सरकार ओएमएसएस के तहत गेहूं जुलाई में बेचेगी
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपनणन सीजन 2016-17 में गेहूं की सरकारी खरीद 228.95 लाख टन ही हो पाई है जबकि पिछले रबी विपणन सीजन की समान अवधि में 271.13 लाख टन की गेहूं की खरीद हो चुकी थी।
हरियाणा के बाद मध्य प्रदेष में भी सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं की आवक बंद हो गई है तथा इस समय केवल पंजाब, उत्तर प्रदेष और उत्तर प्रदेष में ही खरीद केंद्रों पर आवक हो रही है लेकिन इन राज्यों में भी आवक काफी कम हो गई है। ऐसे में उम्मीद है कि गेहूं की सरकारी खरीद 230 से 232 लाख टन ही हो पायेगी, जबकि पिछले रबी विपणन सीजन में एमएसपी पर 280.87 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। गेहूं में इस समय स्टॉकिस्टों की अच्छी खरीद बनी हुई है जिससे भाव तेज बने हुए हैं। उत्पादक मंडियों मंें आवक कम हो गई है जबकि सरकारी जुलाई से पहले गेहूं की बिक्री षुरु नहीं करेगी, इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी तेजी आने का अनुमान है।
चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब से 106.29 लाख टन, हरियाणा से 67.21 लाख टन, उत्तर प्रदेष से 7.98 लाख टन, मध्य प्रदेष से 39.90 लाख टन तथा राजस्थान से 7.46 लाख टन गेहूं की ही खरीद हुई थी। पिछले साल की समान अवधि में पंजाब से 103.31 लाख टन, हरियाणा से 66.91 लाख टन, उत्तर प्रदेष से 16.40 लाख टन, मध्य प्रदेष से 71.94 लाख टन और हरियाणा से 11.95 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। अतः इस बार जहां पंजाब और हरियाणा से गेहूं की खरीद में बढ़ोतरी हुई है वहीं मध्य प्रदेष, उत्तर प्रदेष और राजस्थान से खरीद में कमी आई है। सबसे ज्यादा खरीद में कमी मध्य प्रदेष से आई है तथा मध्य प्रदेष से केवल 39.90 लाख टन गेहूं ही खरीदा गया है मध्य प्रदेष को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आवंटन के लिए ही 35 लाख टन गेहूं की जरुरत होगी। ऐसे में अन्य राज्यों को यहां से गेहूं का आवंटन नहीं के बराबर होगा।
देषभर की फलोर मिलों को गेहूं का आवंटन पंजाब और हरियाणा से ही होगा जोकि दक्षिण भारत की मिलों को मध्य प्रदेष और हरियाणा के मुकाबले महंगा पड़ेगा। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास पहली मई को 314.45 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद है जबकि पिछले साल पहली मई को स्टॉक 341.27 लाख टन था, और पहली जून 2015 को 403.51 लाख टन था।.......आर एस राणा
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी विपनणन सीजन 2016-17 में गेहूं की सरकारी खरीद 228.95 लाख टन ही हो पाई है जबकि पिछले रबी विपणन सीजन की समान अवधि में 271.13 लाख टन की गेहूं की खरीद हो चुकी थी।
हरियाणा के बाद मध्य प्रदेष में भी सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं की आवक बंद हो गई है तथा इस समय केवल पंजाब, उत्तर प्रदेष और उत्तर प्रदेष में ही खरीद केंद्रों पर आवक हो रही है लेकिन इन राज्यों में भी आवक काफी कम हो गई है। ऐसे में उम्मीद है कि गेहूं की सरकारी खरीद 230 से 232 लाख टन ही हो पायेगी, जबकि पिछले रबी विपणन सीजन में एमएसपी पर 280.87 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। गेहूं में इस समय स्टॉकिस्टों की अच्छी खरीद बनी हुई है जिससे भाव तेज बने हुए हैं। उत्पादक मंडियों मंें आवक कम हो गई है जबकि सरकारी जुलाई से पहले गेहूं की बिक्री षुरु नहीं करेगी, इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी तेजी आने का अनुमान है।
चालू रबी विपणन सीजन में अभी तक हुई कुल खरीद में पंजाब से 106.29 लाख टन, हरियाणा से 67.21 लाख टन, उत्तर प्रदेष से 7.98 लाख टन, मध्य प्रदेष से 39.90 लाख टन तथा राजस्थान से 7.46 लाख टन गेहूं की ही खरीद हुई थी। पिछले साल की समान अवधि में पंजाब से 103.31 लाख टन, हरियाणा से 66.91 लाख टन, उत्तर प्रदेष से 16.40 लाख टन, मध्य प्रदेष से 71.94 लाख टन और हरियाणा से 11.95 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। अतः इस बार जहां पंजाब और हरियाणा से गेहूं की खरीद में बढ़ोतरी हुई है वहीं मध्य प्रदेष, उत्तर प्रदेष और राजस्थान से खरीद में कमी आई है। सबसे ज्यादा खरीद में कमी मध्य प्रदेष से आई है तथा मध्य प्रदेष से केवल 39.90 लाख टन गेहूं ही खरीदा गया है मध्य प्रदेष को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आवंटन के लिए ही 35 लाख टन गेहूं की जरुरत होगी। ऐसे में अन्य राज्यों को यहां से गेहूं का आवंटन नहीं के बराबर होगा।
देषभर की फलोर मिलों को गेहूं का आवंटन पंजाब और हरियाणा से ही होगा जोकि दक्षिण भारत की मिलों को मध्य प्रदेष और हरियाणा के मुकाबले महंगा पड़ेगा। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास पहली मई को 314.45 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद है जबकि पिछले साल पहली मई को स्टॉक 341.27 लाख टन था, और पहली जून 2015 को 403.51 लाख टन था।.......आर एस राणा
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