आर एस राणा
नई
दिल्ली। रबी तिलहनों की नई फसलों की आवक बनने की संभावना से फरवरी में
खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में कमी आई है। फरवरी में खाद्य तेलों के
साथ ही अखाद्य तेलों के आयात में 9 फीसदी की गिरावट आकर कुल आयात 11,57,044
टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल फरवरी महीने में इनका आयात 12,70,443 टन
का हुआ था।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया (एसईए)
के अनुसार चालू तेल वर्ष नवंबर-17 से अकटूबर-18 के पहले चार महीनों नवंबर
से फरवरी के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 2 फीसदी की बढ़ोतरी
होकर कुल आयात 47,85,778 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि
में इनका आयात 46,84,451 टन का हुआ था।
आयात शुल्क में बढ़ोतरी
केंद्र
सरकार ने पहली मार्च 2018 को आयातित खाद्य तेलों के आयात शुल्क में
बढ़ोतरी की थी। क्रुड पॉम तेल के आयात पर शुल्क को 30 फीसदी से बढ़ाकर 44
फीसदी और रिफाइंड पॉम तेल के आयात पर शुल्क को 40 फीसदी से बढ़ाकर 54 फीसदी
कर दिया था।
आयातित खाद्य तेलों के भाव हुए तेज
आयातित
खाद्य तेलों की कीमतों में फरवरी महीने में जनवरी की तुलना में बढ़ोतरी
हुई है। भारतीय बंदरगाह पर आरबीडी पामोलीन का औसत भाव फरवरी में बढ़कर 677
डॉलर प्रति टन हो गया जबकि जनवरी में इसका औसत भाव 669 डॉलर प्रति टन था।
इसी दौरान क्रुड पाम तेल का औसत भाव जनवरी के 669 डॉलर से बढ़कर 675 डॉलर
प्रति टन हो गया।............... आर एस राणा
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