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31 अगस्त 2017

1 सितम्बर 2017 का मॉनसून पूर्वानुमान

मॉनसून की अक्षीय रेखा गुजरात पर बने गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र से गांधीनगर, रतलाम, दमोह, रायपुर और पुरी होते हुए बंगाल की खाड़ी तक पहुँच रही है।
गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र इस समय गुजरात के कच्छ और इससे सटे दक्षिणी पाकिस्तान तथा उत्तर-पूर्वी अरब सागर में बना हुआ है।
पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ अब कमजोर हो गई है और इस समय दक्षिणी कोंकण से केरल सक्रिय है।
जम्मू कश्मीर और इससे सटे भागों पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है।
पिछले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का सबसे अधिक प्रभाव गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में रहा। इन भागों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई। एक-दो स्थानों पर मूसलाधार बौछारें रिकॉर्ड की गई हैं।
कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के तटवर्ती भागों और ओड़ीशा में भी दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य रूप से सक्रिय रहा और कई जगहों पर हल्की वर्षा देखने को मिली। इन भागों में कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश भी हुई है।
पूर्वोत्तर राज्यों, उत्तर प्रदेश के मध्य क्षेत्रों, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में भी सामान्य मॉनसून के बीच कई स्थानों पर हल्की बारिश और एक-दो स्थानों पर मध्यम वर्षा की गई।
देश के शेष भागों में मॉनसून का सुस्त प्रदर्शन देखने को मिला।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून गुजरात और महाराष्ट्र में कमजोर हो जाएगा। हालांकि कच्छ क्षेत्र में मध्यम मॉनसूनी बौछारें अगले 24 घंटों तक जारी रह सकती हैं।
दिल्ली, हरियाणा के कुछ भागों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंतरिक ओड़ीशा, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, असम और तटीय कर्नाटक में भी मॉनसून सक्रिय रहेगा। इन भागों में हल्की से मध्यम बारिश और एक-दो स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है।
झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, आंतरिक तमिलनाडु, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, गुजरात के बाकी हिस्सों, उत्तरी राजस्थान और कोंकण गोवा में सामान्य मॉनसून के बीच कुछ स्थानों पर हल्की बौछारें गिरने की संभावना है।
देश के बाकी हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून कमजोर रहेगा और बारिश में कमी बनी रहेगी।.....www.skymet.com

उत्तर प्रदेश में जल्दी शुरू होगी गन्ने की पेराई

चीनी की ऊंची कीमतों को देखते हुए उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें इस साल गन्ने की पेराई जल्द शुरू कर सकती हैं। सामान्यत: मिलें नवंबर मध्य से गन्ने की पेराई शुरू करती हैं लेकिन इस साल पेराई का काम अक्टूबर से ही शुरू हो सकता है। पेराई जल्द शुरू होने से देश में चीनी की सप्लाई बढ़ेगी और कीमतों में कमी आएगी। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरे साल गन्ने की बंपर फसल देखने को मिली है।

धनिया, लालमिर्च और हल्दी का उत्पादन ज्यादा, जीरा का कम

आर एस राणा
नई दिल्ली। फसल सीजन 2016-17 में जहां धनिया के साथ ही लालमिर्च और हल्दी की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है, वहीं जीरा के उत्पादन में कमी आने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में जीरा का उत्पादन घटकर 4.89 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 2015-16 में इसका उत्पादन 5.03 लाख टन का हुआ था।
तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में हल्दी का उत्पादन बढ़कर 11.32 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 2015-16 में हल्दी का उत्पादन 9.43 लाख टन का ही हुआ था। इसी तरह से फसल सीजन 2016-17 में धनिया का उत्पादन बढ़कर 9 लाख टन होने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2015-16 में इसका उत्पादन 5.85 लाख टन का ही हुआ था। लालमिर्च का उत्पादन तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार 21.26 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन केवल 15.20 लाख टन का ही हुआ था।
फसल सीजन 2016-17 के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार अजवायन का उत्पादन बढ़कर 26,000 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 16 हजार टन का ही हुआ था। इलायची का उत्पादन पिछले साल के 24 हजार टन से बढ़कर 28 हजार टन होने का अनुमान है। इसी तरह से कालीमिर्च का उत्पादन भी पिछले साल के 55 हजार टन से बढ़कर 72 हजार टन होने का अनुमान है।
मंत्रालय द्वारा जारी तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार इमली का उत्पादन पिछले साल के 1.94 लाख टन से घटकर 1.91 लाख टन ही होने का अनुमान है। जायफल का उत्पादन फसल सीजन 2016-17 में 15 हजार टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 14 हजार का ही हुआ था। अदरक का उत्पादन पिछले साल के 11.09 लाख टन से घटकर फसल सीजन 2016-17 में 10.76 लाख टन ही होने का अनुमान है।
लहसुन का उत्पादन फसल सीजन 2015-16 के 16.17 लाख टन से बढ़कर 16.97 लाख टन होने का अनुमान है जबकि सौंफ का उत्पादन पिछले साल के 1.29 लाख टन से बढ़कर 1.53 लाख टन होने का अनुमान है। मैथी का उत्पादन भी पिछले साल के 2.47 लाख टन से बढ़कर फसल सीजन 2016-17 के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार 2.56 लाख टन होने का अनुमान है।.................   आर एस राणा

सोने के साथ कच्चे तेल में भी दबाव

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने में मुनाफावसूली का दबाव दिखा है और सोने की कीमतों में हल्की कमजोरी देखने को मिल रही है। दरअसल अमेरिका में जीडीपी ग्रोथ और प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों के आंकड़े अनुमान से बेहतर रहे हैं। सोने के साथ कच्चे तेल में भी दबाव नजर आ रहा है। अमेरिका में भंडार घटने के बावजूद कच्चे तेल में दबाव नजर आया है। अमेरिका में लगातार नौंवे हफ्ते भंडार में कमी आई है।  बेस मेटल की बात करें तो कॉपर में 3 महीने की ऊंचाई पर मुनाफावसूली नजर आई। आयरन ओर की कीमतें दो हफ्ते के निचले स्तर पर फिसल गई हैं।

30 अगस्त 2017

ओएमएसएस के तहत 11.11 लाख टन गेहूं की निविदा

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 11.11 लाख टन गेहूं की निविदा आमंत्रित की है। गेहूं की निविदा के लिए न्यूनतम भाव उत्पादक राज्यों में 1,790 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। उत्पादक राज्यों में गेहूं के भाव एफसीआई के बिक्री भाव से कम होने के कारण फ्लोर मिलें एफसीआई से खरीद नहीं कर रही हैं।
सूत्रों के अनुसार एफसीआई ने ओएमएसएस के सबसे ज्यादा गेहूं बेचने के लिए पंजाब से 3,66,750 टन की निविदा आमंत्रित की है, इसके अलावा महाराष्ट्र से 2.96 लाख टन, हरियाणा से 1,28,450 टन, पश्चिमी बंगाल से 60 हजार टन, उड़ीसा से 50 हजार टन, मध्य प्रदेश से 47,550 टन, तमिलनाडु से 29 हजार टन, कर्नाटका से 20,100 टन, राजस्थान से 20 हजार टन, केरल से 15,500 टन, गुजरात से 16,000 टन, दिल्ली से 16,000 टन, असम से 7,000 टन, उत्तराखंड से 6,200 टन, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर से क्रमश 6,000-6,000 टन, तथा उत्तर प्रदेश से 5,000 टन, छत्तीसगढ़ से 4,500 टन, पांडीचेरी से 3,000 टन, बिहार से 2,000 टन, आंधप्रदेश से 2,000 टन, हिमाचल प्रदेश से 1,500 टन, गोवा से 1,500 टन तथा झारखंड से 1,000 टन गेहूं की निविदा मांगी है। ...............    आर एस राणा

बीते 24 घंटों के दौरान मॉनसून का प्रदर्शन

पिछले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का सबसे व्यापक प्रदर्शन मुंबई सहित महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कर्नाटक और तटीय आंध्र प्रदेश में देखने को मिला। इन भागों में भारी से अति भारी वर्षा दर्ज की गई है।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, विदर्भ, तेलंगाना और असम के कुछ हिस्सों तथा गंगीय पश्चिम बंगाल में भी सक्रिय रहा और कई जगहों पर मध्यम वर्षा के साथ एक-दो जगह भारी वर्षा हुई।
बिहार, पूर्वोत्तर भारत के शेष भागों, तमिलनाडु के बाकी हिस्सों, केरल, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सामान्य मॉनसून के चलते हल्की से मध्यम बौछारें दर्ज की गईं।
मुंबई में पिछले 12 वर्षों का रिकॉर्ड टूटा और मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान 331 मिलीमीटर की भीषण बारिश हुई। इसके अलावा माथेरान में 185 मिमी, दीव में 141 मिमी, खंडवा में 137 और महाबलेश्वर में 108 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून सामान्य या कमजोर रहा।
अगले 24 घंटों के दौरान मुंबई सहित महाराष्ट्र के तटीय भागों में मॉनसून कमजोर होगा। इन भागों में बारिश में कमी आने की संभावना है।
मॉनसून का व्यापक प्रदर्शन गुजरात में देखने को मिल सकता है। राज्य के कई भागों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर भीषण मॉनसून वर्षा भी संभव है।
कोंकण गोवा, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, ओड़ीशा के आंतरिक हिस्सों, विदर्भ और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में भी मॉनसून सक्रिय बना रह सकता है। इन भागों में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं।
नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, गंगीय पश्चिम बंगाल, दक्षिणी जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और तेलंगाना में सामान्य मॉनसून के बीच कुछ स्थानों पर हल्की जबकि एक-दो जगह मध्यम बौछारें गिरने का अनुमान है।
देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून कमजोर बना रहेगा।

