आर एस राणा
नई
दिल्ली। घरेलू बाजार में काबूली चना की कीमतों में चल रही गिरावट को रोकने
के लिए केंद्र सरकार ने इसके आयात पर शुल्क को 40 फीसदी से बढ़ाकर 60
फीसदी कर दिया है। आयात शुल्क में बढ़ोतरी कर देने से इसके आयात पड़ते नहीं
लगेंगे, जिससे घरेलू बाजार में काबुली चना के भाव में चल रहा मंदा रुकने
की उम्मीद है।
काबुली चना का देश से बड़े पैमाने पर निर्यात होता
है लेकिन पिछले कुछ दिनों से अमेरिका, रुस और अन्य देशों से इसके आयात में
बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार ने आयात रोकने के लिए आयात पर 40 फीसदी का
आयात शुल्क लगाया था लेकिन आयातित काबुली चना की कीमतों में भी गिरावट आने
से आयात बंद नहीं हो पाया। फरवरी महीने में अमेरिका से आयात काबुली चना का
भाव 1,600 डॉलर प्रति टन मुंबई पहुंच थे जोकि चालू सप्ताह में घटकर 1,100
डॉलर प्रति टन रह गये थे।
प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश,
आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में काबुली चना की नई फसल की आवक चल
रही है तथा पिछले महीने भर में ही उत्पादक मंडियों में इसके भाव में करीब
1,000 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ चुकी है। इंदौर मंडी में
बुधवार को काबुली चना के भाव 5,500 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
दिल्ली में बढ़िया क्वालिटी के काबुली चना के भाव 7,000 से 7,500 रुपये
प्रति क्विंटल बोले गए। काबुली चना के कुल उत्पादन का 70 फीसदी मध्य प्रदेश
में होता है।....... आर एस राणा
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