आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार गन्ना किसानों के बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए
चीनी मिलों को करीब 8,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देने पर विचार कर रही
है। बुधवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली आर्थिक मामलों की
मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस पर निर्णय होने की उम्मीद है।
सूत्रों
के अनुसार केंद्र सरकर एथनॉल का उत्पादन बढ़ाने के लिए चीनी मिलों को
4,500 करोड़ रुपये का कर्ज देने की योजना बना रही है। इसके तहत छह फीसदी
ब्याज सब्सिडी का प्रस्ताव है। चीनी मिलों को कर्ज चुकाने के लिए पांच साल
का समय मिलेगा। इसके साथ ही 1,200 करोड़ रुपये का पैकेज उद्योग को चीनी का
बफर स्टॉक बनाने के लिए तथा 1,500 करोड़ रुपये का पैकेज गन्ना किसानों को
गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में 5.50 रुपये प्रति क्विंटल की
दर से सब्सिडी देने का जो पहले ही केंद्र सरकार ऐलान कर चुकी है, उस मद
में जायेगा।
चालू पेराई सीजन में पहली अक्टूबर 2017 से अभी तक
चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के बकाया की राशि बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये
पहुंच चुकी है तथा इसमें सबसे ज्यादा रकम 1,200 करोड़ से ज्यादा अकेले
उत्तर प्रदेश के किसानों की है। घरेलू बाजार में चीनी के दाम नीचे बने हुए
है, जिस कारण चीनी मिलें गन्ना किसानों का बकाया का भुगतान नहीं कर रही है।
अत: गन्ना किसानों को भारी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
खाद्य
मंत्रालय 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने पर विचार कर रहा है इस पर
कैबिनेट की प्रस्तावित बैठक में बुधवार को फैसला हो सकता है। इसके अलावा
अनिवार्य तौर पर चीनी एक्सपोर्ट करने की शर्त भी केंद्र सरकार हटा सकती है।
चीनी
मिलों को राहत देने के लिए सरकार चौतरफा कदम उठाने की तैयारी में है। इस
बारे में वित्त मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय और खाद्य मंत्रालय प्रस्ताव
तैयार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में बैठक के बाद संबंधित मंत्रालय
को इस बारे में निर्देश दिए गए हैं।............ आर एस राणा
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