मूंगफली के साथ ही शीसम सीड का निर्यात घटा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान मूल्य के हिसाब से मूंगफली दाने के साथ ही शीसम सीड के निर्यात में क्रमश 42.40 फीसदी व 19.37 फीसदी की कमी आई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार अप्रैल से जुलाई के दौरान मूगंफली दाने का निर्यात घटकर मूल्य के हिसाब से 966.68 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका निर्यात 1,678.40 करोड़ रुपये का हुआ था।
इसी तरह से शीसम सीड का निर्यात अप्रैल से जुलाई के दौरान मूल्य के हिसाब से घटकर केवल 824.42 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 1,022.49 करोड़ रुपये का हुआ था।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में मूंगफली के साथ ही शीसम सीड की बुवाई में भी कम आई है, इसके बावजूद भी घरेलू बाजार में इनकी कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। मंत्रालय के अनुसार मूंगफली की बुवाई चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 38.80 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 43.76 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। शीसम सीड की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 13.33 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 13.76 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।.................   आर एस राणा

31 अगस्त 2017 का मौसम पूर्वानुमान

गुजरात के मध्य भागों पर एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इस जगह एक चक्रवाती सिस्टम भी विकसित हुआ है, जो जल्द ही और सशक्त होते हुए डिप्रेशन का रूप ले सकता है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र से इंदौर, सिवनी, रायपुर और गोपालपुर होते हुए बंगाल की खाड़ी तक पहुँच रही है।
उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे जम्मू कश्मीर के हिस्सों पर एक नया पश्चिमी विक्षोभ दिखाई दे रहा है।
पश्चिमी तटों पर महाराष्ट्र से उत्तरी केरल तक ट्रफ रेखा बनी हुई है।
बीते 24 घंटों के दौरान मुंबई सहित कोंकण गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कर्नाटक और तटीय आंध्र प्रदेश में भारी से अति भारी वर्षा दर्ज की गई है।
पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, विदर्भ, तेलंगाना और असम के कुछ हिस्सों तथा गंगीय पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर मध्यम वर्षा के साथ एक-दो जगह भारी बारिश देखने को मिली।
बिहार, पूर्वोत्तर भारत के शेष भागों, तमिलनाडु के बाकी हिस्सों, केरल, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बौछारें दर्ज की गईं।
देश के बाकी हिस्सों में मौसम सामान्य या निष्क्रिय रहा और विशेष बारिश नहीं हुई।
अगले 24 घंटों के दौरान मुंबई सहित महाराष्ट्र के तटीय भागों में मौसम कमजोर होगा जिससे इन भागों में बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी।
बारिश का सबसे अधिक ज़ोर गुजरात पर रहेगा। गुजरात के कई इलाकों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर मूसलाधार वर्षा भी हो सकती है।
कोंकण गोवा, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश के अधिकतर हिस्सों, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, ओड़ीशा के आंतरिक हिस्सों, विदर्भ और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, गंगीय पश्चिम बंगाल, दक्षिणी जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर हल्की तथा एक-दो जगह मध्यम बौछारें गिर सकती हैं।
देश के बाकी हिस्सों में मौसमी हलचल कम रहेगी।.........www.skymet.com

सोने की कीमतों में निचले स्तर से सुधार

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में निचले स्तर से सुधार आया है। डॉलर में फिर कमजोरी बनने से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा था। उत्तर कोरिया के मिसाइल लॉन्च के बाद कल सोने में अच्छी तेजी देखने को मिली थी और कॉमैक्स पर इसका दाम 9 महीने के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि, जियो पॉलिटिकल टेंशन कम होने से फिलहाल कीमतें उस स्तर से करीब 1 फीसदी नीचे हैं। अमेरिका में बाढ़ के कारण रिफाइनरी बंद होने से कच्चे तेल पर दबाव है। ब्रेंट और नायमैक्स क्रूड में करीब 0.25 फीसदी की कमजोरी है। बेस मेटल्स में भी ऊपरी स्तर से दबाव देखा जा रहा है। कॉपर अभी भी 3 साल के ऊपरी स्तर पर बना हुआ है। शंघाई एक्सचेंज में निकेल में करीब 1 फीसदी की कमजोरी है जबकि जिंक 0.5 फीससदी गिरा है। चीन की मांग में मजबूती बने रहने की संभावना से मेटल्स के फंडामेंटल्स मजबूत हैं।

29 अगस्त 2017

राजस्थान में ग्वार सीड की बुवाई लक्ष्य से कम होने की आशंका, बारिश से मंदे के आसार

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में ग्वार सीड की बुवाई तय लक्ष्य से कम होने की आशंका है। राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार राज्य में 18 अगस्त तक 28.44 लाख हैक्टेयर में ही ग्वार सीड की बुवाई हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 28.38 लाख हैक्टेयर में हुई थी। राज्य के कृषि निदेशालय ने बुवाई का लक्ष्य 38 लाख हैक्टेयर तय किया है जबकि पिछले साल 35.30 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। जानकारों के अनुसार चालू खरीफ में राजस्थान में ग्वार सीड की बुवाई पिछले साल से भी कम होने की आशंका है।
ग्वार सीड के प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के उत्पादाक क्षेत्रों में पिछले दो दिनों से कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हुई है, जबकि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटे में इन राज्यों में अच्छी बारिश होने की भविष्यवाणी की है। अतः अच्छी बारिश हुई तो फसल को फायदा होगा, जिससे ग्वार सीड और ग्वार गम की मौजूदा कीमतों में और मंदा आने का अनुमान है। ...........आर एस राणा

अखिरी दौर में मॉनसून ने पकड़ा जोर

मॉनसून अपने आखिरी दौर में खासा जोर पकड़ता दिख रहा है। देश के कई हिस्सों में भारी बारिश जारी है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। आईएमडी ने गुजरात में अगले दो दिन तक भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है।
इसके अलावा मौसम विभाग ने अगले 5 दिनों में मध्यप्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, पूर्वी राजस्थान, पश्चिम बंगाल के साथ उत्तर पूर्वी व दक्षिणी भारत में भारी बारिश की संभावना जताई है। इस हफ्ते दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, हरयाणा इलाको में भी भारी वर्षा का अनुमान है। बता दें कि गुजरात में अभी तक बारिश सामान्य से 25 फीसदी ज्यादा रही है।

सोना 11 महीने के ऊपरी स्तर के करीब

उत्तर कोरिया के जापान के ऊपर मिसाइल लॉन्च के बाद कमोडिटी बाजार में अच्छी तेजी देखी जा रही है। सोना बढ़कर 11 महीने के ऊपरी स्तर के करीब पहुच गया है। कॉमेक्स पर सोना 0.5 फीसदी की बढ़त के साथ 1315 डॉलर के ऊपर कारोबार कर रहा है। कच्चे तेल में भी तेजी लौटी है। ब्रेंट में करीब 0.5 फीसदी की तेजी देखी जा रही है और ये 52 डॉलर के ऊपर कारोबार कर रहा है। उत्तर कोरिया की कारर्वाई के अलावा रिग काउंट घटने से भी कच्चे तेल को सपोर्ट मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कॉपर के दाम 3 साल के ऊपरी स्तर पर पहुंच गए हैं। लंदन मेटल एक्सचेंज में स्टॉक घटने से कॉपर की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। निकेल में भी अच्छी तेजी देखी जा रही है। स्टील की मांग बढ़ने से निकेल की कीमतों को बल मिल रहा है।

28 अगस्त 2017

प्याज की एमईपी बढ़ाने पर फैसला जल्द

प्याज की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार जल्द ही प्याज की एमईपी यानि मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस बढ़ानें का निर्णय ले सकती है। सूत्रों के मुताबिक इस पर इसी हफ्ते नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। कार्मस मंत्रालय को इस बाबत प्रस्ताव भेज दिया गया है जिसके तहत प्याज़ का मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइज़ 450 डॉलर प्रति टन होगी। कंज्यूमर ऑफेयर मंत्रालय ने पिछले हफ्ते ही ये प्रस्ताव भेजा था।

आयातित चना की कीमतों में और तेजी

आर एस राणा
नई दिल्ली। आस्ट्रेलिया से आयातित चना की कीमतों में 10 डॉलर की तेजी आकर सितंबर शिपमेंट के भाव 848 डॉलर प्रति टन हो गए। अक्टूबर-नवंबर की शिपमेंट के भाव बढ़कर 800 डॉलर और दिसंबर शिपमेंट के भाव 790 डॉलर प्रति टन बोले गए।
आस्ट्रेलिया में मौसम प्रतिकूल होने के कारण चना के साथ ही मसूर उत्पादन में कमी आने की आशंका है। आयातकों का मानना है कि चना की पैदावार में आस्ट्रेलिया में 20 से 25 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है इसीलिए अगाउ सौदे उंचे भाव के हो रहे हैं।
दिल्ली की लारेंस रोड़ मंडी में चना के भाव बढ़कर सोमवार को 6,200 से 6,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए तथा स्टॉकिस्टों का मानना है कि दीपावली तक चना के भाव बढ़कर 7,000 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेंगे। उत्पादक राज्यों राजस्थान और मध्य प्रदेश में चना का स्टॉक ज्यादा है तथा आगे उत्पादक राज्यों में एक-दो मानसूनी बारिश अच्छी हुई तो फिर रबी में बुवाई बढ़ सकती है ऐसे चना के भाव 6,500 रुपये प्रति क्विंटल बनने पर स्टॉक निकालना चाहिए।
आस्ट्रेलिया से सितंबर डिलीवरी मसूर के भाव भी बढ़कर 580 से 605 डॉलर प्रति टन क्वालिटीनुसार बोले गए, जबकि नवंबर-दिसंबर शिपमेंट के भाव 570 डॉलर प्रति टन बोले जा रहे हैं। ...............   आर एस राणा

