आर एस राणा
नई
दिल्ली। खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी
तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित नहीं किए हैं, जिस कारण किसान
बुवाई के लिए फसलों का चयन नहीं कर पा रहे हैं। केंद्र के डेढ़ गुना एमएसपी
तय करने के दावे के उल्ट कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने खरीफ की
प्रमुख फसल धान के एमएसपी में मात्र 80 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की
सिफारिश की है।
चालू वित्त वर्ष 2018-19 के आम बजट में केंद्र
सरकार ने खरीफ फसलों के एमएसपी डेढ़ गुना तय करने का दावा किया था, लेकिन
सीएसीपी ने चालू खरीफ के लिए धान के एमएसपी में 80 रुपये की बढ़ोतरी की
सिफारिश कर फसल सीजन 2018-19 के लिए कॉमन धान का एमएसपी 1,630 रुपये और
ग्रेड ए धान का एमएसपी 1,670 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की सिफारिश की
है। आमतौर पर सीएसीपी की सिफारिशों पर कैबिनेट की मोहर लग जाती है, लेकिन
चुनाव साल होने के कारण सरकार किसानों की नाराजगी का कोई जोखिम नहीं लेना
चाहेगी, इसलिए इसमें कुछ संशोधन किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार इस पर
संबंधित मंत्रालयों में सहमति बनाने के कारण ही एमएसपी की घोषणा में देरी
हो रही है।
केंद्र सरकार खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान के साथ ही
मोटे अनाजों में ज्वार, बाजरा, मक्का और रागी तथा दालों में अरहर, उड़द और
मूंग के अलावा तिलहनी फसलों में सोयाबीन, मूंगफली, सनफ्लावर, नाईजर सीड और
शीसम सीड के अलावा कपास के एमएसपी घोषित करती है। खरीफ सीजन में एमएसपी पर
धान की ही खरीद ज्यादा होती है, अन्य फसलों की खरीद नाममात्र की ही होती
है। सूत्रों के अनुसार इसीलिए केंद्र सरकार धान के बजाए अन्य फसलों जिनकी
खरीद समर्थन मूल्य पर नहीं के बराबर होती है, उनके एमएसपी में ज्यादा
बढ़ोतरी कर सकती है।
कई राज्यों में चालू साल के अंत तक
विधानसभा चुनाव होने है जबकि 2019 में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं
इसलिए किसानों को केंद्र सरकार से फसलों के एमएसपी को लेकर काफी उम्मीद भी
है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में 115.90 लाख हैक्टेयर में खरीफ
फसलों की बुवाई हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 128.35 लाख
हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। हालांकि अभी बुवाई शुरूवाती चरण में है।
सामान्यत: खरीफ सीजन में 10.58 करोड़ हैक्टेयर में फसलों की बुवाई होती
है। .............. आर एस राणा
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