आर एस राणा
नई
दिल्ली। किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही
मोदी सरकार कृषि बाजार में बढ़े बदलाव की तैयारी कर रही है। इस दिशा में
मंडियों में कामकाज के साथ ही ट्रेड पॉलिसी में भी सरकार सुधार करना चाहती
है। केंद्र सरकार ने कृषि निर्यात नीति का जो मसौदा तैयार किया है उसके
अनुसार 2022 तक एग्री उत्पादों के निर्यात को बढ़ाकर 6,000 करोड़ डॉलर करने
का लक्ष्य है।
मसौदा के अनुसार कृषि उत्पाद विपणन समिति
(एपीएमसी) कानून में सुधार, पूरे देश में एक समान मंडी फीस लगे, लैंड लीज
के निमयों में बदलाव हो और ट्रेड पॉलिसी में बार-बार बदलाव नहीं किया जाये।
इसके साथ ही पट्टे पर जमीन देने के नियम भी उदार बनाए जाने की जरूरत है।
मसौदा नीति किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर बनाई गई है, जिससे
कि कृषि निर्यात मौजूदा 3,000 करोड़ डॉलर से बढ़ाकर 2022 तक 6,000 करोड़
डॉलर किया जा सके।
कृषि राज्यों का विषय है इसलिए नई मसौदा नीति
में राज्यों की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही बुनियादी ढांचे
और लॉजिस्टिक्स में सुधार लाने पर जोर दिया गया है। इसके अनुसार नए
उत्पादोंं के विकास में शोध एवं विकास गतिविधियों को प्रोत्साहन देने पर भी
बल दिया गया है।
नई मसौदा नीति का मकसद साफ है कि महंगी और
मूल्यवर्धित कृषि उत्पादों को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही जल्दी खराब होने
वाले एग्री उत्पादों, पर नजर रखने के लिए संस्थात्मक व्यवस्था और साफ सफाई
के मसले पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया गया है। मसौदे मेंं वैश्विक
कृषि निर्यात में भारत की भागीदारी बढ़ाने और 10 बड़े निर्यातक देशों मेंं
शामिल होने का लक्ष्य रखा गया है।
मसौदे में यह भी कहा गया है कि
कुछ जिंसों के उत्पादन व घरेलू बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव को
प्रभावित करने वाले कारकों की पहचान करने के साथ ही महंगाई पर लगाम लगाने
के लिए कम अवधि के लक्ष्योंं को तय किया जाए। किसानों को उनकी फसलों का
न्यनूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मुहैया कराने और घरेलू उद्योग को संरक्षण
देने की बात की गई है।
देश से इस समय चावल और मसालों का बड़े
पैमाने पर निर्यात होता है, इसके अलावा गेहूं और दलहन के निर्यात की भी
अच्छी संभावना है। प्याज के साथ ही आलू और टमाटर तथा फलों में अंगूर, आम,
केला व लीची आदि के निर्यात में बढ़ोतरी की अपार संभावना है।...... आर एस राणा
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