आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू फसल सीजन 2017-18 में कपास का निर्यात बढ़कर 70 लाख गांठ (एक
गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 63 लाख गांठ से
ज्यादा। चालूसीजन में कपास का उत्पादन 365 लाख गांठ होने का अनुमान है जोकि
पहले के अनुमान से 5 लाख गांठ ज्यादा है।
कॉटन एसोसिएशन आफ
इंडिया (सीएआई) के अध्यक्ष अतुल एस. गणात्रा के अनुसार चालू फसल सीजन
2017-18 में कपास का उत्पादन बढ़कर 365 लाख गांठ होने का अनुमान है जोकि
पहले अनुमान के मुकाबले 5 लाख गांठ ज्यादा है। उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी
प्रमुख उत्पादक राज्यों गुजरात, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में प्रति हैक्टेयर
उत्पादकता ज्यादा होना है। गुजरात में कपास के उत्पादन अनुमान में 3 लाख
गांठ, कर्नाटक में एक लाख गांठ, आंध्रप्रदेश में 50 हजार गांठ और 25 हजार
गांठ मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में पहले के उत्पादन से ज्यादा होने की
संभावना है।
निर्यात बढ़ेगा, आयात में आयेगी कमी
सीएआई
के अनुसार विश्व बाजार में भारतीय कपास सबसे सस्ती होने के कारण निर्यात
मांग अच्छी बनी हुई है तथा चालू सीजन में अक्टूबर से मई के दौरान कपास की
62 लाख गांठ की शिपमेंट हो चुकी है तथा कुल निर्यात बढ़कर 70 लाख गांठ होने
का अनुमान है जबकि पिछले साल कुल निर्यात 63 लाख गांठ का हुआ था। मई आखिर
तक उत्पादक राज्यों की मंडियों में 340 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है
जबकि कपास का आयात मई आखिर तक केवल 8.5 लाख गांठ का ही हुआ है। फसल सीजन
2016-17 में कपास का आयात 27 लाख गांठ का हुआ था, जबकि चालू फसल सीजन
2017-18 में आयात घटकर 15 लाख गांठ का ही होने का अनुमान है।
नई फसल के समय बकाया स्टॉक बचेगा कम
सीएआई
के अनुसार पहली अक्टूबर 2018 को नई फसल की आवक के समय घरेलू बाजार में
कपास का कुल स्टॉक घटकर 16 लाख गांठ का ही बचने की संभावना है जबकि चालू
फसल सीजन के आरंभ में अक्टूबर 2017 के समय 30 लाख गांठ का स्टॉक बचा हुआ
था।
पंजाब और हरियाणा में बुवाई घटी
नार्थ इंडिया कॉटन
एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश राठी के अनुसार विश्व बाजार में भारतीय कपास
सबसे सस्ती है, इसलिए निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है। चालू खरीफ सीजन में
उत्तर भारत के राज्यों पंजाब और हरियाणा में कपास की बुवाई घटी है तथा इन
राज्यों में बुवाई का समय समाप्त हो चुका है। इसीलिए घरेलू बाजार में कपास
की कीमतों में और तेजी आने का अनुमान है।
कुल बुवाई में पिछड़ी
कृषि
मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में कपास की बुवाई घटकर 12.48 लाख हैक्टेयर
में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 14.06 लाख हैक्टेयर में कपास की
बुवाई हो चुकी थी। .......... आर एस राणा
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