आर एस राणा
नई
दिल्ली। फुटकर में भले ही प्याज 25 से 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है
लेकिन किसानों को इसका दाम मुश्किल से 3 से 9 रुपये प्रति किलो ही मिल पा
रहा है। प्याज की कीमतें उत्पादक राज्यों की मंडियों में घटकर 300 से 1,000
रुपये प्रति क्विंटल रह गई है, जबकि दैनिक आवक लगातार बढ़ रही है। ऐसे में
माना जा रहा है कि आगामी दिनों में इसकी कीमतों में और मंदा आयेगा, जिससे
प्याज किसानों की मुश्किल बढ़ सकती है।
केंद्र सरकार ने फरवरी के
आरंभ में प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को पूरी तरह से समाप्त
कर दिया था, इसके बावजूद भी प्याज की कीमतों में लगातार गिरावट बनी हुई है।
प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की अहमदगनर मंडी में प्याज के भाव 300 से
900 रुपये, धुलिया मंडी में 400 से 750 रुपये और लासलगांव मंडी में 400 से
865 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उधर गुजरात की मंडियों में भी इसके भाव
घटकर 400 से 890 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं।
भाव में 25 फीसदी का आ चुका है मंदा
गुजरात
ओनियन कंपनी के प्रबंधक योगेश अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली की आजादपुर मंडी
में शुक्रवार को प्याज का भाव घटकर 700 से 1,375 रुपये प्रति क्विंटल रह
गया जबकि दैनिक आवक करीब 10 हजार क्विंटल की हुई। प्याज की कीमतों मेें
महीनेभर मेंं करीब 25 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। उन्होने बताया कि
महाराष्ट्र और गुजरात की मंडियों में आवक लगातार बढ़ रही है तथा चालू सीजन
में उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान है इसलिए आगे इनकी कीमतों में और मंदा
आने का अनुमान है। राजस्थान में भी प्याज की आवक आगामी दिनों में बढ़ेगी।
आयात में आई कमी
राष्ट्रीय
बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) के अनुसार चालू वित्त
वर्ष 2017—18 के अप्रैल से दिसंबर के दौरान प्याज का निर्यात घटकर 19.22
लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016—17 की समान अवधि में इसका
निर्यात 23.99 लाख टन का हुआ था। वित्त वर्ष 2016—17 में प्याज का कुल
निर्यात 34.92 लाख टन का हुआ था। ................ आर एस राणा
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