सोने को सपोर्ट, एक हफ्ते के ऊपरी स्तर पर

जेक्शन हॉल में जेनेट येलेन के भाषण के बाद सोने एक हफ्ते के ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। येलेन ने अपने भाषण में मॉनिटरी पॉलिसी का कोई जिक्र नहीं किया जिससे सोने को सपोर्ट मिल रहा है। मेटल्स की बात करें तो मुनाफावसूली के कारण शंघाई में मेटल्स पर दबाव देखा जा रहा है। एल्युमीनियम, निकेल और जिंक में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट है लेकिन कॉपर में हल्की बढ़त देखी जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में मिलाजुला कारोबार देखने को मिल रहा है। ब्रेंट में 0.25 फीसदी से ज्यादा की तेजी है लेकिन नायमेक्स पर कच्चे तेल में कमजोरी देखी जा रही है। हालांकि, अमेरिका और लीबिया में सप्लाई कम होने से कीमतों को थोड़ा सपोर्ट मिल रहा है। हार्वे तूफान के कारण अमेरिका में सप्लाई पर असर पड़ा है जबकि लीबिया में दो ऑयल फील्ड से सप्लाई बंद हो गई है।

26 अगस्त 2017

27 अगस्त 2017 का मौसम पूर्वानुमान

एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू और कश्मीर और उत्तरी पाकिस्तान पर है।
छत्तीसगढ़ और आस-पास के इलाकों में एक चक्रवात सिस्टम बना हुआ है।
मानसून की अक्षीय रेखा राजस्थान के उत्तर, दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और फिर पूर्वी बंगाल की खाड़ी की ओर से गुजर रही है।
एक और चक्रवात सिस्टम पश्चिमी पंजाब और आस-पास के क्षेत्रों में देखा जाता है।
उत्तरपूर्व असम में भी एक चक्रवती सिस्टम देखा जा सकता है।
विदर्भ, वेस्ट कोस्ट, उत्तरी तेलंगाना और दक्षिण मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हुई है।जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर मध्य प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, दक्षिण तेलंगाना, केरल, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा हल्की से मध्यम बारिश हुई।
पंजाब, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों के बाकी हिस्सों पर हल्की बारिशदेखी गाई।
जबकि, पश्चिमी राजस्थान और दक्षिण तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश देखी गई।
मुंबई, विदर्भ, तेलंगाना, दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और गुजरात के दक्षिण और पूर्वी हिस्सों सहित पश्चिम तट पर भारी बारिश होने की संभावना भारी है।
पूर्वी राजस्थान, गुजरात के मध्य भागों, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों के कई हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।जबकि पश्चिमी राजस्थान और दक्षिण तमिलनाडु में कुछ स्थानो पर हल्की बारिश हो सकती है।.....www.skymet.com

मक्का के साथ ज्वार की बुवाई घटी, बाजरा की बढ़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई में कमी आई है, जबकि बाजरा की बुवाई बढ़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में मक्का की बुवाई घटकर 77.99 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 82.91 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
उत्तर प्रदेश के साथ ही राजस्थान में मक्का की बुवाई घटी है जबकि मध्य प्रदेश में बढ़ी है। मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश में मक्का की बुवाई घटकर अभी तक 7.26 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 7.81 लाख हैक्टेयर में मक्का की बुवाई हुई थी। राजस्थान में मक्का की बुवाई घटकर 9.02 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 9.62 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
मध्य प्रदेश में चालू खरीफ में मक्का की बुवाई बढ़कर 13.17 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 12.63 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। अन्य राज्यों कर्नाटका में मक्का की बुवाई घटकर 10.14 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 12.50 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। महाराष्ट्र में मक्का की बुवाई चालू खरीफ में 9.01 लाख हैक्टेयर में, बिहार में 4.09 लाख हैक्टेयर में और तेलंगाना में 4.46 लाख हैक्टेयर में ही हुई है।
मक्का की नई फसल की आवक सितंबर में चालू हो जायेगी, इसलिए माल्ट कंपनियों के साथ ही स्टार्च मिलों की मांग कमजोर है। विश्व बाजार में मक्का के भाव नीचे होने के कारण हमारे यहां से निर्यात पड़ते नहीं लग रहे हैं इसलिए नई फसल की आवक बनने पर मक्का की कीमतों में नरमी आने का ही अनुमान है।
ज्वार की बुवाई चालू खरीफ में घटकर अभी तक 17.17 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 18.98 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
बजरा की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 71.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 67.69 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में बाजरा की बुवाई बढ़कर 43.66 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 37.62 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। उत्तर प्रदेश में बाजरा की बुवाई 8.94 लाख हैक्टेयर में, मध्य प्रदेश में 3.10 लाख हैक्टेयर में, महाराष्ट्र में 6.60 लाख हैक्टेयर में, कर्नाटका में 2.19 लाख हैक्टेयर में, हरियाणा में 4.29 लाख हैक्टेयर में और गुजरात में 1.77 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई है।..................   आर एस राणा

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाए

एग्री कमोडिटी दलहन, तिलहन, और मसालों के साथ ही गेहूं, मक्का, जौ, कपास, खल, बिनौला, ग्वार सीड, चीनी, और कपास आदि की कीमतों में कब आयेगी तेजी तथा आगे की रणनीति कैसे बनाये, भाव में कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे एग्री जिंसों के अलावा किराना में हल्दी, जीरा, धनिया, लालमिर्च, इलायची, कालीमिर्च आदि की जानकारी भी हिंदी में ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी।
............एक महीना रिपोर्ट लेने का चार्ज मात्र 1,000 रुपये, 6 महीने का 5,000 रुपये और एक साल का केवल 8,000 रुपये........
एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के लिए ----------------हमें ई-मेल करे या फिर फोन पर संपक करें।

आर एस राणा
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दक्षिण कोरिया से सोना इंपोर्ट पर रोक

सरकार ने दक्षिण कोरिया के रास्ते सोने के इम्पोर्ट पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। डीजीएफटी ने कल शाम इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब दक्षिण कोरिया से गोल्ड ज्वेलरी, सोने के सिक्के या सोने के बिस्कुट, किसी भी तरह से सोने का इम्पोर्ट नहीं हो सकेगा। पिछले डेढ़ महीने में इस रास्ते करीब 25 टन सोना इम्पोर्ट हुआ है।
दरअसल, भारत और दक्षिण कोरिया के बीच फ्री ट्रेड अग्रीमेंट है। और फ्री ट्रेड अग्रीमेंट का फायदा उठाकर कुछ बुलियन कारोबारी दक्षिण कोरिया से ड्यूटी फ्री सोना इम्पोर्ट कर रहे थे। इस ड्यूटी फ्री इम्पोर्ट से भारत सरकार को भारी नुकसान हो रहा था क्योंकि सोने के इम्पोर्ट पर भारत में 10 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी देनी होती है।

दक्षिण के साथ उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश सामान्य से कम

आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) भले ही चालू खरीफ में सामान्य मानसून का दावा कर रहा हो लेकिन दक्षिण भारत के साथ ही उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश सामान्य से कम होने के कारण सूखे जैसे हालत हैं। आईएमडी के अनुसार 24 अगस्त तक देशभर में बारिश सामान्य से 6 फीसदी कम हुई है, उत्तर-पश्चिमी भारत में 3 फीसदी, मध्य भारत में 9 फीसदी, और दक्षिण भारत में 12 फीसदी सामान्य से कम वर्षा हुई है जबकि पूर्व और उत्तर पूर्व में 1 फीसदी अधिक वर्षा हुई है।
आईएमडी के अनुसार चालू खरीफ में उत्तर प्रदेश में सामान्य से 26 फीसदी, हरियाणा में 28 फीसदी, दिल्ली में 41 फीसदी, पंजाब में 18 फीसदी और हिमाचल में सामान्य से 9 फीसदी कम बारिश हुई है। अतः आईएमडी के अनुसार उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में सूखे जैसे हालात हैं।
इसी तरह से मध्य प्रदेश में चालू खरीफ में सामान्य से 24 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 12 फीसदी, महाराष्ट्र में 9 फीसदी, कर्नाटका में 24 फीसदी और केरल में सामान्य के मुकाबले 25 फीसदी बारिश कम हुई है। उधर मणिपूर में सामान्य से 57 फीसदी और नागालैंड में 31 फीसदी कम बारिश हुई है।...........   आर एस राणा

मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार में बारिश

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक, रायलसीमा और दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश पर व्यापक रूप से सक्रिय रहा। सक्रिय मॉनसून की स्थिति दक्षिणी जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, आंतरिक ओड़ीशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों पर देखी गई। जबकि पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाडा, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों, तेलंगाना और तटीय ओड़ीशा पर मॉनसून का सामान्य प्रदर्शन देखने को मिला।
पिछले 24 घंटों में रायपुर में 74 मिमी बारिश दर्ज की गई, वहीं शीराली में 72 मिमी और महाबलेश्वर 64 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
24 अगस्त तक देश भर के बारिश के आंकड़े में 6% की कमी बन गई है। जहाँ तक क्षेत्रीय वितरण का संबंध है, उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य भारत और दक्षिण भारत में 3%, 9% और 12% की कमी है। जबकि पूर्व और उत्तर पूर्व भारत में 1% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गयी है।
वर्तमान में मानसून की अक्षीय रेखा नारनौल, ग्वालियर, वाराणसी, पुरुलिया, बालासोर से होते हुए उत्तरी तटीय ओड़ीशा की तरफ जा रही है।
अगले 24 घंटों के दौरान दक्षिणी जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंतरिक ओड़ीशा, विदर्भ, पश्चिमी असम, तेलंगाना के कुछ हिस्सों और तटीय कर्नाटक में मॉनसून सक्रिय रहेगा।
सामान्य मॉनसून की स्थिति पूर्वोत्तर राज्यो, दक्षिणी गुजरात, उत्तर प्रदेश के तराई वाले क्षेत्रों, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल और उत्तरी तमिलनाडू में देखी जा सकती है। मॉनसून देश के बाकी हिस्सों में कमजोर रहेगा।  ..........www.skymet.com

