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09 मार्च 2018

चीनी पर आयात शुल्क को शून्य कर सकती है केंद्र सरकार

आर एस राणा
नई दिल्ली। चीनी मिलों पर किसानों की बढ़ती बकाया राशि से परेशान केंद्र सरकार ​निर्यात शुल्क को 20 फीसदी से घटाकर शून्य कर सकती है। ​चालू पेराई ​सीजन में चीनी का रिकार्ड उत्पादन 295 लाख टन होने का अनुमान है जोकि सालाना खपत 250 लाख टन से की तुलना में 45 लाख टन ज्यादा है। बंपर उत्पादन के कारण घरेलू बाजार में चीनी की कीमतें काफी नीचे बनी हुई हैं।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चीनी के निर्यात शुल्क को 20 फीसदी से घटाकर शून्य करने की योजना है। इसके साथ ही कुछ अन्य उपाय भी किए जा सकते हैं, ताकि घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में सुधार आ सके और चीनी के बकाया भुगतान में तेजी आ सके। सूत्रों के अनुसार चीनी मिलों पर किसानों का बकाया राशि बढ़कर करीब 14 हजार करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है।
चीनी के भाव लागत से नीचे
प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 3,200 से 3,325 रुपये और महाराष्ट्र में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 3,000 से 3,075 रुपये प्रति क्विंटल तथा कर्नाटका में इसके भाव 2,925 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चीनी मिलों की औसतन लागत 3,500 रुपये प्रति क्विंटल आ रही है।
रिकार्ड उत्पादन का अनुमान
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन 2017-18 में चीनी का रिकार्ड उत्पादन 295 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल उत्पादन 203 लाख टन का हुआ था। देश में चीनी की सालाना खपत 245 से 250 लाख टन होने का अनुमान है।
निर्यात शुल्क शून्य करने के बाद निर्यात पड़ते नहीं


चीनी कारोबारी सुधीर भालोठिया ने बताया कि​ विश्व बाजार में सफेद चीनी के भाव 440 से 445 डॉलर प्रति टन है, ऐसे में चीनी के निर्यात शुल्क को शून्य कर देने से भी निर्यात संभव नहीं हो पायेगा। उन्होंने कहां कि घरेलू बाजार में चीनी का उपलब्धता ज्यादा है, ऐसे में जब तक एक कोटा तय करके और निर्यात पर इनसेंटिव नहीं दिया जायेगा, तब तक घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में सुधार की संभावना नहीं है। .............   आर एस राणा

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