आर एस राणा
नई
दिल्ली। चीनी के उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ ही किसानों के बकाया की राशि
में हुई भारी बढ़ोतरी से चिंतित केंद्र सरकार ने चीनी के निर्यात शुल्क को
शून्य कर दिया है। इसके बावजूद भी किसानों के बकाया भुगतान में तेजी की
संभावना कम है, क्योंकि विश्व बाजार में चीनी के भाव काफी नीचे हैं। इसलिए
जब तक केंद्र सरकार निर्यात पर प्रोत्साहन राशि नहीं देगी, तब तक निर्यात
पड़ते नहीं लग पायेंगे।
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने चीनी
के निर्यात शुल्क को शून्य कर दिया है तथा इसकी अधिसूचना जल्दी ही जारी
होने का अनुमान है। उद्योग के अनुसार अभी तक चीनी पर 20 फसीदी निर्यात
शूल्क था। पहली अक्टूबर 2017 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में 15 मार्च
2018 तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 258.06 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले साल
की समान अवधि में इसका उत्पादन केवल 175.50 लाख टन का ही हुआ था।
मिलों पर किसानों की बकाया राशि बढ़ी
चीनी
मिलों पर 31 जनवरी 2018 तक किसानों की बकाया राशि बढ़कर 14,000 करोड़
रुपये को पार कर चुकी है। जानकारों के अनुसार बकाया भुगतान में जल्दी ही
तेजी नहीं आई तो मार्च के आखिर तक यह राशि बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये तक
पहुंचने की आशंका है।
प्रोत्साहन राशि के बगैर निर्यात पड़ते नहीं
एस
एन बी इंटरप्राइजेज के प्रबंधक सुधीर भालोठिया ने बताया कि विश्व बाजार
में चीनी के भाव काफी नीचे है इसलिए जबकि तक केंद्र सरकार चीनी के निर्यात
पर प्रोत्साहन राशि नहीं देगी, तब तक निर्यात की संभावना नहीं है। विश्व
बाजार में व्हाईट शुगर के भाव 2,425 से 2,450 रुपये प्रति क्विंटल है।
उन्होंने कहा कि इससे घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में हल्का सुधार बन
सकता है।
घरेलू बाजार में हल्का सुधार संभव
केंद्र
सरकार द्वारा चीनी के निर्यात को शुल्क को शून्य कर देने से घरेलू बाजार
में इसके भाव में 25 से 50 रुपये का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की
संभावना नहीं है। मंगलवार को दिल्ली में चीनी के भाव 3,300 रुपये प्रति
क्विंटल (टैक्स अलग) रहे जबकि उत्तर प्रदेश में चीनी के भाव 3,000 से 3,150
रुपये और महाराष्ट्र में 2,800 से 2,850 रुपये प्रति क्विंटल (एक्स
फैक्ट्री) रहे।
उत्पादन रिकार्ड होने का अनुमान
इंडियन
शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का
रिकार्ड 295 लाख टन का उत्पादन होने का अनुमान है। 15 मार्च 2018 तक चीनी
का उत्पादन बढ़कर 258.06 लाख टन का हो चुका है। इसमें प्रमुख उत्पादक राज्य
महाराष्ट्र में 93.83 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 84.39 लाख टन और कर्नाटका
में 35.10 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। अन्य राज्यों की चीनी मिलें 15
मार्च 2018 तक 44.74 लाख टन चीनी का उत्पादन कर चुकी हैं।...............आर एस राणा
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