खरीफ में दलहन व तिलहन के साथ मोटे अनाजों की बुवाई घटी, कपास की बढ़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में दलहन, तिलहन और धान के साथ ही मोटे अनाजों की बुवाई में कमी आई है, जबकि कपास और गन्ने की बुवाई बढ़ी है। मानसून के आरंभ में अच्छी बारिश से जहां खरीफ फसलों की बुवाई आगे चल रही थी, वहीं 10 जुलाई से 15 अगस्त तक देश के कई राज्यों में सामान्य से कम बारिश होने के कारण फसलों की बुवाई में कमी आई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में फसलों की बुवाई घटकर अभी तक केवल 1,013.83 लाख हैक्टेयर में हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1,019.60 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दलहन की बुवाई घटकर 135.96 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक दलहन की बुवाई 141.35 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। दलहनी फसलों में अरहर की बुवाई में करीब 10 लाख हैक्टेयर में कमी आकर कुल बुवाई अभी तक 41.75 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि मूंग की बुवाई भी पिछले साल की तुलना में घटी है। हालांकि उड़द की बुवाई पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई है।
तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 164.24 लाख हैक्टेयर में ही पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में तिलहनों की बुवाई 178.66 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनों में सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई भी पिछड़ रही है। सोयाबीन की बुुवाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 104.88 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 113.11 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हो चुकी थी। मूंगफली की बुवाई भी चालू खरीफ में घटकर 38.80 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 43.76 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
खरीफ की प्रमुख फसल धान की रौपाई चालू खरीफ में 358.28 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 361.24 लाख हैक्टेयर में रौपाई ही हो पाई थी। मोटे अनाजों की बुवाई चालू रबी में पिछले साल की तुलना में घटकर अभी तक केवल 178.85 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 182.61 लाख हैक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों में जहां बाजरा की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है वहीं मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई पिछे चल रही है।
कपास की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 119.62 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 102.54 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई हो पाई थी। गन्ने की बुवाई भी चालू सीजन में बढ़कर 49.78 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 45.64 लाख हैक्टेयर में ही गन्ने की बुवाई हो पाई थी।.................   आर एस राणा

24 अगस्त 2017

25 अगस्त 2017 के लिए मॉनसून पूर्वानुमान

दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तरी तमिलनाडु के कुछ हिस्सों पर व्यापक रूप से सक्रिय रहा। सक्रिय मॉनसून की स्थिति हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दक्षिण और पूर्वी राजस्थान, तटीय कर्नाटक और कोंकण और गोवा क्षेत्र पर देखी गई। देश के शेष हिस्सों में हल्की बारिश हुई।
पिछले 24 घंटों में नाहन में 98 मिमी बारिश दर्ज की गई, वहीं सिल्चर में 87 मिमी और डायमंड हार्बर में 69 मिमी बारिश रेकॉर्ड की गयी।
23 अगस्त तक, भर के बारिश के आंकड़े में 6% की कमी बनी गयी है। जहां तक क्षेत्रीय वितरण का संबंध है, उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य और दक्षिण भारत में 3%, 9% और 13% की कमी है। जबकि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 1% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गयी है।
वर्तमान में मॉनसून की अक्षीय रेखा बीकानेर, नारनौल, आगरा, वाराणसी, जमशेदपुर, बालासोर से पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी की तरफ जा रही है।
अगले 24 घंटों के दौरान छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, विदर्भ, कोंकण और गोवा क्षेत्र तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक पर मॉनसून व्यापक रूप से सक्रिय रहेगा।
सक्रिय मॉनसून की स्थिति हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दक्षिण गुजरात, दक्षिण पूर्व राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, मध्य महाराष्ट्र, तटीय आंध्र प्रदेश, असम, नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर पर संभावित है।..........www.skymet.com

कच्चा तेल आज भी कमजोर

कच्चा तेल आज भी कमजोर है। हालांकि ब्रेंट में 52 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। दरअसल अमेरिका में लगातार 8वें हफ्ते कच्चे तेल के भंडार में कमी आई है और मार्च के बाद से भंडार करीब 13.5 फीसदी कम हो चुका है। लेकिन दूसरी ओर अमेरिका में इसका उत्पादन बढ़ भी रहा है, ऐसे में क्रूड में दोनों तरह के फंडामेंटल काम का रहा है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की मजबूती है। कल से जैक्शन होल की बैठक शुरू होने वाली है और इससे पहले ग्लोबल मार्केट में सोना बिल्कुल सुस्त पड़ गया है। इस पूरे हफ्ते इसमें बेहद छोटे दायरे में कारोबार हुआ है। आज भी कॉमैक्स पर सोना 1285 डॉलर के आसपास ही कारोबार कर रहा है। हालांकि चांदी फिर से 17 डॉलर के पार जाने में कामयाब हो गई है। वहीं चीन में मांग बढ़ने और उत्पादन घटने से निकेल में तेजी आई है। आज चीन में ये 6 महीने की ऊंचाई पर है। घरेलू बाजार में कल इसने 8 महीने का ऊपरी स्तर छू लिया। फिलीपींस में इस साल निकेल के उत्पादन में करीब 24 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। ऐसे में इसकी कीमतों को लगातार सपोर्ट मिल रहा है।



23 अगस्त 2017

यूक्रेन के आयातित गेहूं के भाव में आई गिरावट

आर एस राणा
नई दिल्ली। यूक्रेन से आयातित अक्टूबर षिपमेंट के गेहूं के भाव घटकर दक्षिण भारत में 1,680 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं अतः दक्षिण भारत की फ्लोर मिलें आयातित गेहूं की ही खरीद ज्यादा कर रही है यहीं कारण है कि गेहूं के भाव में तेजी की संभावना नहीं है। सूत्रों के अनुसार करीब 3.25 लाख टन गेहूं के आयात सौदे सितंबर-अक्टूबर शिपमेंट के हो चुके हैं। ऐसे में गेहूं की कीमतों में तेजी तभी आ सकती है, अगर केंद्र सरकार आयात शुल्क में बढ़ोतरी करे।
विश्व बाजार में गेहूं के दाम नीचे होने के कारण आयात सौदे ज्यादा मात्रा में हो रहे हैं, तथा माना जा रहा है कि सितंबर-अक्टूबर में और पांच से छह लाख टन के आयात सौदे हो जायेंगे। इधर मध्य प्रदेश के साथ ही राजस्थान और उत्तर प्रदेश में स्टॉकिस्टों के पास गेहूं का स्टॉक ज्यादा हैं। इसीलिए खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं का उठाव नहीं हो रहा है। ओएमएसएस के तहत गेहूं का बिक्री भाव 1,790 रुपये प्रति क्विंटल उंचा है जबकि मंडियों में गेहूं इससे सस्ता बिक रहा है।
केंद्रीय पूल में पहली अगस्त को 300 लाख टन से गेहूं का स्टॉक जमा है जबकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में हर महीने 21 से 22 लाख टन गेहूं की खपत हो रही है, अतः नई फसल तक करीब 200 लाख टन की खपत हो जायेगी, ऐसे में पहली अप्रैल को केंद्रीय पूल में 100 लाख टन के करीब गेहूं का स्टॉक बचेगा, जोकि तय मानकों बफर 45 लाख टन से ज्यादा होगा। ..............   आर एस राणा

24 अगस्त 2017 का मॉनसून पूर्वानुमान

मॉनसून सीजन में देश में बारिश देने वाला प्रमुख मौसमी सिस्टम है मॉनसून की अक्षीय रेखा, जो इस समय अनूपगढ़, नारनौल, आगरा, सीधी, जमशेदपुर और दिघा होते हुए बंगाल की खाड़ी में बनी हुई है।
गुजरात के कच्छ और आसपास के हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश पर एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दिखाई दे रहा है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी भागों में म्यामार के तटों पर भी एक चक्रवाती सिस्टम विकसित हो गया है।
पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ इस समय दक्षिणी कोंकण से केरल के तटीय हिस्सों तक सक्रिय है।
एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत की ओर आने वाला है। यह सिस्टम इस समय उत्तरी अफगानिस्तान पर दिखाई दे रहा है।
बीते 24 घंटों के दौरान मॉनसून सबसे अधिक प्रभावी रहा सौराष्ट्र और कच्छ के अलावा गुजरात के दक्षिणी भागों में। साथ ही उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी व्यापक मॉनसून की सक्रियता के बीच मध्यम से भारी बारिश हुई।
मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान प्रमुख वर्षा वाले स्थानों का ज़िक्र करें तो उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद में 79 मिलीमीटर बारिश हुई। वलसाड में 63, राजकोट में 57 और दीसा में 32 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
हरियाणा, उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक और दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश में मॉनसून सक्रिय रहा और कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के साथ एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा हुई।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, पूर्वोत्तर भारत, ओड़ीशा, तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, पश्चिमी राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में मॉनसून विशेष रूप में सक्रिय नहीं रहा और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश देखने को मिली।
देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून कमजोर रहा और एक-दो स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की अगले 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक सक्रियता पंजाब के उत्तर-पूर्वी भागों, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य भागों तथा तटीय आंध्र प्रदेश में देखने को मिल सकता है। इन भागों में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश और एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है।
उत्तरी मध्य प्रदेश, दक्षिणी कोंकण व गोवा, तटीय कर्नाटक, गंगीय पश्चिम बंगाल, हिमालय से सटे पश्चिम बंगाल और सिक्किम में मॉनसून सामान्य रूप से सक्रिय बना रह सकता है जिसके चलते इन भागों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
दक्षिणी तमिलनाडु, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और पश्चिमी राजस्थान में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा जबकि देश के बाकी हिस्सों में हल्की वर्षा होने के आसार हैं।............www.skymet.com

