आर एस राणा
नई
दिल्ली। कालीमिर्च के किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने इसके
आयात पर न्यूनतम आयात मूल्य 500 रुपये प्रति किलो तय कर दिया है। चालू सीजन
में कालमिर्च की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है साथ ही निर्यात में कमी
आई है इसलिए घरेलू बाजार में कालीमिर्च की कीमतों में तेजी आने की संभावना
तो नहीं है, लेकिन कीमतों में चल रही गिरावट रुक सकती है।
विदेश
व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार 500 रुपये
प्रति किलोग्राम (लागत, बीमा और मालाभाड़ा जोड़कर) से नीचे भाव पर किसी भी
किस्म के कालीमिर्च आयात पर पूरी तरह प्रतिबंद होगा। सूत्रों के अनुसार
श्रीलंका के रास्ते 2,500 से 3,500 रुपये प्रति किलो की दर से कालीमिर्च का
आयात हो रहा है, जिससे घरेलू बाजार में इसके भाव में गिरावट आई है। आयातित
कालीमिर्च में गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण यह स्वास्थ्य के लिए भी
अच्छी नहीं है। शुक्रवार को केरल की कुमली मंडी में अनर्गाबल्ड किस्म की
कालीमिर्च का भाव 378 रुपये, ग्रेड वन का भाव 403 रुपये और बोल्ड किस्म की
कालीमिर्च का भाव 428 रुपये प्रति किलो रहा।
निर्यात में आई कमी
भारतीय
मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही अप्रैल से
सितंबर के दौरान कालीमिर्च के निर्यात में 20 फीसदी की गिरावट आकर कुल
निर्यात 7,800 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि
में इसका निर्यात 9,750 टन का हुआ था। विश्व बाजार में भारतीय कालीमिर्च
का भाव घटकर 4.08 डॉलर प्रति किलो रह गया है जबकि पिछले साल की समान अवधि
में इसका भाव 6.28 डॉलर प्रति किलो था।
उत्पादन बढ़ने का अनुमान
कृषि
मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में कालमिर्च
का उत्पादन बढ़कर 73,000 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन
72,000 टन का हुआ था। ...... आर एस राणा
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