आर एस राणा
नई
दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपया रिकार्ड निचले स्तर पर आ गया है, गुरूवार
को एक डॉलर की कीमत 69.10 रुपये के पार चली गई है। रुपये के मुकाबले डॉलर
में आई तेजी से आयातित खाद्य तेलों का बिल बढ़ बढ़ने की संभावना है। चालू
साल में रुपये में सात फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
खाद्य तेलों
के कारोबारी हेमंत गुप्ता ने बताया कि रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती का
असर आयातित खाद्य तेलों की कीमतों पर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि हम अपनी
कुल जरुरत का 65 फीसदी से ज्यादा खाद्य तेलों का आयात करते हैं इसलिए खाद्य
तेलों के बिल बढ़ोतरी हो जायेगी। आयातित खाद्य तेल महंगे होने से घरेलू
बाजार में भी खाद्य तेलों की कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की
तेजी बन सकती है। वैसे भी आगे त्यौहारी सीजन है जिसकी वजह से खाद्य तेलों
में मांग बढ़ने का अनुमान है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन
आॅफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष नवंबर-17 से अक्टूबर-18 के पहले
7 महीनों नवंबर से मई के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात एक फीसदी
बढ़कर 86,04,535 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका
आयात 85,22,704 टन का हुआ था।
एसईए के अनुसार तिलहनों के
उत्पादन में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं होने से खाद्य तेलों का आयात लगातार बढ़
रहा है। तेल वर्ष 2013-14 में 116,18,334 टन खाद्य एवं अखाद्य तेलों का
आयात हुआ था जबकि तेल वर्ष 2016-17 में बढ़कर यह आंकड़ा 150,77,420 टन पर
पहुंच गया।
गुरूवार को क्रुड पाम तेल का भाव कांडला बंदरगाह पर
650 रुपये, आरबीडी पामोलीन का 700 से 705 रुपये, सरसों तेल का भाव हरियाणा
की मंडियों में 700 रुपये, सोया रिफाइंड तेल का भाव इंदौर में 745 रुपये और
बिनौला तेल का 710-715 रुपये प्रति 10 किलो रहा।....... आर एस राणा