कच्चे तेल में गिरावट

अमेरिका में भंडार गिरने के बावजूद कच्चे तेल में गिरावट आई है और नायमैक्स पर क्रूड का दाम करीब 0.25 फीसदी नीचे फिसल गया है। ब्रेंट में भी 52 डॉलर के नीचे कारोबार हो रहा है। ओपेक से सप्लाई बढ़ने की संभावना है। लीबिया में बंद पड़े ऑयल फिल्ड में क्रूड का उत्पादन फिर से शुरु हो गया है। ऐसे में कीमतों पर दबाव बढ़ गया है। बाजार की नजर अब अगले महीने 22 तारीख को होने वाली तेल उत्पादक देशों की बैठक पर है। एमसीएक्स पर कच्चा तेल 0.2 फीसदी की कमजोरी के साथ 3065 के आसपास दिख रहा है। वहीं नैचुरल गैस 0.05 फीसदी की हल्की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। सोना बेहद छोटे दायरे में कारोबार कर रहा है। कॉमैक्स पर इसका दाम 1285 डॉलर के पास है। पिछले 3 दिनों से ये इसी के आसपास बना हुआ है।  यूरोजोन में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस के आंकड़े आने वाले हैं। डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की मजबूती है।

22 अगस्त 2017

23 अगस्त 2017 के लिए मॉनसून पूर्वानुमान

अगले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून सौराष्ट्र पर व्यापक रूप सक्रिय रहेगा।
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दक्षिणी मध्य प्रदेश, उप हिमालय पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, विदर्भ, पश्चिमी तट और उत्तरी तमिलनाडू में मॉनसून का सक्रिय प्रदर्शन देखने को मिला।
पंजाब और हरियाणा के भी कुछ हिस्सों में अच्छी बारिश हुई।
पिछले 24 घंटों में, चंडीगढ़ में 115 मिमि वर्षा दर्ज़ की गई वहीं, वेरावल में 85 मिमी और अंबाला में 77 मिमी बारिश रेकॉर्ड की गई।
21 अगस्त को देश भर के बारिश के आंकड़े में 4% की कमी बनी हुई है। जहां तक ​​क्षेत्रीय वितरण का संबंध है, उत्तर पश्चिमी भारत, मध्य और दक्षिण भारत में 2%, 8% और 12% की कमी है। वहीं, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 3 प्रतिशत अधिक वर्षा रेकॉर्ड की गई है।
वर्तमान में, मानसून की अक्षीय रेखा अहमदाबाद, जबलपुर, पूरी, से पूर्वीमध्य बंगाल की खाड़ी की तरफ जा रही है।
अगले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून दक्षिणी और तटीय गुजरात पर सक्रिय रहेगा।
उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, उप हिमालय पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वोत्तर राज्यो, दक्षिणी कोंकण, तटीय कर्नाटक और केरल में मॉनसून सामान्य रहा।

सोयाबीन का उत्पादन 6.5 फीसदी कम होने की आशंका -सोपा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में बुवाई में आई कमी के साथ ही मानसूनी बारिश कम होने से सोयाबीन के उत्पादन में 6.5 फीसदी की कमी आने की आशंका है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में मध्य जुलाई से मध्य अगस्त तक मानसूनी बारिश सामान्य से काफी कम हुई है जिससे सोयाबीन की फसल की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पिछले दो दिनों में उत्पादक क्षेत्रों में कुछ जगह बारिश हुई है, अतः जहां बारिश हुई है वहां फसल को फायदा होगा।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई घटकर 102.32 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 112.51 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सोपा के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में सोयाबीन का उत्पादन 114.90 लाख टन का हुआ था। सोयाबीन की फसल के लिए चालू महीना काफी महत्वपूर्ण है, अगर अगले दस-बारह दिन में उत्पादक राज्यों में एकाध अच्छी बारिश हो गई तो फसल का फायद होगा, लेकिन अगर बारिश नहीं हुई तो प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आशंका है। अतः आगामी दिनों में सोयाबीन की कीमतों में तेजी-मंदी काफी हद तक मानसूनी बारिश पर भी निर्भर करेगी।
मंत्रालय के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में सोयाबीन की बुवाई चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 47.95 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 53.61 लाख हैक्टेयर में हुई थी। महाराष्ट्र में सोयाबीन की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 37.65 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक महाराष्ट्र में सोयबीन की बुवाई 38.67 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। राजस्थान में भी चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई घटकर 9.24 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 10.24 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।..............  आर एस राणा

डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की मजबूती

 डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की मजबूती है और 1 डॉलर की कीमत 64 रुपये के पास है। कल की भारी गिरावट के बाद कच्चे तेल में आज रिकवरी आई है। हालांकि करीब 0.5 फीसदी की बढ़त के बावजूद ब्रेंट का दाम बावन डॉलर के नीचे है। जबकि नायमैकिस पर क्रूड में 47.5 डॉलर के पास कारोबार हो रहा है। वहीं जैक्सन होल की बैठक से पहले सोना भी बेहद छोटे दायरे में सिमट गया है। इसके साथ चांदी में भी दबाव है और ये 17 डॉलर के नीचे कारोबार कर रही है। वहीं कल की जोरदार तेजी के बाद आज लंदन मेटल एक्सचेंज पर मेटल में हल्की सुस्त है। हालांकि जिंक 10 साल के ऊपरी स्तर पर बरकरार है।



21 अगस्त 2017

यूपी में धान की खरीद पर 15 रुपये बोनस देगी सरकार

आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार किसानों को धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 15 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देगी। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2017-18 के लिए सामान्य धान का एमएसपी 1,550 रुपये और ग्रेड ए धान का एमएसपी 1,590 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार खरीफ विपणन सीजन 2016-17 में उत्तर प्रदेश से एमएसपी पर 23.54 लाख टन चावल की खरीद हुई थी। ............  आर एस राणा

चना समेत सभी दालों में फिर आया सुधार

आर एस राणा
नई दिल्ली। चना समेत सभी दालों की कीमतों में सोमवार को 100 से 150 रुपये की तेजी दर्ज की गई। मुंबई में आस्ट्रेलिया से आयातित चना के भाव बढ़कर 5,700 रुपये, लेमन अरहर के भाव 5,300 रुपये, उड़द एफएक्यू के भाव 4,300 रुपये और एसक्यू के भाव 5,300 रुपये तथा मसूर के भाव 3,600 से 3,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। लारेंस रोड़ पर चना के भाव बढ़कर 5,700 से 5,725 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
आस्ट्रेलिया के साथ ही कनाडा में मौसम प्रतिकूल होने के कारण आयातित चना के साथ मसूर के भाव में आगे और तेजी आने की संभावना है, हालांकि मूंग और उड़द की घरेलू मंडियों में नई फसल की आवक चालू हो गई है तथा आगे दैनिक आवक और बढ़ेगी। अरहर के साथ ही मूंग और उड़द का केंद्रीय पूल में स्टॉक ज्यादा है तथा आगे केंद्रीय पूल से दलहन की बिक्री बढ़ने की संभावना है इसलिए इनकी कीमतों में ज्यादा तेजी की उम्मीद नहीं है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश और कर्नाटका में अच्छी बारिश होने की भविष्यवाणी की है। इन क्षेत्रों में चालू खरीफ में मानसूनी बारिश अभी तक सामान्य से कम हुई है। आईएमडी के अनुसार गुजरात में अगले 24 घंटे में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। कच्छ के साथ ही सौराष्ट्र में भी तेजी बारिश हो सकती है।.............   आर एस राणा

पुरे महाराष्ट्र में अच्छी बारिश होने की संभावना

भारतीय मौसम विभाग ने गोवा और मुंबई के साथ पुरे महाराष्ट्र में अच्छी बारिश होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक 24 घंटे में गुजरात, मध्य महाराष्ट्र और कर्नाटक के अलावा उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी एमपी में भी तेज बारिश हो सकती है।

कॉमैक्स पर सोने में 1285 डॉलर के ऊपर

ग्लोबल मार्केट में सोने का दाम 9 महीने के ऊपरी स्तर के पास चला गया है। पिछले हफ्ते से ये 1300 डॉलर के पार चला गया था। फिलहाल कॉमैक्स पर सोने में 1285 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। डॉलर में गिरावट और गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ने से सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला है। इस दौरान चांदी में ऊपरी स्तर से दबाव है और से 17 डॉलर के नीचे आ गई है।
लीबिया का ऑयल फील्ड बंद होने की खबरों के बाद ब्रेंट फिर से 52 डॉलर के पार चला गया है। अब ऊपरी स्तर से कुछ दबाव है। नायमैक्स पर क्रूड में 48.5 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। अमेरिका में भंडार गिरने से भी कीमतों को सपोर्ट मिला है। मार्च के बाद से अमेरिका में क्रूड का भंडार करीब 13 फीसदी गिर गया है।
 डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई है और 1 डॉलर की कीमत 64 रुपए के स्तर पर आ गई है।

