आयात षुल्क हटाने की आषंका से स्टोकिस्ट पिछे हटा
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2016-17 में गेहूं की सरकारी केंद्र सरकार द्वारा तय लक्ष्य 304.85 लाख टन से कम होगी। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 217.50 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 217.31 लाख टन के लगभग बराबर ही है।
एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू सीजन में गेहूं की कुल खरीद 240 से 245 लाख टन ही होने का अनुमान है। खरीद में सबसे ज्यादा कमी मध्य प्रदेष से आयेगी तथा राजस्थान से भी गेहूं की खरीद पिछले साल की तुलना में कम रहेगी। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेष और राजस्थान से दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों द्वारा ज्यादा मात्रा में गेहूं खरीदा जा रहा है इसलिए इन राज्यों में गेहूं का भाव एमएसपी 1,525 रुपये प्रति क्विंटल से उपर चल रहा है।
चालू रबी विपणन सीजन में पंजाब से अभी तक 102.66 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 88.89 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। पिछले साल पंजाब से कुल 103.43 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। हरियाणा से चालू रबी में अभी तक 66.05 लाख टन गेहूं खरीदा गया है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य से 62.56 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। पिछले साल हरियाणा से 67.77 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेष से चालू सीजन में अभी तक 5.31 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 5.86 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी। उत्तर प्रदेष से पिछले साल कुल 22.67 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।
मध्य प्रदेष से चालू रबी सीजन में 37.57 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 52.43 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। राज्य से पिछले रबी विपणन सीजन में कुल 73.09 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। राजस्थान से चालू रबी में 5.80 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 7.06 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका था। राज्य से पिछले साल कुल 13 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
केंद्र सरकार ने गेहूं के आयात पर 25 फीसदी का आयात षुल्क लगा रखा है तथा कीमतों में तेजी आयेगी तो सरकार आयात षुल्क में कटौती कर सकती है इसी डर के कारण स्टॉकिस्टों की खरीद कम हो गई है। केंद्र सरकार के पास पहली अप्रैल को 145.38 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद था जोकि तय मानकों से ज्यादा है। इसीलिए गेहूं की सरकारी खरीद तय मात्रा से कम भी होगी तो भी सरकार को चिंता नहीं है। उल्टा सरकार पर राजस्व का भार कम पड़ेगा।
इस समय आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं दक्षिण भारत में पहुंच 1,950 से 2,000 रुपये प्रति क्विंटल है ऐसे में अगर सरकार आयात षुल्क में कटौती करेगी तो भाव और कम हो जायेंगे। वैसे भी विष्व बाजार में गेहूं की उपलब्धता ज्यादा है इसलिए सीबॉट में गेहूं की कीमतों में नरमी बनी हुई है। विष्व बाजार में अभी गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना भी नहीं है।
दिल्ली में गेहूं के भाव 1,625 से 1,630 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि केंद्र सरकार ने गेहूं का बिक्री भाव नए सीजन के लिए 1,640 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है ऐसे में आगामी महीनों में दिल्ली में गेहूं का भाव बढ़कर 1,700 से 1,750 रुपये प्रति क्विंटल तक ही होने का अनुमान है।..........आर एस राणा
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपणन सीजन 2016-17 में गेहूं की सरकारी केंद्र सरकार द्वारा तय लक्ष्य 304.85 लाख टन से कम होगी। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 217.50 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 217.31 लाख टन के लगभग बराबर ही है।
एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू सीजन में गेहूं की कुल खरीद 240 से 245 लाख टन ही होने का अनुमान है। खरीद में सबसे ज्यादा कमी मध्य प्रदेष से आयेगी तथा राजस्थान से भी गेहूं की खरीद पिछले साल की तुलना में कम रहेगी। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेष और राजस्थान से दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों द्वारा ज्यादा मात्रा में गेहूं खरीदा जा रहा है इसलिए इन राज्यों में गेहूं का भाव एमएसपी 1,525 रुपये प्रति क्विंटल से उपर चल रहा है।
चालू रबी विपणन सीजन में पंजाब से अभी तक 102.66 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 88.89 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। पिछले साल पंजाब से कुल 103.43 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। हरियाणा से चालू रबी में अभी तक 66.05 लाख टन गेहूं खरीदा गया है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य से 62.56 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। पिछले साल हरियाणा से 67.77 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेष से चालू सीजन में अभी तक 5.31 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 5.86 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी। उत्तर प्रदेष से पिछले साल कुल 22.67 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।
मध्य प्रदेष से चालू रबी सीजन में 37.57 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 52.43 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। राज्य से पिछले रबी विपणन सीजन में कुल 73.09 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। राजस्थान से चालू रबी में 5.80 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 7.06 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका था। राज्य से पिछले साल कुल 13 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
केंद्र सरकार ने गेहूं के आयात पर 25 फीसदी का आयात षुल्क लगा रखा है तथा कीमतों में तेजी आयेगी तो सरकार आयात षुल्क में कटौती कर सकती है इसी डर के कारण स्टॉकिस्टों की खरीद कम हो गई है। केंद्र सरकार के पास पहली अप्रैल को 145.38 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद था जोकि तय मानकों से ज्यादा है। इसीलिए गेहूं की सरकारी खरीद तय मात्रा से कम भी होगी तो भी सरकार को चिंता नहीं है। उल्टा सरकार पर राजस्व का भार कम पड़ेगा।
इस समय आस्ट्रेलिया से आयातित गेहूं दक्षिण भारत में पहुंच 1,950 से 2,000 रुपये प्रति क्विंटल है ऐसे में अगर सरकार आयात षुल्क में कटौती करेगी तो भाव और कम हो जायेंगे। वैसे भी विष्व बाजार में गेहूं की उपलब्धता ज्यादा है इसलिए सीबॉट में गेहूं की कीमतों में नरमी बनी हुई है। विष्व बाजार में अभी गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना भी नहीं है।
दिल्ली में गेहूं के भाव 1,625 से 1,630 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि केंद्र सरकार ने गेहूं का बिक्री भाव नए सीजन के लिए 1,640 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है ऐसे में आगामी महीनों में दिल्ली में गेहूं का भाव बढ़कर 1,700 से 1,750 रुपये प्रति क्विंटल तक ही होने का अनुमान है।..........आर एस राणा
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