आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार की सख्ती से दालों के आयात में तो कमी आई है लेकिन
उत्पादक मंडियोंं मेंं दालें के भाव में सुधार नहीं आने से किसानों को भारी
घाटा उठाना पड़ रहा है। उत्पादक मंडियों में दालों के भाव न्यूनतम समर्थन
मूल्य (एमएसपी) से 1,000 से 1,600 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे बने हुए हैं
जबकि जनवरी में दलहन आयात में 63 फीसदी की कमी आई है।
कृषि
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जनवरी में दालों का आयात घटकर 2.5
लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल जनवरी में इनका आयात 6.79 लाख टन का
हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले 11 महीनों अप्रैल से जनवरी के
दौरान दलहन का आयात 53.30 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की
समान अवधि में इनका आयात 54.20 लाख टन का हुआ था।
नाममात्र की हो रही है खरीद
केंद्र
सरकार एमएसपी पर दलहन की खरीद तो कर रही है, लेकिन उत्पादन के मुकाबले
खरीद नाममात्र की ही हो रही है जिससे भाव सुधर नहीं पा रहे हैं। नेफैड ने
खरीफ सीजन में एमएसपी पर उत्पादक राज्यों से 5,45,021 टन अरहर खरीदी है
जबकि चालू रबी में अभी तक केवल 52,895 टन चना की खरीद ही एमएसपी पर हुई है।
मंडियों में दलहन के भाव एमएसपी से नीचे
महाराष्ट्र
की उत्पादक मंडियों में अरहर 3,800 से 4,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से
बिक रही है जबकि केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए
अरहर का एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) तय किया हुआ है। चना
का एमएसपी चालू रबी के लिए केंद्र सरकार ने 4,400 रुपये प्रति क्विंटल
(बोनस सहित) तय किया हुआ है जबकि उत्पादक मंडियों में चना का भाव घटकर
3,200 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। यही हाल, उड़द, मूसर और
मूंग का भी है।
सरकार की आयात पर सख्ती
केंद्र सरकार
ने चना पर आयात शुल्क 60 फीसदी, मसूर पर आयात शुल्क 40 फीसदी और मटर पर 50
फीसदी का आयात शुल्क लगाया हुआ है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए
अरहर के आयात की सीमा 2 लाख टन और मूंग तथा उड़द के आयात की 3 लाख टन की
सीमा तय की हुई है।
रिकार्ड उत्पादन का अनुमान
कृषि
मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू फसल सीजन 2016-17 में दलहन
का रिकार्ड 239.5 लाख टन का उत्पादन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल
इनका उत्पादन 231.3 लाख टन का हुआ था। मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में चना
की रिकार्ड पैदावार 111 लाख टन होने का अनुमान है।...... आर एस राणा
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