19 अगस्त 2017

एग्री कमोडिटी में आगे की रणनीति कैसे बनाए

एग्री कमोडिटी दलहन, तिलहन, और मसालों के साथ ही गेहूं, मक्का, जौ, कपास, खल, बिनौला, ग्वार सीड, चीनी, और कपास आदि की कीमतों में कब आयेगी तेजी तथा आगे की रणनीति कैसे बनाये, भाव में कब आयेगी तेजी, किस भाव पर स्टॉक करने पर मिलेगा मुनाफा, क्या रहेगी सरकार की नीति, आयात-निर्यात की स्थिति के साथ ही विदेष में कैसी है पैदावार, इन सब की स्टीक जानकारी के लिए हमसे जुड़े............एग्री कमोडिटी की दैनिक रिपोर्ट के साथ ही मंडियों के ताजा भाव आपको ई-मेल से हिंदी में भेजे जायेंगे एग्री जिंसों के अलावा किराना में हल्दी, जीरा, धनिया, लालमिर्च, इलायची, कालीमिर्च आदि की जानकारी भी हिंदी में ई-मेल के माध्यम से दी जायेगी।
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आर एस राणा
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20 अगस्त 2017 का मॉनसून पूर्वानुमान

हिमालय के तराई क्षेत्रों में बीते दिनों से बनी मॉनसून की अक्षीय रेखा दक्षिण की ओर पहुँच गई है। इस समय यह अमृतसर, अंबाला, सिधी, झारसुगुडा और तटीय ओड़ीशा पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के मध्य से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक पहुँच रही है। अनुमान है कि मॉनसून की अक्षीय रेखा जल्द ही दक्षिणी दिशा में जाएगी।
उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। पश्चिमी असम पर भी हवाओं में एक चक्रवाती क्षेत्र दिखाई दे रहा है।
पश्चिमी तटों पर बनी मॉनसून ट्रफ का विस्तार इस समय दक्षिणी कोंकण व गोवा से केरल तक है और यहीं पर प्रभावी है।
गुजरात के कच्छ और इससे सटे दक्षिणी पाकिस्तान पर एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दिखाई दे रहा है।
इसके अलावा उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे भागों पर एक पश्चिमी विक्षोभ ऊपरी हवाओं में बने एक सिस्टम के रूप में दिखाई दे रहा है।
बीते 24 घंटों में मॉनसून के प्रदर्शन का ज़िक्र करें तो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में मॉनसून व्यापक रहा और भीषण बारिश रिकॉर्ड की गई।
पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मराठवाड़ा, तमिलनाडु, केरल औरकर्नाटक में भी मॉनसून सक्रिय रहा और हल्की से मध्यम मॉनसून वर्षा दर्ज की गई।
हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में पिछले 24 घंटों के दौरान मॉनसून की सामान्य सक्रियता के चलते हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।
दूसरी ओर जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में मॉनसून शांत रहा जबकि देश के बाकी भागों में कमजोर मॉनसून के चलते हल्की वर्षा हुई।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का सबसे व्यापक प्रदर्शन दक्षिणी मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में देखने को मिलेगा। इन भागों में मध्यम से भारी बारिश जारी रहने के आसार हैं।
केरल, तटीय कर्नाटक और आसपास के क्षेत्रों में में भी मॉनसून सक्रिय रहेगा और मध्यम बारिश जारी रह सकती है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी तटीय भागों में अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का प्रभाव बढ़ेगा और बारिश की गतिविधियों में वृद्धि देखने को मिलेगी।
बिहार, झारखंड, ओडिशा और तमिलनाडु में मॉनसून सामान्य रहेगा और बादल छाए रहेंगे। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने के आसार हैं।
हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मीर और पूर्वी राजस्थान में कुछ स्थानों पर वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वोत्तर भारत के राज्यों, गंगीय पश्चिम बंगाल,छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बारिश में गिरावट आ सकती है।
गुजरात और पश्चिमी राजस्थान में मॉनसून कमजोर ही बना रहेगा। इन भागों में मुख्यतः शुष्क मौसम जारी रह सकता है।...........www.skymet.com

सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई भी घटी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई में भी कम आई है। सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में बारिश की भी कम है इसलिए सोयाबीन के भाव में सुधार आने का अनुमान है। मूंगफली में मांग कमजोर है, हालांकि नई फसल तक इसकी कीमतों में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई घटकर अभी तक केवल 102.33 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 112.51 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। हालांकि उत्पादक राज्यों में सोयाबीन का स्टॉक ज्यादा है लेकिन बारिश की कमी से सोयाबीन की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आशंका है, इसलिए मौजूदा भाव में और भी सुधार आने का अनुमान है।
मूंगफली की बुवाई चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 37.67 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 42.98 लाख हैक्टेयर में मूंगफली की बुवाई हो चुकी थी। खरीफ तिलहन की अन्य फसलों में सनफ्लावर की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 1.17 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 1.45 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। सीशम सीड की बुवाई चालू खरीफ में 11.67 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 13.30 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
केस्टर सीड की बुवाई भी चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 3.68 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 4.30 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 157.36 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 175.10 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।..............   आर एस राणा

बाजरा की बुवाई बढ़ी, मक्का और ज्वार की पिछड़ी

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में जहां बाजरा की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है, वहीं मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई में कमी आई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में बाजरा की बुवाई बढ़कर 69.29 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 67 लाख हैक्टेयर में ही हुई है।
मक्का की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 76.72 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक मक्का की बुवाई 81.55 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। हालांकि मक्का की सामान्य बुवाई खरीफ में 73.34 लाख हैक्टेयर में ही होती है। विश्व बाजार में मक्का के भाव सस्ते हैं, जबकि घरेलू बाजार में खरीफ मक्का की आवक सितंबर में बनेगी, इसलिए मक्का के भाव में हल्का सुधार तो सकता है लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
ज्वार की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 15.73 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 18.54 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। रागी की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 5.95 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुवाई 7.94 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। चालू खरीफ में मोटे अनाजों की बुवाई घटकर 171.75 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 179.17 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।.................   आर एस राणा

18 अगस्त 2017

एमपी, यूपी, हरियाणा व महाराष्ट्र तथा कर्नाटका में सूखे जैसे हालात

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में मध्य प्रदेश, पष्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र के मराठवाडा और विदर्भा के साथ ही कर्नाटका में भी बारिश सामान्य से काफी कम होने के कारण सूखे जैसे हालात बने हुए हैं, जिनका असर चालू खरीफ में दलहन, तिलहन तथा मोटे अनाजों की पैदावार पर पड़ने की आशंका है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जून से 16 अगस्त तक सामान्य से 33 फीसदी बारिश कम हुई है जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में सामान्य से 13 फीसदी कम बारिश हुई है। आईएमडी के अनुसार हरियाणा, चंडीगढ़ में चालू खरीफ में बारिश सामान्य से 24 फीसदी और पंजाब में 15 फीसदी कम बारिश हुई है। हिमाचल प्रदेश में भी सामान्य से 7 फीसदी कम बारिश हुई है।
आईएमडी के अनुसार पश्चिमी मध्य प्रदेश में चालू खरीफ में अभी तक सामान्य से 21 फीसदी और पूर्वी मध्य प्रदेश में सामान्य से 20 फीसदी तथा उड़ीसा में 7 फीसदी सामान्य से कम बारिश हुई है। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भा में भी सूखे जैसे हालात बने हुए हैं, मराठवाड़ा में जहां सामान्य से 30 फीसदी और विदर्भा में 31 फीसदी सामान्य से कम बारिश हुई है। छत्तीसगढ़ में भी चालू खरीफ में सामान्य से 11 फीसदी कम बारिश हुई है।
कोस्टल कर्नाटका में जहां चालू खरीफ में अभी तक सामान्य से 26 फीसदी कम बारिश हुई है, वहीं नार्थ इस्ट कर्नाटका में 21 फीसदी और साउथ कर्नाटका में 30 फीसदी सामान्य की तुलना में कम बारिश हुई है। केरल में भी चालू खरीफ में सामान्य के मुकाबले 29 फीसदी कम बारिश हुई है। तेलंगाना में भी 16 फीसदी बारिश चालू खरीफ में सामान्य से कम हुई है। ............   आर एस राणा

दलहन, तिलहन के साथ मोटे अनाजों की बुवाई कम, कपास की ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में दलहन, तिलहन के साथ ही मोटे अनाजों की बुवाई में कमी आई है, जबकि कपास और गन्ने की बुवाई बढ़ी है। खरीफ की प्रमुख फसल धान की रौपाई पिछले साल के लगभग बराबर ही हुई है। दलहन, तिलहन और मोटे अनाजों की बुवाई तो घटी ही है, साथ ही देशभर के 23 फीसदी इलाकों में बारिश सामान्य से कम हुई है, जबकि तिलहन, दलहन और मोटे अनाजों की पैदावार खरीफ में मानसूनी बारिश पर ही निर्भर होती है, अतः चालू खरीफ में इनकी प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में की कमी आ सकती है।
मानसून के आरंभ में अच्छी बारिश से जहां खरीफ फसलों की बुवाई आगे चल रही थी, वहीं महीने से बारिश सामान्य से कम होने के कारण कुल बुवाई भी पिछड़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में फसलों की बुवाई घटकर अभी तक केवल 976.34 लाख हैक्टेयर में हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 984.57 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।
मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दलहन की बुवाई घटकर 130.68 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक दलहन की बुवाई 135.42 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। दलहनी फसलों में अरहर की बुवाई में करीब 9 लाख हैक्टेयर में कमी आकर कुल बुवाई अभी तक 40.81 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि मूंग की बुवाई भी पिछले साल की तुलना में घटी है। हालांकि उड़द की बुवाई पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई है।
तिलहनों की बुवाई चालू खरीफ में घटकर 157.36 लाख हैक्टेयर में ही पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में तिलहनों की बुवाई 175.10 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। तिलहनों में सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई भी पिछड़ रही है। सोयाबीन की बुुवाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 102.33 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 112.51 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हो चुकी थी। मूंगफली की बुवाई भी चालू खरीफ में घटकर 37.67 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 42.98 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
खरीफ की प्रमुख फसल धान की रौपाई चालू रबी में 341.58 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 340.14 लाख हैक्टेयर में रौपाई ही हो पाई थी। मोटे अनाजों की बुवाई चालू रबी में पिछले साल की तुलना में घटकर अभी तक केवल 171.75 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 179.17 लाख हैक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों में जहां बाजरा की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है वहीं मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई पिछे चल रही है।
कपास की बुवाई चालू रबी में बढ़कर 118.14 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 101.54 लाख हैक्टेयर में ही कपास की बुवाई हो पाई थी। गन्ने की बुवाई भी चालू सीजन में बढ़कर 49.78 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 45.64 लाख हैक्टेयर में ही गन्ने की बुवाई हो पाई थी।...............     आर एस राणा

