आर एस राणा
नई
दिल्ली। मध्य प्रदेश में भावांतर भुगतान योजना को किसानों के लिए वरदान
मानने वाले राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उल्ट राज्य के कृषि
मंत्री का मानना है कि भावांतर भुगतान योजना किसानों के लिए घाटे का सौदा
साबित हो रही है। राज्य के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने माना है कि
भावांतर योजना के माध्यम से मॉडल भाव से नीचे भाव पर फसल बेचने वाले
किसानों को नुकसान हुआ है।
उन्होंने माना कि जिन किसानों को
अपनी फसल मॉडल दाम से नीचे भाव पर मंडियों में बेचनी पड़ी थी, उन किसानों
को ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है। राज्य के कृषि मंत्री ने माना कि भावांतर
भुगतान योजना के बजाए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद होने से
किसानों को फायदा होगा। मंत्री के अनुसार राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से
अनुरोध किया है कि केंद्रीय एजेंसी 25 फीसदी से ज्यादा मात्रा में खरीद
करे। उन्होंने कहां कि एमएसपी पर खरीद होने से राज्य सरकार पर आर्थिक बोझ
भी कम पड़ता है क्योंकि एमएसपी पर खरीद करने की भरपाई केंद्र सरकार करती
है।
मंदसौर में किसान आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने भावांतर
भुगतान योजना को लागू किया था, लेकिन शुरूआत से ही इसके तहत होने वाली खरीद
में कई तरह के गड़बड़िया सामने आई। विपक्ष भी भावांतर भुगतान योजना को
किसानों के लिए नुकसानदायक और व्यापारियों के लिए फायदेमंद बताता रहा लेकिन
राज्य सरकार इस पर अडिग रही तथा मुख्यमंत्री लगातार भावांतर भुगतान योजना
का गुणगान करते रहे।
केंद्र सरकार से अनुमति नहीं मिलने के बाद
राज्य सरकार ने चालू रबी में चना, सरसों और मसूर को भावांतर भुगतान योजना
से बाहर कर एमएसपी पर खरीद करने का निर्णय लिया है।............ आर एस राणा
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