आर एस राणा
नई दिल्ली। विष्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आई तेजी से देष के खाद्य तेलों के आयात बिल में बढ़ोतरी होगी। नवंबर महीने मंे सीपीओ की औसत कीमत 2,100 रिंगिट थी जोकि अक्टूबर में घटकर नीचे के स्तर 1,800 रिंगिट पर आ गई थी लेकिन इस समय कीमत बढ़कर 2,685 रिंगिट पर पहुंच गई है।
उद्योग के अनुसार कीमतों में हुई बढ़ोतरी हुई है साथ ही चालू तेल वर्ष में खाद्य तेलों का आयात भी बढ़ेगा जिससे खाद्य तेलों के आयात बिल में 20 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। चालू तेल वर्ष (नवंबर-15 से अक्टूबर-16 के दौरान देष में 160 लाख टन तेलों का आयात होने का अनुमान है जिसकी कीमत 75,000 करोड़ रुपये हो जायेगी जबकि तेल वर्ष 2014-15 में 145 लाख टन तेलों का आयात हुआ था जिसकी कीमत 60,000 करोड़ रुपये थी।
नवंबर-2015 से मार्च 2016 के बीच 27,990 करोड़ रुपये के 62.7 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात हो चुका है। प्रतिकूल मौसम के कारण विष्व के दो सबसे बड़े उत्पादक देषों इंडोनेषिया और मलेषिया में आपूर्ति घटने के कारण इस साल कीमतें मजबूत रहने के आसार है। विदेषी बाजार में खाद्य तेलों की उंची कीमतों का असर घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों की कीमतों पर पड़ेगा। केंद्र सरकार के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के उत्पादन में भी कमी आने का अनुमान है।
मलेषिया में सीपीओ का उत्पादन 15 से 20 लाख टन घटकर 190 लाख टन रह सकता है जबकि इंडोनेषिया में उत्पादन 310 लाख टन रहने का अनुमान है। वैष्विक पाम तेल उत्पादन में इन दोनों देषों की हिस्सेदारी 86 फीसदी है। भारत में कुल खाद्य तेल आयात में करीब एक तिहाई हिस्सा रिफाइंड तेल का है जबकि दो-तिहाई सीपीओ का होता है।....आर एस राणा
नई दिल्ली। विष्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आई तेजी से देष के खाद्य तेलों के आयात बिल में बढ़ोतरी होगी। नवंबर महीने मंे सीपीओ की औसत कीमत 2,100 रिंगिट थी जोकि अक्टूबर में घटकर नीचे के स्तर 1,800 रिंगिट पर आ गई थी लेकिन इस समय कीमत बढ़कर 2,685 रिंगिट पर पहुंच गई है।
उद्योग के अनुसार कीमतों में हुई बढ़ोतरी हुई है साथ ही चालू तेल वर्ष में खाद्य तेलों का आयात भी बढ़ेगा जिससे खाद्य तेलों के आयात बिल में 20 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। चालू तेल वर्ष (नवंबर-15 से अक्टूबर-16 के दौरान देष में 160 लाख टन तेलों का आयात होने का अनुमान है जिसकी कीमत 75,000 करोड़ रुपये हो जायेगी जबकि तेल वर्ष 2014-15 में 145 लाख टन तेलों का आयात हुआ था जिसकी कीमत 60,000 करोड़ रुपये थी।
नवंबर-2015 से मार्च 2016 के बीच 27,990 करोड़ रुपये के 62.7 लाख टन वनस्पति तेलों का आयात हो चुका है। प्रतिकूल मौसम के कारण विष्व के दो सबसे बड़े उत्पादक देषों इंडोनेषिया और मलेषिया में आपूर्ति घटने के कारण इस साल कीमतें मजबूत रहने के आसार है। विदेषी बाजार में खाद्य तेलों की उंची कीमतों का असर घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों की कीमतों पर पड़ेगा। केंद्र सरकार के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार घरेलू बाजार में खाद्य तेलों के उत्पादन में भी कमी आने का अनुमान है।
मलेषिया में सीपीओ का उत्पादन 15 से 20 लाख टन घटकर 190 लाख टन रह सकता है जबकि इंडोनेषिया में उत्पादन 310 लाख टन रहने का अनुमान है। वैष्विक पाम तेल उत्पादन में इन दोनों देषों की हिस्सेदारी 86 फीसदी है। भारत में कुल खाद्य तेल आयात में करीब एक तिहाई हिस्सा रिफाइंड तेल का है जबकि दो-तिहाई सीपीओ का होता है।....आर एस राणा
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