देश के 23% इलाकों में कम हुई बारिश

मॉनसून सीजन के 2.5 महीने खत्म हो गए हैं और इस दौरान पूर्वी और उत्तरी भारत में जहां भयंकर बाढ़ आई है, वहीं दक्षिण भारत समेत देश के  कुछ इलाकों में बेहद कम बारिश हुई है। खास करके दक्षिण भारत में सामान्य से 16 फीसदी कम बारिश हुई है। जहां कर्नाटक और केरल में करीब 30 फीसदी कम बारिश हुई है।
इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी काफी कम बारिश रिकॉर्ड हुई है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी बारिश की स्थिति चिंताजनक है। हालांकि मौसम विभाग का दावा है कि अगले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बारिश सुधर सकती है।

डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की मजबूती

डॉलर के मुकाबले रुपये में हल्की मजबूती आई है और एक डॉलर की कीमत 64.10 रुपये के पास है। बेस मेटल में ऊपरी स्तर से तेज गिरावट आई है और लंदन मेटल एक्सचेंज पर कॉपर समेत सभी मेटल 0.5 से 1 फीसदी टूट गए हैं। एलएमई के साथ चीन में भी मेटल में गिरावट बढ़ गई है। सबसे ज्यादा गिरावट लेड में आई है।  चीन कॉपर और लेड के स्क्रैप इंपोर्ट पर रोक लगाने जा रहा है। ऐसे में मेटल मार्केट का सेंटीमेंट बिगड़ गया है। कच्चा तेल भी कमजोर है। अमेरिका में उत्पादन 2 साल के ऊपरी स्तर पर जाने के बाद से ही कच्चा तेल फिसल रहा है। ब्रेंट में इक्यावन डॉलर के स्तर पर कारोबार हो रहा है। वहीं सोने में भी सुस्ती छाई हुई है। कॉमैक्स पर इसका दाम 1290 डॉलर के नीचे है। मेटल में कमजोरी से चांदी भी दबाव में है।

17 अगस्त 2017

18 अगस्त 2017 के लिए मॉनसून पूर्वानुमान

दक्षिण पश्चिम मॉनसून ओडिशा, छत्तीसगढ़ और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह पर जोरदार रहा। सक्रिय मानसून की स्थिति पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत पर देखी गयी।
पिछले 24 घंटों के दौरान लॉन्ग आइलैंड में 126 मिमी बारिश दर्ज की गई, वहीं संबलपुर में 85 मिमी और झारसुगुदा में 65 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी है।
6 अगस्त को देश भर में बारिश के आंकड़े में 4 प्रतिशत की कमी आ गयी है। जहां तक ​​क्षेत्रीय वितरण का संबंध है, उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में बारिश का आंकड़ा 3 प्रतिशत पर सामान्य है। जबकि मध्य और दक्षिण भारत में वर्षा में 9 और 16% की कम है।
वर्तमान में मानसून की अक्षीय रेखा का पश्चिमी छोर मुजफ्फरपुर, मालदा, दिघा से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रहा है। हालांकि, पूर्वी सिरा हिमालय की तराई इलाकों से गुज़र रहा है।
अगले 24 घंटों के दौरान, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और विदर्भ में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। सामान्य मानसून की स्थिति उत्तर तमिलनाडु, केरल, तटीय कर्नाटक और महाराष्ट्र के आस-पास के क्षेत्रों में देखी जाएगी।
बारिश की तीव्रता बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत में कम होने की संभावना है। हालांकि हल्की से मध्यम बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता। ............www.skymet.com

उत्पादक क्षेत्रों में बारिश नहीं होने से ग्वार सीड में और तेजी

आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रमुख ग्वार उत्पादक राज्यों राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में बारिश की कमी से ग्वार सीड की फसल प्रभावित होने की आशंका है इसलिए ग्वार गम और ग्वार सीड की कीमतों में और तेजी आने का अनुमान है। गुरुवार को राजस्थान जोधपुर मंडी में ग्वार गम का भाव 8,100 रुपये और ग्वार सीड का भाव 3,725 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
मानसून का सीजन समाप्ति की और है जबकि राजस्थान और हरियाणा के ग्वार सीड उत्पादक क्षेत्रों में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है जिससे ग्वार सीड की फसल को नुकसान होने से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आशंका है। चालू महीने में उत्पादक राज्यों में मानसूनी बारिश नहीं हुई तो फिर भाव में अच्छी तेजी बन सकती है।
प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में ग्वार सीड की बुवाई तय लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीद कम हो गई है। राज्य के कृषि निदेशालय के अनुसार 15 अगस्त तक राज्य में ग्वार सीड की बुवाई केवल 28.26 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, 10 अगस्त तक को जारी आंकड़ो में बुवाई इतनी ही हुई थी। पिछले साल इस समय तक राज्य में 27.10 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। पिछले साल कुल बुवाई 35.30 लाख  हैक्टेयर में हुई थी जबकि चालू सीजन में बुवाई का लक्ष्य 38 लाख हैक्टेयर का राज्य सरकार ने तय किया था।
एपिडा के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 1,45,775 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में केवल 77,174 टन ग्वार गम उत्पादों का निर्यात हुआ था।.................   आर एस राणा

कच्चे तेल में निचले स्तर से रिकवरी

अमेरिका में भंडार गिरने के बावजूद कल कच्चे तेल में भारी गिरावट आई थी। हालांकि आज निचले स्तर से रिकवरी आई है और 0.5 फीसदी ऊपर कारोबार हो रहा है। इस बढ़त के बावजूद ब्रेंट का दाम 51 डॉलर के नीचे है। वहीं नायमैक्स क्रूड 47 डॉलर के भी नीचे कारोबार कर रहा है। अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़कर 95 लाख बैरल के स्तर पर चला गया है। पहले ये 94 लाख बैरल था। डॉलर में नरमी से सोने को भी सपोर्ट मिला है और कॉमैक्स पर सोने का दाम 1290 डॉलर के काफी करीब पहुंच गया है। चांदी में भी तेजी आई है और ये फिर से 17 डॉलर के पार चली गई है। ज्यादा एक्शन बेस मेटल में है और लंदन मेटल एक्सचेंज पर जिंक का दाम 10 साल की ऊंचाई पर है। जबकि कॉपर और एल्युमिनियम भी करीब 3 साल के ऊपरी स्तर पर चले गए हैं। चीन में मांग बढ़ने और सप्लाई की किल्लत से मेटल की कीमतों को सपोर्ट मिला है। आज पारसी न्यू इयर की वजह से करेंसी मार्केट बंद है।

16 अगस्त 2017

चौथे आरंभिक अनुमान में गेहूं, चावल, दलहन और कपास के उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी

खाद्य उत्पादन 27.56 करोड़ टन होने का अनुमान
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने खाद्य उत्पादन अनुमान में बढ़ोतरी कर दी है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में खाद्यान्न का उत्पादन बढ़कर 27.46 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि तीसरे आरंभिक अनुमान में मंत्रालय ने 27.33 करोड़ टन उत्पादन का अनुमान लगाया था।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में गेहूं का उत्पादन बढ़कर 983.8 लाख टन होने का अनुमान है जबकि तीसरे आरंभिक अनुमान में गेहूं के उत्पादन का अनुमान 974.4 लाख टन का था। इसी तरह से चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार चावल का उत्पादन बढ़कर 11.01 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि तीसरे आरंभिक अनुमान में चावल का उत्पादन 10.91 करोड़ टन होने का अनुमान था।
मंत्रालय के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में दलहन का रिकार्ड उत्पादन 229.5 लाख टन होने का अनुमान है जबकि तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार दालों का उत्पादन 224 लाख टन होने का अनुमान जारी किया था। चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार चना का उत्पादन फसल सीजन 2016-17 में 93.3 लाख टन होने का अनुमान है जबकि तीसरे आरंभिक अनुमान में इसका उत्पादन 90.8 लाख टन होने का अनुमान जारी किया था।
तिलहनों का उत्पादन चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में 320.97 लाख टन होने का अनुमान है जबकि तीसरे आरंभिक अनुमान में तिलहनी फसलों के उत्पादन का अनुमान 325.22 लाख टन होने का अनुमान था। कपास का उत्पादन भी फसल सीजन 2016-17 में चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार 330.92 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है जबकि तीसरे आरंभिक अनुमान में कपास के उत्पादन का अनुमान 325.76 लाख टन होने का अनुमान था।...............   आर एस राणा

बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में सामान्य मॉनसून की स्थिति बनी रहेगी



