारिश की है। इसके अलावा कपास के एमएसपी में 160
रुपये और मूंगफली के एमएसपी में 230 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने की
सिफारिश की है।
इस समय उत्पादक मंडियों में खरीफ की दलहनी फसल
अरहर, उड़द और मूंग एमएसपी से 1,500 से 2,000 रुपये प्रति क्विंटल नीचे बिक
रही है। इसी तरह से मोटे अनाजों में मक्का के साथ जौ और बाजरा के भाव भी
उत्पादक मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे चल रहे हैं। ............ आर एस राणा
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