दक्षिण पश्चिम मॉनसून बीते 24 घंटों मे गंगीय पश्चिम बंगाल में व्यापक रूप से सक्रिय रहा। जबकि झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तरी तटीय ओड़ीशा, कर्नाटक और आंतरिक तमिलनाडू में मॉनसून सक्रिय रहा।
बीते 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक बारिश वाले स्थानों पर ज़िक्र करें तो चेरापुंजी में 81 मिलीमीटर की भारी वर्षा दर्ज की गई। शांतिनिकेतन में 74 और बुरद्वान में 73 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
15 अगस्त तक देश भर में कुल वर्षा का आंकड़ा सामान्य से 4 प्रतिशत नीचे बना हुआ है।
क्षेत्रीय वितरण की बात करे तो मध्य भारत में 8 फीसदी और दक्षिण भारत में 16 प्रतिशत वर्षा कम हुई है। दूसरी ओर उत्तर पश्चिम भारत 4 प्रतिशत से जबकि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत 2 प्रतिशत अधिक वर्षा से आगे है।
इस बीच मॉनसून की अक्षीय रेखा हिमालय के तराई क्षेत्रों से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक पहुँच रही है। पूर्व में मॉनसून ट्रफ पटना, बंकुरा और दिघा में केन्द्रित है।
अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल, तटीय आंध्र प्रदेश और आंतरिक कर्नाटक में मॉनसून सबसे अधिक प्रभावी रहेगा जिससे अच्छी वर्षा होने की उम्मीद है। जबकि तेलंगाना, कोंकण गोवा, असम, मेघालय, त्रिपुरा और सिक्किम में सामान्य मॉनसून की स्थिति बनी रहेगी।........www.skymet.com

पहली तिमाही में मूंगफली का निर्यात 47 फीसदी घटा

आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान मूंगफली दाने के निर्यात में 47.24 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 89,493 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष2016-17 की समान में 1,54,125 टन का निर्यात हुआ था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में मूंगफली दाने का निर्यात घटकर केवल 696.39 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में 1,319,82 करोड रुपये का हुआ था।
फसल सीजन 2016-17 में मूंगफली की पैदावार ज्यादा होने से उत्पादक मंडियों में इसके भाव नई फसल की आवक के समय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे रहे थे जिस कारण चालू खरीफ में मूंगफली की बुवाई की बुवाई में कमी आई है। उत्पादक मंडियों में इस समय मूंगफली के भाव 4,200 से 4,300 रुपये प्रति क्विंटल है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में मूंगफली की बुवाई घटकर केवल 36.50 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 42.02 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। .......आर एस राणा

डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी

डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी बढ़ गई है। एक डॉलर की कीमत 64 रुपये के पार है। ग्लोबल मार्केट में कल की भारी गिरावट के बाद आज कच्चे तेल में रिकवरी आई है। ब्रेंट का दाम करीब 0.5 फीसदी बढ़ गया है। नायमैक्स पर भी क्रूड में 47 डॉलर के ऊपर कारोबार हो रहा है। एपीआई की रिपोर्ट में अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 92 लाख बैरल गिर गया है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों को सपोर्ट मिला है। आज यूएस एनर्जी डिपार्टमेंट की भी रिपोर्ट आएगी जिस पर बाजार की नजर है।
आज अमेरिका में फेडरल रिजर्व की पिछली बैठक के ब्यौरा जारी होने से पहले सोने में हल्की मजबूती है। कॉमैक्स पर सोने का दाम 1270 डॉलर के ऊपर है। चांदी में करीब 0.5 फीसदी ऊपर कारोबार हो रहा है।  इस बढ़त के बावजूद चांदी 17 डॉलर के काफी नीचे है। कल ग्लोबल मार्केट में चांदी में तेज गिरावट आई थी, लेकिन घरेलू बाजार बंद होने की वजह से इस गिरावट का असर आज दिख रहा है ।

14 अगस्त 2017

15 अगस्त 2017 के लिए मॉनसून पूर्वानुमान

दक्षिण पश्चिम मॉनसून पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के तराई वाले क्षेत्रों और मेघालय पर व्यापक रूप से सक्रिय रहा। जबकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दक्षिणी छत्तीसगढ़, ओड़ीशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, तटीय आंध्रा प्रदेश और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में सक्रिय मॉनसून की स्थिति देखी गई।
गुजरात, कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु और पूर्वोत्तर भारत के बचे हिस्सों में सामान्य मॉनसून की स्थिति बनी रहेगी।
पिछले 24 घंटों में, चेरापूंजी में 246 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गयी, वहीं गोरखपुर में 180 मिमी और धर्मशाला में 75 मिमी बारिश रेकॉर्ड की गयी।
13 अगस्त तक देश भर में बारिश के आंकड़े में अभी भी 3% की कमी बरकरार है। जहां तक क्षेत्रीय वितरण की बात करें तो उत्तर-पश्चिम भारत में 6% अधिक वर्षा हो चुकी है। पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में भी 2% ज़्यादा वर्षा हुई है। जबकि मध्य और दक्षिण भारत में 6% और 16% की कमी देखी गयी है।
वर्तमान में मॉनसून की अक्षीय रेखा हिमालय के तराई इलाकों से गुज़र रही है।
अगले 24 घंटों के दौरान उप हिमालय पश्चिम बंगाल, दक्षिणी असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम, त्रिपुरा, सिक्किम और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह पर मॉनसून व्यापक रूप से सक्रिय रहेगा।
वहीं बिहार, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल, कोंकण, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू और आंतरिक कर्नाटक में सक्रिय मॉनसून की स्थिति देखी जाएगी। मॉनसून राजस्थान, दक्षिणी हरियाणा, उत्तरपश्चिम मध्य प्रदेश में कमजोर रहेगा। 

जुलाई में वनस्पति तेलों का आयात 34 फीसदी बढ़ा

आर एस राणा
नई दिल्ली। जुलाई महीने में देशों में वनस्पति तेलों का आयात 34 फीसदी बढ़कर 1,524,724 टन का हुआ है जबकि पिछले साल जुलाई में वनस्पति तेलों का आयात केवल 1,140,685 टन का ही हुआ था।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष 2016-17 के पहले 9 महीनों नवंबर-16 से जुलाई-17 के दौरान वनस्पति तेलों के आयात में 4 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 11,388,296 टन का हो चुका है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात 10,903,728 टन का हुआ था।
एसईए के अनुसार पिछले तीन महीनों मई से जुलाई के दौरान वनस्पति तेलों के आयात में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। जबकि घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है। केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के आयात शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है इसके बावजूद भी तिलहन की कीमतों में सुधार तो आया है लेकिन बड़ी तजी नहीं है। खाद्य तेलों में त्यौहारी मांग बनी हुई है इसलिए मौजूदा भाव में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकि बड़ी तेजी नहीं है। चालू खरीफ में तिलहनों की बुवाई में जरुर कमी आई है।
विश्व बाजार में भाव कम होने के कारण जून के मुकाबले जुलाई में आयातित खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट आई थी। जून महीने में आरबीडी पामोलीन का भाव भारतीय बंदरगाह पर 700 डॉलर प्रति टन था जोकि जुलाई में घटकर 683 डॉलर प्रति टन रह गया। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल का भाव इस दौरान 697 डॉलर से घटकर 681 डॉलर प्रति टन रह गया।..............  आर एस राणा

ग्लोबल मार्केट में सोने का दाम 1290 डॉलर के पास

ग्लोबल मार्केट में सोने का दाम 1290 डॉलर के पास पहुंच गया है। हालांकि ऊपरी स्तर से कुछ दबाव भी दिख रहा है। लेकिन चांदी 0.5 फीसदी की तेजी के साथ 17 डॉलर के ऊपर कारोबार कर रही है। कच्चे तेल में भी ऊपरी स्तर से दबाव दिख रहा है। दरअसल डॉलर में निचले स्तर से हल्की रिकवरी आई है। चीन में जून के रिकॉर्ड स्तर से एल्युमिनियम का उत्पादन जुलाई में करीब 8 फीसदी गिर गया है। आज डॉलर के मुकाबले रुपये में शानदार रिकवरी आई है और 1 डॉलर की कीमत 64 रुपये के नीचे आ गई है।

12 अगस्त 2017

13 अगस्त 2017 का मॉनसून पूर्वानुमान



मॉनसून की अक्षीय रेखा हिमालय के तराई वाले क्षेत्रो से हो कर गुजर रही है।
जम्मू कश्मीर के उत्तरी भागों में एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है।
चक्रवती हवाओ का क्षेत्र सौराष्ट्र और कच्छ पर बना हुआ है।
एक और चक्रवती सिस्टम ओड़ीशा के उत्तरी भागों और झारखंड पर बना हुआ है।
एक ट्रफ चक्रवती सिस्टम और तटीय आंध्र प्रदेश से होते हुए तटीय तमिलनाडू तक बनी हुई है।
एक और ट्रफ रेखा गुजरात तट से होते हुए तटीय केरल तक बनी हुई है।
बीते 24 घंटों के दौरान मॉनसून का प्रदर्शन
पिछले 24 घंटो में, सिक्किम, मेघालय, उप हिमालय पश्चिम बंगाल, और हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों में व्यापक रूप से सक्रिय मॉनसून की स्थिति देखी गई।
पूर्वोत्तर राज्यो, गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तरी, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी तट, पूर्वी तट, गुजरात, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सकरिए मॉनसून की स्थिति देखी गई।
सामान्य मॉनसून की स्थिति मध्य भारत में देखी गाई।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का संभावित प्रदर्शन और वर्षा
उत्तरी बिहार, उप हिमालय पश्चिम बंगाल, असम और सिक्किम में मॉनसून व्यापक रूप से सक्रिय रहेगा।
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी और पूर्वी तट पर मॉनसून सक्रिय रहेगा।
मध्य भारत में सामान्य मॉनसून की स्थिति देखि जाएगी जबकि दिल्ली और उत्तरपश्चिम भारत में मौसम शुष्क बना रहेगा लेकिन हल्की बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता है।.........skymet.com